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21 देशों ने 114 रूसी राजनयिकों को निकालने का दिया आदेश, कोल्‍ड वॉर के बाद फिर से दुनिया रूस के खिलाफ!

चार मार्च को ब्रिटेन में पूर्व रूसी मिलिट्री इंटेलीजेंस ऑफिसर सर्गेई स्क्रिपल और उनकी बेटी यूलिया को नर्व एजेंट जैसे खतरनाक जहर से मारने की कोशिश ने अब रूस को अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर अलग-थलग कर दिया है।

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मॉस्‍को। चार मार्च को ब्रिटेन में पूर्व रूसी मिलिट्री इंटेलीजेंस ऑफिसर सर्गेई स्क्रिपल और उनकी बेटी यूलिया को नर्व एजेंट जैसे खतरनाक जहर से मारने की कोशिश ने अब रूस को अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर अलग-थलग कर दिया है। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने इस पूरे मामले के लिए रूस को जिम्‍मेदार ठहराया तो रूस इससे इनकार करता आ रहा है। अब तक दुनिया के अलग-अलग देशों की ओर से 100 से ज्‍यादा रूसी राजनयिकों को देश से निकालने का आदेश दे दिया गया है। मंगलवार को इसमें नया नाम ऑस्‍ट्रेलिया का जुड़ा तो सोमवार को अमेरिका ने रूस के 60 राजनयिकों को देश से निकलने का आदेश दे दिया। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका की ओर से 60 रूसी राजनयिकों को देश से निकालने के ऐलान के बाद रूस और पश्चिमी देशों के बीच कूटनीतिक संकट बढ़ता हुआ नजर आ रहा है।

21 देशों ने 114 राजनयिकों को निकाला

21 देशों ने 114 राजनयिकों को निकाला

ब्रिटेन, अमेरिका, ऑस्‍ट्रेलिया, कनाडा, यूक्रेन, फ्रांस, अल्‍बानिया के साथ यूरोपियन यूनियन के कई देश रूस के खिलाफ आ गए हैं। सभी देशों ने ब्रिटेन को एक सुर में समर्थन दिया है और सभी ने रूस के करीब 114 राजनयिकों को निकालने का आदेश जारी कर दिया है। ब्रिटेन की पीएम थेरेसा मे ने दुनिया से अपील की थी कि जासूस को जहर देने के मामले में वह रूस के खिलाफ कार्रवाई करें और उसका समर्थन करें। ब्रिटेन को इतने बड़े स्‍तर पर समर्थन मिलना उसके लिए एक बड़ी कूटनीतिक विजय की तरह है। अभी तक कनाडा ने चार, यूक्रेन ने 13, अल्‍बानिया ने दो, नॉर्वे ने दो, मेसेडोनिया ने दो और कम से 16 यूरोपियन देशों ने रूसी राजनयिकों को देश से निकालने का फैसला कर लिया है।

अमेरिका ने बंद किया कांसुलेट

अमेरिका ने बंद किया कांसुलेट

अमेरिका ने सोमवार को रूस के कांसुलेट को भी बंद करने का आदेश दिया है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि 48 इंटेलीजेंस ऑफिसर्स जो अमेरिका में रूस के डिप्‍लोमैटिक मिशन में काम कर रहे हैं उन्‍हें और साथ न्‍यूयॉर्क में 12 रूसी अधिकारियों को निकाला जाएगा। यूनाइटेड नेशंस में अमेरिकी राजदूत निकी हेली ने इस कदम का स्‍वागत किया है। उन्‍होंने कहा कि न्‍यूयॉर्क में रूस यूनाइटेड नेशंस का प्रयोग उसकी सीमाओं में हो रही खतरनाक गतिविधियों पर पर्दा डालने के लिए करता है। व्‍हाइट हाउस के प्रवक्‍ता, विदेश विभाग ने भी निकी हेलले और मॉस्‍को में अमेरिकी राजदूत जॉन हंट्समैन के साथ इस हमले का विरोध किया था। वहीं हैरानी की बात है कि राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप इस पूरे मामले पर खामोश हैं। उनकी तरफ से न तो कोई ट्वीट किया गया है और न ही कोई बड़ा ऐलान हुआ है।

रूस ने दी चेतावनी

रूस ने दी चेतावनी

पूर्व अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा ने साल 2016 में रूस के 35 राजनयिकों को चुनावों में हस्‍तक्षेप करने के आरोपों के चलते अमेरिका से निकल जाने को कहा था। रूस के विदेश मंत्रालय की ओर से चेतावनी दी गई है कि जिस तरह से देशों का एक ग्रुप उसके खिलाफ दुश्‍मनी का रवैया अपना रहा है, उसका जवाब दिया जाएगा। वॉशिंगटन में रूस के राजदूत ने इशारों-इशारों में बता दिया है कि रूस क्‍या कार्रवाई करेगा। उन्‍होंने स्‍पूतनिक न्‍यूज से बात करते हुए कहा है कि वॉशिंगटन में एक कुशल रूसी संख्‍याबल के लिए एक गंभीर बात है।

कौन हैं सर्गेई

कौन हैं सर्गेई

रूस के जासूस रहे सर्गेई एक रूसी मिलिट्री इंटेलीजेंस ऑफिसर थे और उन पर साल 2006 में यूनाइटेड किंगडम के लिए जासूसी करने का आरोप लगा था। रूस का कहना था कि 90 के दशक में अंत में सर्गेई ब्रिटेन की एमआई6 के लिए काम कर रहे थे और उन्‍होंने जेम्‍स बॉन्‍ड की स्‍टाइल ब्रिटेन को कई सीक्रेट्स दिए थे। सर्गेई को मारने के लिए नर्व एजेंट जैसे खतरनाक केमिकल का प्रयोग किया गया था। नर्व एजेंट एक खतरनाक केमिकल है और इसका जो जहर सर्गेई को दिया गया था उसका नाम नोविचोक है। इसके बारे में अभी तक ज्‍यादा जानकारी दुनिया को नहीं है लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक यह सबसे खतरनाक जहर होता है जिसे देने के कुछ ही मिनटों में आदमी की मौत हो जाती है।

हिंदी में यह भी पढ़ें-क्या होता है नर्व एजेंट, लार टपकने के 5 मिनट बाद जिससे हो जाती है मौतहिंदी में यह भी पढ़ें-क्या होता है नर्व एजेंट, लार टपकने के 5 मिनट बाद जिससे हो जाती है मौत

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English summary
After UK, US, Australia, European Union and few other nations have announced the expelling of Russian diplomats and supported Britain over the issue.
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