यूक्रेन में रूस क्यों नहीं कर रहा है साइबर हमले? सामने आई ये चौंकाने वाली वजहें
नई दिल्ली, 03 मार्च: रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग के चलते आने वाले समय बहुत कुछ बदलने वाला है। लड़ाई शुरू होन से पहले कहा जा रहा था कि, रूस यूक्रेन पर ना केवल हथियारों से हमला करेगा बल्कि वह उनके खिलाफ साइबर युद्ध भी शुरू करेगा। आक्रमण से कुछ ही दिन पहले रूस ने यूक्रेन में बड़े पैमाने पर डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल-ऑफ-सर्विस (DDoS) हमले किए थे। रूस ने यूक्रेन की बैंकों और सरकारी वेबसाइटों को निशाना बनाया था।
उस समय यह उम्मीद की जा रही थी कि रूस दोतरफा युद्ध लड़ेगा। रूस के साइबर हमले युद्ध में उनकी बड़ी योजना के हिस्से होंगे। लेकिन अब स्थिति कुछ बदली हुई नजर आ रही है। साइबर हमले को बड़े पैमाने पर यूक्रेन अंजाम दे रहा है। वहीं रूसी हैकर्स की भूमिका ना के बराबर दिख रही है। इस पूरी लड़ाई में रूसी हैकर्स की उपस्थिति नहीं दिख रही है। वहीं यूक्रेन की आधिकारिक साइबर सेना और निजी हैकर्स की टीमें रूसी बैंकों, सरकारी विभागों और यहां तक कि उनके टीवी चैनलों को एक के बाद एक झटके दे रही हैं।
दुनिया भर के साइबर एक्सपर्ट्स रूस की साइबर यूनिट्स और हैकर्स की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। जिन्होंने यूक्रेन में रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद से बहुत कुछ नहीं किया है। जबकि जंग से कुछ ही दिन पहले, रूस ने यूक्रेन के विदेश मंत्रालय, प्रमुख कैबिनेट मंत्रियों, यूक्रेनी संसद और अन्य सरकारी विभागों और निजी बैंकों जैसी प्रमुख वेबसाइटों पर बहुत शक्तिशाली साइबर हमले किए थे।
लेकिन अब, रूस की ओऱ से ऐसा कोई हमला सामने नहीं आया है, जो यूक्रेन को परेशानी में डाल सके। ह आश्चर्य की बात है क्योंकि दुनिया साइबरस्पेस में रूस के कौशल को जानती है, और जब अन्य देशों के हैकिंग सिस्टम की बात आती है तो उनका एक कुख्यात अतीत रहा है। अब एक्सपर्ट ऐसे कयास लगा रहे हैं कि, साइबर हमले का समय हमेशा निष्पादन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यूक्रेन के पावर ग्रिड या सिस्टम को बंद करने से पहले रूस सही समय का इंतजार कर रहा होगा।
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि रूसी सेना संयुक्त राज्य अमेरिका, इज़राइल या यूके जैसे उनके कुछ समकक्षों की तरह तकनीकी रूप से सक्षम नहीं है और इसलिए स्थानीय नेटवर्क और तकनीकी बुनियादी ढांचे पर बहुत निर्भर हो सकती है। जिसके चलते वे यूक्रेन पर साइबर अैटक करने से बच रहे हैं। इसके अलावा रूसी सेना में युवा अधिक हैं, जो तकनीक पर अधिक निर्भर हैं।
बातचीत के लिए तैयार लेकिन यूक्रेन की सेना को निशाना बनाना जारी रखेंगे- रूसी विदेश मंत्री
वहीं ऐसी खबरें आई थी कि, यूक्रेनी रूसी सेना को भ्रमित करने के लिए दिशा-निर्देश दिखाने वाले बोर्ड और सड़क के संकेतों को हटा रहे हैं। जिससे रूसी सेना को भटकाया जा सके। ऐसी परिस्थितियों में और यूक्रेन में रूसी सेना को इंटरनेट की बहुत अधिक जरूरत पड़ेगी। जिसके चलते वह साइबर हमले करने से बच रहे हों।