Taj Mahal से कम नहीं इनका Bajaj, रत्नों से जड़े स्कूटर में चलते है जबलपुर के अकरम मियां, लग्जरी कार भी है फेल
नए मॉडल की आ रही गाड़ियों के ज़माने में पुरानी गाड़ियां लोग कबाड़ समझते हैं। लेकिन एमपी के जबलपुर में एक शख्स ने अपनी बीबी की नई गाड़ी की फरमाइश अलग ही ढंग से पूरी की। अकरम मियां का बजाज स्कूटर आज बेहद ख़ास बन गया हैं।
Bajaj scooter like Taj Mahal:'मोहब्बत' ऐसा लफ्ज़, यदि किसी के दिल में ठहर जाए तो उसे आसमान से तारे तोड़ना भी पेड़ से अमरुद तोड़ने जैसा लगने लगता है। ये दुनिया भी मोहब्बत के कई किस्सों से भरी हैं। चाहे मुमताज के लिए ताजमहल बनबाने वाले शाहजहां या फिर शीरीं से बेपनाह इश्क कर बैठे फरहीद का 'दूध की नदियां' बहाने का किस्सा हो। जबलपुर के अकरम मियां के बजाज स्कूटर की भी वैसी ही कहानी हैं। इनका बजाज दूसरों से अलग हैं। 23 साल पुराने इस स्कूटर के सामने आज लाखों की महंगी कार फेल है। क्योकि यह स्कूटर आर्टिफिशियल रत्नों और हाईटेक चीजों से सजी हैं। अकरम और उनकी पत्नी दोनों को इससे बेइंतहा मोहब्बत है।
डायमंड के शो-रूम से कम नहीं अकरम मियां की स्कूटर
पुराने ज़माने में साइकिल, स्कूटर-बाइक सजाने का खूब चलन था। पहियों के स्पोक में इलेक्ट्रिक वायर या फिर हैंडिल और आगे से पीछे तक फीते से सजावट। रास्तों से गुजरती ऐसी गाड़ियां मोहल्ले और शहर में चर्चा का विषय होती थी। उसी ज़माने की याद आज मप्र के जबलपुर के अकरम मियां की यह स्कूटर दिला रही है। बजाज कंपनी की यह स्कूटर आर्टिफिशियल तरह तरह के रत्नों से सजी हुई है। गाड़ी के स्टेंड से लेकर सीट कवर में भी डायमंड लगे हैं। अकरम भाई की ये गाड़ी जब फर्राटे भरती है, तो देखने वालों को ऐसा लगता है जैसे डायमंड का कोई शो रूम सड़क से जा रहा हो।
कार की तरह म्यूजिक सिस्टम और कैमरा
ख़ास बात यह कि लगभग 23 साल पुरानी इस स्कूटर में नए ज़माने की कार वाली कई सुविधाएं मौजूद हैं। कार की तरह मीटर डिस्प्ले हैंडिल में म्यूजिक सिस्टम भी लगा हैं। हाई क्वालिटी अपर डिपर लाइट भी। गाड़ी चलती है, तो गाने बजने शुरू हो जाते है और रोड पर गाड़ी रुकती है तो डिसप्ले स्क्रीन में पीछे का ट्रैफिक रिकॉर्ड होने लगता है। पीछे हाईक्वालिटी के कैमरे लगे है।
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जानिए कौन है अकरम मियां?
अकरम मियां पेशे से बाइक मेकेनिक है। शहर के सतपुला बाजार में उनकी दुकान है। 50 साल से बाइक, बुलेट सुधारते आ रहे हैं। लेकिन चलते स्कूटर में है। गाड़ियों का इलाज करते-करते उनकी सूरत भी बदलने में माहिर है। अकरम मियां ने बताया है कि इस स्कूटर से ही इनकी जिंदगी जुड़ी हुई है। शादी में उपहार में मिली थी, पत्नी को इसी पर बैठाकर लाए थे। दो दशक में दुपहियां गाड़ियों के दर्जनों मॉडल आ गए लेकिन बजाज की इस गाड़ी से लगाव, उनको जुदा नहीं कर पाया।
बीबी को दिया तोहफा, घूम आए अजमेर
अकरम मियां जितनी मोहब्बत अपनी पत्नी से करते है, उतनी ही दिल में जगह इस स्कूटर की भी है। बताते है कि ससुराल से मिली बजाज की इस स्कूटर को परिवार के सदस्य की तरह ही माना। गाड़ी पुरानी होने पर जब कबाड़ जैसी हो गई, उनकी बीबी ने स्कूटर को बेचकर नई बड़ी गाड़ी की फरमाइश की। लेकिन अकरम भाई ने नई गाड़ी लेने की बजाय पुरानी ही गाड़ी को ऐसी शक्ल दे दी, जिसके जैसी अब कोई दूसरी गाड़ी नहीं। अपनी पत्नी को इसी स्कूटर पर बैठाकर अकरम मियां कई जगहों की यात्राएं कर चुके है। कुछ समय पहले जबलपुर से अजमेर का टूर लगाकर आए है।
एक चक्कर चलाने वालों की होड़
अकरम मियां की इस स्कूटर के दूर-दूर तक चर्चा है। जबलपुर के लेखक पंकज स्वामी को भी जब इस गाड़ी के बारे में पता चला तो वह खुद को रोक नहीं पाए। उन्होंने एक बार यह गाड़ी चलाई और बोले कि सभी इंतजामों से लैस यह गाड़ी जब चलती है तो ऐसा लगता है जैसे लाखों की किसी लग्जरी कार में चल रहे है। पंकज बोले कि मुमताज के लिए शाहजहां ने ताजमहल बनवाया था और अकरम मियां ने अपनी पत्नी की ख़्वाहिश पूरी करने गाड़ी को रत्नों से जड़ दिया।
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