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World press Freedom Day: पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर US और UN ने जताई चिंता, इंटरनेट बैन की आलोचना

वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे के मौके पर अमेरिका और यूनाइटेड नेशंस ने पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। अमेरिका ने इंटरनेट पर लगाई जाने वाली पाबंदियों की निंदा की है।

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वॉशिंगटन/जेनेवा/नई दिल्ली, मई 03: वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे के मौके पर अमेरिका ने दुनिया में पत्रकारों की सुरक्षा, उनपर लगाई जाने वाली पाबंदियों को लेकर चिंता जताई है। अमेरिका ने उन घटनाओं की निंदा की है, जिसमें लोगों की अभिव्यक्ति आजादी छीनने के लिए सरकारें इंटरनेट पर पाबंदियां लगा देती हैं। अमेरिका ने दुनियाभर की सरकारों से अपील की है कि वो पत्रकारों की सुरक्षा और अभिव्यक्ति की आजादी का ना सिर्फ सम्मान करें बल्कि उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उठाएं। वहीं, यूनाइटेड नेशंस ने भी दुनियाभर में पत्रकारों पर होने वाली हिंसा और हमलों को लेकर गहरी चिंता जताई है।

वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे आज

वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे आज

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे के मौके पर कहा कि 'इंटरनेशनल प्रेस फ्रीडम डे के मौके पर अमेरिका अभिव्यक्ति की आजादी के साथ है। जानकारी और संचार माध्यम बेहद महत्वपूर्ण हैं, और स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रेस लोगों को जागरूक और जानकार करने में सबसे सशक्त भूमिका निभाता है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि इसकी रक्षा की जाए और प्रतिबंधों के खिलाफ जिम्मेदारी तय की जाए।' इसके साथ ही अमेरिका के विदेश मंत्री ने कहा कि 'अमेरिका हर तरह के जर्नलिज्म, चाहे वो ऑनलाइन हो या फिर ऑफलाइन, उसका स्वागत करता है। अमेरिका दुनियाभर के जर्नलिस्टों और मीडियाकर्मियों की सुरक्षा के साथ खड़ा है'। इसके साथ ही एंटनी ब्लिंकन ने सऊदी अरब के जर्नलिस्ट जमाल खशोगी के मर्डर का भी जिक्र किया और उस घटना की निंदा की है।

इंटरनेट पर पाबंदी की आलोचना

इंटरनेट पर पाबंदी की आलोचना

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान और मैक्सिकों में सच्चाई की आवाज बनने का बड़ा खामियाजा जर्नलिस्टों को अपनी जिदगी देकर चुकानी पड़ी। बड़ी संख्या में जर्नलिस्ट मैक्सिको और अफगानिस्तान में मारे गये हैं। वहीं, चीन, तुर्की और इजिप्ट में जर्नलिस्टों की आवाज को दबाने के लिए उन्हें जेल में बंद कर दिया जाता है और उन्हें सरकारी यातनाएं दी जाती हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि महामारी के इस दौर में कई देशों की सरकारों ने फ्रीडम ऑफ प्रेस को काफी नुकसान पहुंचाया है, जबकि ये वो वक्त है जब जर्नलिस्टों को और आजादी के साथ काम करने देने की जरूरत है। एंटनी ब्लिंकन ने दुनियाभर की सरकारों से जर्नलिस्टों की सुरक्षा, फ्रीडम ऑफ प्रेस बनाए रखने, अभिव्यक्ति की आजादी का सम्मान करने की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने सरकारों द्वारा इंटरनेट पर पाबंदी लगाने को लेकर भी सरकारों की खूब आलोचना की है।

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यूनाइटेड नेशंस ने जताई चिंता

वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे के मौके पर यूनाइटेड नेशंस ने भी जर्नलिस्टों की सुरक्षा और फ्रीडम ऑफ प्रेस को लेकर चिंता जताई है। यूनाइटेड नेशंस के चीफ एंटोनियो गुटेरस ने कहा है कि 'दुनिया के कई देशों में जर्नलिस्टों को प्रताड़ित किया जाता है, मीडिया के ऊपर पाबंदियां लगाई जाती हैं, जर्नलिस्टों को निशाना बनाया जाता है, उनकी हत्या कर दी जाती है और उन्हें उनके काम से रोका जाता है, जो बेहद चिंता की बात है।' उन्होंने कहा कि 'वर्ल्ड फ्रेस फ्रीडम डे के मौके पर मैं दुनिया के सभी देशों की सरकारों से अपील करना चाहता हूं कि वो जर्नलिस्ट, मीडिया पर्सन की रक्षा करें, उन्हें सहयोग करें और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करें।

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English summary
On the occasion of World Press Freedom Day, the United States and the United Nations have raised concerns about the safety of journalists. The United States has condemned the restrictions placed on the Internet.
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