'हिजाब' की आग में जल रहा ईरान, बाइडेन ने खाई कसम , कहा, 'हम ईरानी महिलाओं का साथ देंगे'
ईरान में महिलाओं के अधिकारों को लेकर बड़े बदलाव के संकेत साफ दिख रहे हैं। आपको याद हो, आज से 40 वर्ष पहले अन्य मुल्कों की तरह ईरान में भी महिलाओं को काफी आजादी थी।
संयुक्त राष्ट्र, 22 सितंबर : ईरान में हिजाब के खिलाफ महिलाओं का आंदोलन उग्र होता जा रहा है। महसा अमीनी (Mahsa Amini) की मौत के बाद ईरान पिछले कई दिनों से हिजाब (Hijab) की आग में जल रहा है। आरोप है कि हिजाब न पहनने पर उन्हें हिरासत में लेकर पिटाई की गई थी और फिर जान चली गई। वहीं, महसा अमीनी की मौत को लेकर ईरान में हिजाब का विवाद गहराता चला जा रहा है। महसा अमिनी की मौत और हिजाब अनिवार्य होने का विरोध जताते हुए कई महिलाओं ने अपने बाल काट लिए। इतना ही नहीं हिजाब भी जला दिए। वहीं, ईरान में हिजाब के खिलाफ जो क्रांति शुरू हुई है,उसकी गूंज भारत में भी सुनाई देने लगी है। दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने संयुक्त राष्ट्र में दिए अपने भाषण में ईरानी महिलाओं की इस क्रांतिकारी मुहिम में साथ चलने की कसम खाई। (US President Joe Biden vowed solidarity with Iranian women)
ईरान में महिलाओं का हिजाब हटाओ क्रांति
ईरान में महिलाओं के अधिकारों को लेकर बड़े बदलाव के संकेत साफ दिख रहे हैं। आपको याद हो, आज से 40 वर्ष पहले अन्य मुल्कों की तरह ईरान में भी महिलाओं को काफी आजादी थी। लेकिन वर्तमान में ईरान में महिलाओं के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। इसको लेकर पिछले कुछ दिनों से देश में एक नई क्रांति की एक लहर पैदा हो गई है। एक ऐसी क्रांति जो महिलाओं के विचारों को सुरक्षित तरीके से आगे ले जाने में मददगार साबित होगा। ईरान में मजहब के नाम पर हिजाब की बातें खुद वहां की महिलाएं अस्वीकार कर रही हैं। हालांकि, धर्म के ठेकदारों को ये बात सही नहीं लग रही है। वहीं,22 साल की महिला महसा अमीनी की मौत के बाद ईरान में पिछले कई दिनों से 'हिजाब से आजादी' की क्रांति की एक लहर सी पैदा हो गई है।
अमेरिका ईरानी महिलाओं का साथ देगा
वहीं, संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के संबोधन के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र को संबोधित किया। बाइडेन नेअपने संबोधन में ईरान में हिजाब को लेकर हालिया प्रदर्शन का जिक्र करते हुए ईरानी महिलाओं के साथ एकजुटता की कसम खाई।
हिरासत में महसा अमीनी की मौत
बता दें कि, पुलिस हिरासत में महसा अमीनी नाम की 22 साल की महिला की मौत के बाद अब तक ईरान में बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध प्रदर्शन में कम से कम आठ लोगों के मारे जाने की खबर है। वहीं, जो बाइडेन ने प्रदर्शनकारियों की सराहना करते हुए कहा, आज हम ईरान के बहादुर नागरिकों, महिलाओं के साथ खड़े हैं जो वर्तमान में अपने मूल अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।
उग्र हुआ प्रदर्शन
ईरान में 22 साल की महसा अमीनी की मौत के बाद ईरान में विरोध प्रदर्श तेज हो गए है। आरोप है कि,13 सितंबर को हिरासत में लिए गए 22 साल की अमीनी के सिर पर घातक प्रहार किया था और उनके साथ मारपीट की गई। हिरासत में घातक प्रहार के कारण वह कोमा में चली गईं और उसके तीन दिन बाद उनकी मौत हो गई। हालांकि, ईरानी अधिकारियों ने इस दावे का खंडन किया है। बताया गया कि वो अपने परिवार के साथ तेहरान घूमने गई थीं और इसी दौरान हिजाब न पहनने पर उन्हें हिरासत में लिया गया था।
इंटरनेट सेवाएं प्रभावित
दूसरी तरफ घोर प्रदर्शन की आग में जल रहे ईरान में इंटरनेट सेवाएं बुरी तरह से बाधित हुई है। ईरान की सरकारी मीडिया ने बताया कि, देश के 15 शहरों में सड़कों पर लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान पुलिस ने लोगों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया। प्रशासन ने इस दौरान 1,000 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। इस बीच, सर्वोच्च धर्मगुरु अयातुल्ला खामेनेई ने बुधवार को एक सभा को संबोधित किया। उन्होंने इस दौरान हिजाब विरोधी प्रदर्शनों का जिक्र तक नहीं किया।
(Photo Credit: PTI & Twitter)