MP अजब है..सबसे गजब है: यहाँ परीक्षा दिए बिना, आप हो जाएंगे पास ! जानें क्या है पूरा मामला
बैचलर ऑफ फिजियोथैरेपी की ऐसी दो छात्राओं को पास कर दिया, जो परीक्षा में शामिल ही नहीं हुई। इस यूनिवर्सिटी की अजब-गजब इस कहानी को सुनकर आपकी तरह हर कोई हैरान है। दरअसल कुछ हुआ ही ऐसा है कि कोई इतनी आसानी से यकीन न करें।
जबलपुर, 26 जुलाई: परीक्षा कोई भी हो, उसे देने में अच्छे-अच्छों के हाथ-पैर फूल जाते है। लेकिन यदि बगैर परीक्षा दिए आप अच्छे नंबरों से पास हो जाओं, तो आपको कैसा लगेगा? बेशक आप ख़ुशी से झूम उठेंगे और आपके लिए उस यूनिवर्सिटी से अच्छी दूसरी कोई यूनिवर्सिटी हो ही नहीं सकती। ऐसा ही कुछ मप्र के जबलपुर में बैचलर ऑफ फिजियोथैरेपी की दो छात्राओं के साथ हुआ। पढ़िए ये पूरी खबर...
अजब है..सबसे गजब है ये यूनिवर्सिटी
मप्र की इकलौती मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर में है। यहाँ से पूरे मप्र के मेडिकल छात्र-छात्राओं की पढ़ाई और परीक्षा का जिम्मा संचालित होता है। कई कारगुजारियों से चर्चा रहने वाली यह यूनिवर्सिटी इस बार बगैर परीक्षा दिए दो स्टूडेंट को पास करने के मामले में चर्चा में है। दरअसल कुछ हुआ ही ऐसा है कि कोई इतनी आसानी से यकीन न करें। बैचलर ऑफ फिजियोथैरेपी की ऐसी दो छात्राओं को पास कर दिया, जो परीक्षा में शामिल ही नहीं हुई। इस यूनिवर्सिटी की अजब-गजब इस कहानी को सुनकर आपकी तरह हर कोई हैरान है।
सेकेंड और फाइनल ईयर की दो छात्राएं हुई पास !
दरअसल 1 जुलाई को मेडिकल विश्वविद्यालय ने बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी सेकेंड ईयर का रिजल्ट घोषित किया था। इसी तरह थर्ड ईयर की परीक्षाओं के नतीजे 14 जुलाई को घोषित किए गए। जिसमें दो ऐसी छात्राओं को पास करते हुए उनका परिणाम घोषित कर दिया, जो किसी वजह से परीक्षा में शामिल ही नहीं हुई थी। इस बात की जानकारी जब परीक्षा में फेल हुए अन्य स्टूडेंट्स को लगी तो उन्होंने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। मेडिकल स्टूडेंट यूनियन ने विश्व विद्यालय पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए है।
कभी पेपर लीक तो कभी रोल नंबर की गड़बड़ी
कुछ समय पहले नर्सिंग की परीक्षा का पेपर लीक हुआ था। इसके अलावा कुछ परीक्षाओं में एक ही रोल नंबर कई छात्र-छात्राओं को अलॉट कर देने की गड़बड़ी भी सामने आ चुकी है। स्टूडेंट यूनियन ने दोनों ही मामलों को लेकर भोपाल स्तर तक शिकायत की थी। जिसके बाद कुछ जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई भी की गई। लेकिन इस बार सामने आई इस फेल-पास की बड़ी लापरवाही ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। जानकारी के मुताबिक परीक्षा में गैरहाजिर रही जिन छात्राओं को पास दिखाया गया है, उनमें थर्ड ईयर की छात्रा को अंकसूची के पेज नंबर 47 के सरल क्रमांक 657 और सेकेंड ईयर की छात्रा को पेज नंबर 10 के सरल क्रमांक 19 में पास दर्शाया गया है, जबकि दोनों परीक्षा में शामिल ही नहीं हुई।
यूनिवर्सिटी के एग्जाम कंट्रोलर की दलील
परीक्षा शुरू होने से लेकर परिणाम घोषित होने तक यह पहला अवसर नहीं है, जब विश्वविद्यालय प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है। पहले भी ऐसी गड़बड़ियाँ होती रही लेकिन प्रबंधन उन पर पर्दा डालता रहा। इस मामले में फिर अधिकारी अपना पल्ला झाड़ने में लगे है। यूनिवर्सिटी के एग्जाम कंट्रोलर डॉ. सचिन कुचया का कहना है कि यह रिजल्ट नई ठेका कंपनी के काम शुरू करने के पहले मैन्युअली तैयार किया गया था, जिसमें एंट्री करते समय चूक हुई है। मामले को ईसी के समक्ष रखने के बाद जल्द ही नया रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा।
दोषियों पर कार्रवाई क्यों नहीं ?
30 जुलाई को मेडिकल विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह आयोजित है। प्रबंधन आयोजन की तैयारियों में जोर-शोर से जुटा है। वही मेडिकल छात्र संगठनों ने दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यूनिवर्सिटी से इस साल जारी हुए सभी परीक्षा परिणामों की गंभीरता से जांच होना चाहिए। स्टूडेंट्स ने अन्य परिणामों में भी गड़बड़ी की आशंका जताई है। वही दीक्षांत समारोह में आ रहे मप्र के राज्यपाल के सामने भी छात्र संगठन यूनिवर्सिटी का काला चिट्ठा खोलने की तैयारी कर चुके है।