जानिए डूबने से पहले टाइटैनिक के यात्रियों ने डिनर में आखिरी बार क्या खाया
14 अप्रैल को टाइटैनिक हादसे को 105 वर्ष पूरे होने पर सोशल मीडिया पर लोगों ने सर्च किया हादसे से पहले सर्व किया गया आखिरी डिनर।
लंदन। 14 अप्रैल 1912 को दुनिया में टाइटैनिक के साथ ही एक ऐसी ट्रैजेडी भी इतिहास में दर्ज हो गई जिसमें 1500 लोगों की मौत हो गई थी। क्या आप जानते हैं कि डूबने से पहले टाइटैनिक के यात्रियों ने डिनर में क्या खाया होगा। आपको बता दें कि घटना के 103 वर्ष बाद टाइटैनिक का मेनू सामने आया था।
फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड क्लास का मेन्यू अलग
सिंतबर 2015 को एक ऑक्शनर लायन हार्ट ऑटोग्राफ्स ने टाइटैनिक के मेन्यू को नीलामी के लिए रखा था। डूबने के 105 वर्षों बाद आज तक टाइटैनिक लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। आज भी दुनिया भर में इसकी कहानियों को सुनाया जाता है। ऐसे में इसका मेन्यू कार्ड भी खास ही रहा होगा। इस जहाज के फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड क्लास के पैसेंजर्स के अलग-अलग मेन्यू था। फर्स्ट क्लास के पैसेंजर्स को डिनर में रोस्ट बीफ, ग्रिल्ड मटन चॉप्स और चिकन ला मैरीलैंड दिया गया था। वहीं सेकेंड क्लास के पैसेंजर्स ने 14 अप्रैल को डिनर में करी चिकन और चावल, स्प्रिंग लैंब, मिंट सॉस, रोस्ट टर्की, हरी मटर, चावल दिया गया था। वहीं थर्ड क्लास के पैसेंजर्स को चावल का सूप, ताजी डबलरोटी, केबिन बिस्कुट, रोस्ट बीफ, रोस्ट बीफ, ब्राउन ग्रेवी, स्वीट कॉर्न और उबले आलू डिनर में दिए गए थे। कहा जाता है कि फर्स्ट क्लास के पैसेंजर्स जिस लाइफ बोट में चढ़े थे उसे मनी बोट या फिर मिलेनियर बोट कहा गया था। ऐसा इसलिए था क्योंकि उस समय मीडिया में अफवाहें आई थीं कि जान बचाने के लिए कुछ यात्रियों ने लाइफ बोट में जगह पाने के लिए क्रू मेंबर्स को घूस दी थी।
चौथे दिन में ही डूब गया टाइटैनिक
10 अप्रैल 1912 में इंग्लैंड से रवाना हुआ टाइटैनिक का 14-15 अप्रैल की रात नॉर्थ अटलांटिक महासागर में डूबा गया था। टाइटैनिक को डूबे हुए 105 साल हो गए हैं। टाइटैनिक ब्रिटेन के साउथम्पटन से न्यूयॉर्क जाने के लिए निकला था। एक आइसबर्ग से टकराने के बाद टाइटैनिक हादसे का शिकार हो गया था। टाइटेनिक जब डूबा, तो वो अपने सफर के चौथे दिन में था। टाइटैनिक जब आइसबर्ग से टकराया तो सिर्फ 30 सेकेंड के अंदर ही वह डूब गया था। जिस समय टाइटैनिक अपने सफर पर निकला था तो उस समय इस जहाज को बनाने वाली व्हाइट स्टार लाइन कंपनी एक कर्मी ने कहा था, 'यह जहाज ऐसा है कि भगवान भी नहीं डूब सकते हैं।'