मंकीपॉक्स वर्ल्ड हेल्थ इमरजेंसी क्यों घोषित? जानिए 5 तथ्य
नई दिल्ली, 23 जुलाई। घातक संक्रमण मंकीपॉक्स को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि पूरी दुनिया में मंकीपॉक्स तेजी से फैल रहा है। ऐसे में इस पर नियंत्रण के लिए जल्द सही दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है। आइए जानते हैं 5 वो तथ्य जिसके कारण डब्ल्यूएचओ को ये गंभीर कदम उठाने पड़े हैं।
तेजी
से
फैल
रहा
मंकीपॉक्स
विश्व
स्वास्थ्य
संगठन
ने
कहा
है
कि
मंकीपॉक्स
पूरी
दुनिया
में
तेजी
से
फैल
रहा
है।
साथ
ही
ये
भी
तथ्य
सामने
आए
कि
भविष्य
में
ये
कोरोना
की
तरह
फैल
सकता
है।
ऐसे
में
वर्ल्ड
हेल्थ
अर्गेनाइजेशन
ने
ये
फैसला
किया
है।
सबके
सहयोग
की
आवश्यकता
इससे
निपटने
के
लिए
सभी
को
प्रयास
करना
होगा।
मंकीपॉक्स
से
बचाव
के
लिए
वैश्विक
स्तर
पर
सहयोग
का
आह्वान
किया
गया
है।
विश्व
स्वास्थ्य
संगठन
(डब्ल्यूएचओ)
के
महानिदेशक
टेड्रोस
एडनॉम
घेब्रेयसस
ने
आज
एक
प्रेस
कॉन्फ्रेंस
में
कहा,
"मैंने
तय
किया
है
कि
वैश्विक
मंकीपॉक्स
का
प्रकोप
अंतरराष्ट्रीय
चिंता
के
सार्वजनिक
स्वास्थ्य
आपातकाल
का
प्रतिनिधित्व
करता
है।"
60
देशों
में
अब
तक
16
हजार
मामले
डब्ल्यूएचओ
के
60
सदस्य
देशों
में
अब
तक
मंकीपॉक्स
के
16,000
से
अधिक
मामले
सामने
आए
हैं।
जबकि
पांच
मौतें
हुई
हैं।
विश्व
स्तरीय
स्वास्थ्य
निकाय
इसको
लेकर
गंभीर
है।
स्वास्थ्य
आपातकाल
सहयोग
के
लिए
जरूरी
स्वास्थ्य
निकाय
ने
कहा
कि
वह
आपातकाल
की
घोषणा
कर
रहा
है
क्योंकि
यह
आवश्यक
है
कि
सभी
देश
मंकीपॉक्स
से
निपटने
के
लिए
प्रभावी
जानकारी
और
सेवाओं
को
डिजाइन
और
वितरित
करने
के
लिए
मिलकर
काम
करें।
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संक्रमण
का
इलाज
अब
तक
उपलब्ध
नहीं
मंकीपॉक्स
के
लिए
वर्तमान
में
कोई
विशिष्ट
उपचार
नहीं
है।
मरीजों
को
आमतौर
पर
एक
विशेषज्ञ
अस्पताल
में
रहने
की
आवश्यकता
होगी
ताकि
संक्रमण
न
फैले
और
सामान्य
लक्षणों
का
इलाज
किया
जा
सके।