शहीद अश्वनी कुमार काछी : सिर पर 'सेहरा' सजने से पहले बेटा 'तिरंगा' में लिपटकर हुआ विदा, वीडियो
Jabalpur News, जबलपुर। हजारों लोग...। सबके दिलों में गुस्सा...। जुबां पर जिंदाबाद के नारे और हाथों में तिरंगा...। कुछ इसी अंदाज में शहीद अश्वनी कुमार काछी अंतिम यात्रा पर रवाना हुए तो हर आंख नम हो गईं। सीना गर्व से चौड़ा हो गया और पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सबका खून खौल उठा।
मध्यप्रदेश के जलबपुर जिले के मझौली इलाके के गांव खुड़ावल निवासी अश्वनी कुमार काछी (Ashwani Kumar Kachhi) 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर हुए उरी से भी बड़े आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। 30 वर्षीय अश्वनी कुमार अविवाहित थे। परिजन इनके सिर पर सेहरा सजाने का ख्वाब देख रहे थे कि शनिवार सुबह यह बहादुर बेटा तिरंगे में लिपटकर घर आया तो कोहराम मच गया। न केवल शहीद के परिजन बल्कि पूरा गांव रो पड़ा। उधर, शहादत पर मध्यप्रदेश सरकार ने अश्वनी के परिजनों को एक करोड़ रुपए की आर्थिक मदद की घाेषणा की है।
शवयात्रा में हजारों लोग हुए शामिल
अश्वनी कुमार की पार्थिव देह पैतृक गांव पहुंची तो हर कोई उनके अंतिम दर्शन करने उमड़ा। सड़क के दोनों तरफ लोगों की कतारें लग गईं। बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक हर कोई अश्वनी की शहादत को सैल्यूट करता दिखा। शवयात्रा में बड़ी संख्या में युवा अपने हाथों में तिरंगा लेकर भी शामिल हुए।
नवरात्र पर आने वाले थे घर
मध्यप्रदेश के गांव खुड़ावल में बीड़ी मजदूर कौशल्या व सुकरू काछी के घर तीस वर्ष पहले जन्मे अश्वनी कुमार काछी पांच भाई-बहनों में से सबसे छोटे थे और सबके दुलारे भी। पिछले साल नवरात्र पर घर आकर गए थे। इसके बाद से परिजन इनकी शादी की बात चलानी शुरू कर दी है। इस बार चैत्र नवरात्र में घर आने का वादा करके गए थे, मगर पुलवामा हमले (Pulwama Attack) में शहीद हो गए और शनिवार को तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचे तो कोई आंसू नहीं रोक पाया।