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कंधे पर राइफल टांग डिग्री लेने क्यों पहुंची ये लड़की?

22 साल की कैटलिन बेनेट ने हाल ही में अपना ग्रेजुएशन खत्म किया है. वो अमरीका में ओहायो की कैंट स्टेट यूनिवर्सिटी में पढ़ती थीं.

ये तस्वीर उनके दीक्षांत समारोह की है. इस दिन उन्हें अपनी डिग्री मिलनी थी. डिग्री लेने के लिए कैटलिन अलग अंदाज़ में पहुंची. उन्होंने कंधे पर एआर-10 सेमी-ऑटोमेटिक राइफल टांग रखी थी और उनके हाथ में जो ग्रेजुएशन कैप था उस पर लिखा था, "आओ और छीन लो".

By BBC News हिन्दी
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कंधे पर राइफल टांग डिग्री लेने क्यों पहुंची ये लड़की?

आप सोच रहे होंगे कि सफेद स्कर्ट, ब्लैक सैंडल पहने इस लड़की ने अपने कंधों पर इतनी बड़ी-सी राइफल क्यों टांग रखी है?

22 साल की कैटलिन बेनेट ने हाल ही में अपना ग्रेजुएशन खत्म किया है. वो अमरीका में ओहायो की कैंट स्टेट यूनिवर्सिटी में पढ़ती थीं.

ये तस्वीर उनके दीक्षांत समारोह की है. इस दिन उन्हें अपनी डिग्री मिलनी थी. डिग्री लेने के लिए कैटलिन अलग अंदाज़ में पहुंची. उन्होंने कंधे पर एआर-10 सेमी-ऑटोमेटिक राइफल टांग रखी थी और उनके हाथ में जो ग्रेजुएशन कैप था उस पर लिखा था, "आओ और छीन लो".

उनकी इस तस्वीर से पूरे अमरीका में व्यक्तिगत स्वतंत्रता, छात्र प्रदर्शन और श्वेत विशेषाधिकार को लेकर बहस छिड़ गई है.

बेनेट ने बाद में ये तस्वीर अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर करते हुए लिखा कि वो यूनिवर्सिटी की उस नीति का विरोध कर रही थीं, जो छात्रों, प्रोफेसरों और कर्मचारियों को कैंपस में 'जानलेवा हथियार' लाने से रोकती है. लेकिन यही नीति 'मेहमानों' को स्कूल ग्राउंड (लेकिन बिल्डिंग में नहीं) हथियार लाने की अनुमति देती है.

बेनेट ने ये ध्यान दिलाया कि कैंट स्टेट वही जगह है जहां "चार निहत्थे छात्रों की सरकार ने गोली मारकर हत्या कर दी थी." ये घटना 1970 की बताई जाती है, जब सैनिकों और वियतनाम वॉर प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुई थीं. इस दौरान 13 प्रदर्शनकारियों और नज़दीक खड़े लोगों को गोली मारी गई थी.

बेनेट के ट्वीट को 4,800 से ज्यादा बार रीट्वीट किया गया और 19,000 लाइक्स मिले. इस पर उन्हें कई सकारात्मक तो कई नकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिली.

इसके बाद कई सोशल मीडिया पोस्ट और इंटरव्यूज़ के ज़रिए बेनेट ने अपनी बात रखी.

आत्म-रक्षा

एक फेसबुक पोस्ट में बेनेट ने लिखा कि वो "अपनी रक्षा, मेरा अधिकार" मुद्दे की बात कर रही थीं.

फरवरी में पार्कलैंड हाई स्कूल में हुई गोलीबारी के बाद से कई गन राइट्स कार्यकर्ता कहते रहे हैं कि शैक्षिक संस्थाओं में बंदूक हिंसा को रोकने का सबसे अच्छा तरीका ये है कि यहां "गन फ्री ज़ोन" के विचार को ख़त्म किया जाए और कानून का पालन करने वाले नागरिकों को हथियार रखने की छूट दी जाए.

बेनेट का एआर-10 राइफल लेकर आना इसलिए ज्यादा विवादित हो गया क्योंकि ये राइफल एआर-15 का सबसे ताक़तवर वर्ज़न है. कुछ दिन पहले पार्कलैंड और द न्यूटाउन एलिमेंट्री स्कूल में बड़े पैमाने पर हुई शूटिंग में इसी राइफल का इस्तेमाल किया गया था.

लेकिन बेनेट का कहना है कि वो ये राइफल इसलिए लेकर आईं क्योंकि ये उनकी सफेद ड्रेस और हील्स से मैच करती थी.

https://twitter.com/KaitMarieox/status/995699996212322304

मिलिट्री मशीन गन जैसे ऑटोमैटिक हथियारों पर पहले से प्रतिबंध लगा हुआ है. लेकिन बेनेट का मानना है कि मशीन गन्स को भी इस्तेमाल करने की कानूनी मान्यता मिलनी चाहिए.

श्वेत विशेषाधिकार?

एक और बात के लिए बेनेट की आलोचना की गई. कहा गया कि वो आसानी से खुले में हथियार लेकर घूम सकती हैं, लेकिन जातीय तौर पर अल्पसंख्यक लोग - जो पहले से भेदभाव का शिकार हैं और संदेह के घेरे में रहते हैं - अगर वो ऐसा करते हैं तो उन्हें सरकार की हिंसक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.

2016 में फिलांडो कैसटाइल नाम के एक अश्वेत शख्स को पुलिस ने ट्रैफिक स्टॉप पर इसलिए गोली मार दी थी कि उनके पास लाइसेंस वाला हथियार है.

बेनेट ने इस बात के जवाब में कहा कि वो मानती हैं कि श्वेत होने की वजह से उनके पास ये विशेषाधिकार है कि वो 'नस्लवाद' के डर के बिना राइफल लेकर आ सकीं.

कई लोगों ने कहा कि बेनेट का खुदका रवैया नस्लवादी है.

सरकार का अत्याचार

बेनेट की पोस्ट पर इतना विवाद शायद इसलिए भी हुआ क्योंकि उन्होंने इसे 1970 में कैंट स्टेट शूटिंग से जोड़ दिया था. इस शूटिंग की वजह से अमरीका में भारी प्रदर्शन हुए थे.

बेवसाइट 'द वर्ज' की कल्चर एडिटर लॉरा हडसन ने अपनी मां से बेनेट की सोच के बारे में पूछा. दरअसल लॉरा की मां कैंट शूटिंग के दौरान मौजूद थीं.

उनकी मां ने जवाब दिया, "अगर इस महिला ने अपने सामने लोगों को मरते हुए देखा होता तो वो बंदूक रखने का इतना समर्थन नहीं कर रही होती."

"अगर उस घटना के वक्त छात्रों के पास भी बंदूकें होतीं तो ये जनसंहार और भी भयानक होता. और ज़्यादा लोग मारे जाते. जब आप किसी को अपने सामने मरते हुए देखते हैं तो ये आपको हमेशा के लिए बदल देता है."

गन राइट्स की वकालत करने वाले लोगों का कहना है कि दूसरे संशोधन का मकसद आत्म रक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करना नहीं, बल्कि सरकार के अत्याचारों के खिलाफ लड़ने का है.

उनका मानना ये है कि संविधान के निर्माताओं ने ये संशोधन इसलिए किया था ताकि जब सरकार नागरिकों के अधिकारों पर हमला करें तो हथियारबंद नागरिक उनसे लड़ सकें.

बेनेट ने बताया कि ट्विटर पोस्ट से मिली लोकप्रियता के बाद बंदूकें बेचने वाली ओहायो की एक कंपनी ने उन्हें नौकरी की पेशकश की है. हालांकि उनका कहना है कि वो कैंट स्टेट और दूसरी जगहों के लिए गन राइट्स की वकालत करती रहेंगी.

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English summary
Why did this girl reach the rifle foot degree on the shoulder
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