World Post Day: 5G के दौर में भी कम नहीं हुआ है डाक सेवाओं का महत्व, जानें इसका इतिहास
भले ही यह दौर इंटरनेट का है और हम अब 5G के दौर में पहुंच गए हैं मगर इससे डाक सेवाओं का तनिक भी कम महत्व नहीं हो जाता है।
9 अक्टूबर को दुनिया भर में विश्व डाक दिवस (World Post Day) मनाया जाता है। भले ही यह दौर इंटरनेट का है और हम अब 5G के दौर में पहुंच गए हैं मगर इससे डाक सेवाओं का तनिक भी कम महत्व नहीं हो जाता है। भले ही इसका उपयोग एक-दूसरे तक संदेशों को पहुंचाने में अब प्रचलित नहीं रहा हो मगर अभी भी कई दुर्गम स्थानों तक जहां इटरनेट की सुलभता नहीं है, संदेश पहुंचाने के लिए डाक सेवा की ही मदद ली जाती है। वैश्विक, सामाजिक और आर्थिक विकास में अनोखा योगदान देने वाले डाक सेवा के इतिहास, महत्व और कई चीजें जो आपको जाननी चाहिए आगे हम आपको बताएंगे।
Photo: India Post Twitter
विश्व डाक दिवस 2022 के लिए थीम
संयुक्त राष्ट्र (UN) के अनुसार, विश्व डाक दिवस 2022 की थीम "पोस्ट फॉर प्लेनेट" है। इस थीम का उद्देश्य बढ़ते क्लाइमेट क्राइसिस से बचने और पृथ्वी की रक्षा के लिए पोस्टल सर्विसेस का रोल तय करना है। हर साल 192 देशों द्वारा प्रतिवर्ष विश्व डाक दिवस मनाया जाता है। यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन 1948 में संयुक्त राष्ट्र का हिस्सा बन गया। विश्व डाक दिवस पहली बार 9 अक्टूबर 1969 को टोक्यो, जापान में मनाया गया था।
डाक दिवस मनाने का उद्देश्य
9 अक्टूबर 1874 को ही स्विट्जरलैंड के बर्न में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) की स्थापना हुई थी। इसी की वर्षगांठ पर प्रत्येक साल 9 अक्टूबर को ही विश्व डाक दिवस मनाया जाता है। डाक दिवस मनाए जाने का उद्देश्य लोगों को डाक सेवा के महत्व के प्रति जागरुक करना है। इस दिन के जरिए लोगों को यह बताना कि किस तरह डाक सेवा ने एक व्यक्ति से लेकर समाज और देश-दुनिया तक हर स्तर पर विकास में अहम योगदान दिया है।
पहली डाक फ्लाइट सेवा भारत से शुरू
सन् 1876 में भारत यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन का सदस्य बना था। भारत यह सदस्यता लेने वाला पहला एशियाई देश था। भारतीय डाक सेवा 1.55 लाख से भी अधिक डाकघरों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी डाक प्रणाली में से एक है। भारत में पहला डाकघर ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा 1774 में कोलकाता में स्थापित किया गया था। फ्रांसीसी पायलट हेनरी पेक्वेट ने 18 फरवरी, 1911 को, हवाई जहाज द्वारा उड़ाया गया पहला आधिकारिक मेल किया था। आपको यह जानकार सुखद आश्चर्य होगा कि यह फ्लाइट भारत से ही शुरू हुई थी। पायलट पेक्वेट ने अंबर बाइप्लेन पर एक बोरी में भरकर लगभग 6,000 पोस्ट कार्ड रखे थे। भारत आज विश्व का सबसे बड़ा पोस्टल नेटवर्क है।