अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का विवादित चैरिटी फ़ाउंडेशन होगा बंद
याचिका में ये भी आरोप लगाया गया है कि ट्रंप के मार-आ लागो रिसोर्ट के ख़िलाफ़ क़ानूनी दावे को सेटल करने के लिए फ़ाउंडेशन ने एक लाख डॉलर दिए थे.
वहीं, उनके एक गोल्फ़ क्लब के दावे को सेटल करने के लिए फ़ाउंडेशन ने 158 हज़ार डॉलर दिए थे.
और ट्रंप के एक गोल्फ़ क्लब के लिए ख़रीदी गई 10 हज़ार डॉलर की पेंटिंग का पेमेंट भी फ़ाउंडेशन ने किया था.
अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की विवादित चैरिटी फ़ाउंडेशन को बंद करने पर सहमति बन गई है.
डोनल्ड ट्रंप और उनके बच्चों पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने फ़ाउंडेशन के फ़ंड का ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से इस्तेमाल किया.
विवाद बढ़ता देख डोनल्ड ट्रंप अपनी फ़ैमिली चैरिटी 'ट्रंप फ़ाउंडेशन' को बंद करने पर राज़ी हो गए हैं.
दरअसल, न्यूयॉर्क की अटॉर्नी जनरल बारबरा अंडरवुड ने इस मामले में ट्रंप परिवार पर मुक़दमा दर्ज कराया था.
बारबरा अंडरवुड का आरोप था कि ट्रंप ने अपने व्यापारिक और राजनीतिक फ़ायदे के लिए फ़ाउंडेशन का इस्तेमाल किया.
ट्रंप फ़ाउंडेशन को न्यायिक पर्यवेक्षण में भंग किया जाएगा और उसके बचे हुए फ़ंड को दूसरी चैरिटी को बांट दिया जाएगा.
अमरीकी राष्ट्रपति और उनके तीन बच्चे अब न्यूयॉर्क की किसी दूसरी चैरिटी के बोर्ड मेंबर भी नहीं बन सकेंगे. उनके ऐसा करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
वहीं फ़ाउंडेशन के वकील ने अटॉर्नी जनरल बारबरा अंडरवुड पर मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है.
ट्रंप और उनके परिवार के ख़िलाफ़ चल रहा ये अकेला क़ानूनी मामला नहीं है. ऐसे और भी कई मामलों ने ट्रंप परिवार की मुश्किलें बढ़ाई हुई हैं.
2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप का मामला इनमें सबसे प्रमुख है. इस मामले की जांच एफ़बीआई के पूर्व प्रमुख रॉबर्ट मुलर कर रहे हैं.
अभियोजन पक्ष का क्या कहना है?
अंडरवुड का कहना है कि ट्रंप और उनके बच्चे इवांका और एरिक के ख़िलाफ़ मामला जारी रहेगा.
ट्रंप की फ़ैमिली फ़ाउंडेशन को ज़्यादातर फ़ंड डोनेशन के ज़रिए मिलता था. अंडरवुड का आरोप है कि ट्रंप ने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में इस फ़ाउंडेशन का इस्तेमाल राजनीतिक हथकंडे के तौर पर किया.
अंडरवुड ने बताया ट्रंप की इस फ़ाउंडेश को न्यायिक पर्यवेक्षण में भंग किया जाएगा और इसकी 'संपत्ति को मेरे कार्यालय द्वारा स्वीकृत प्रतिष्ठित संस्थानों को बांट दिया जाएगा.'
उन्होंने कहा कि ये क़ानून की बड़ी जीत है, इससे साफ़ हो गया है कि क़ानून सबके लिए बराबर है.
ट्रंप परिवार का क्या कहना है?
बीबीसी को दिए बयान में ट्रंप फ़ाउंडेशन के वकील ने कहा, "2016 में राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद ही ट्रंप ने फ़ाउंडेशन को भंग करके इसकी संपत्ति परोपकारी कामों के लिए देना का फ़ैसला किया था. लेकिन दुर्भागय से न्यूयॉर्क की अटॉर्नी जनरल ने दो साल तक इसे भंग ही नहीं होने दिया, जिससे क़रीब 1.7 मीलियन डॉलर ज़रूरतमंदों तक नहीं पहुंच सका."
उन्होंने कहा, "पिछले एक दशक में फ़ाउंडेशन ने 700 विभिन्न चैरिटी संस्थाओं को क़रीब 19 मीलियन डॉलर बांटें हैं. इनमें राष्ट्रपति के 8.25 मीलियन डॉलर का भी योगदान है. ये पैसा उन्होंने व्यक्तिगत रूप से दिया था."
न्यूयॉर्क की अटॉर्नी जनरल अब भी मामले के राजनीतिकरण की कोशिश कर रही हैं.
डोनल्ड ट्रंप और उनके बच्चों की तरफ़ से फ़िलहाल इस मामले पर कोई बयान अब तक नहीं आया है.
बीते जून में ट्रंप ने एक ट्वीट कर कहा था कि वो मामले को सेटल करने के मूड में नहीं है, क्योंकि फ़ाउंडेशन ने कुछ भी ग़लत नहीं किया है.
https://twitter.com/realDonaldTrump/status/1007278788009480192
वॉशिंगटन में मौजूद बीबीसी संवाददाता एंथनी ज़र्कर ने कहा कि ट्रंप का चैरिटी फाउंडेशन तो बंद हो रहा है, लेकिन इससे ट्रंप के लिए जो सिर दर्द पैदा हुआ है वो जल्दी दूर नहीं होने वाला.
न्यूयॉर्क की अटॉर्नी जनरल बारबरा अंडरवुड का कहना है कि मामले में ट्रंप और उनके बच्चों को लाखों डॉलर का जुर्माना और प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है.
हालांकि राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने अपनी फाउंडेशन को लेकर न्यूयॉर्क की जांच का खंडन किया है.
पूरा मामला
ट्रंप फ़ाउंडेशन के ख़िलाफ़ न्यूयॉर्क के पूर्व अटॉर्नी जनरल एरिक शिनाडमन की निगरानी में जांच शुरू किए जाने के बाद ये मुक़दमा दायर किया गया था.
फ़ाउंडेशन के रजिस्ट्रेशन में गड़बड़ियां पाए जाने के बाद अक्टूबर 2016 में शिनाडमन ने न्यूयॉर्क से ट्रंप फ़ाउंडेशन को मिलने वाले फ़ंड पर रोक लगा दी थी.
उस वक़्त राष्ट्रपति चुने गए ट्रंप ने कहा था कि वो फ़ाउंडेशन को बंद कर देंगे ताकि इससे हितों के टकराव की बात ना आए.
ये हैं आरोप
जून 2018 में अटॉर्नी जनरल की ओर से न्यूयॉर्क के सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए 41 पन्नों के दस्तावेज़ में कहा गया था कि एक दशक से भी ज़्यादा समय से चल रही ग़ैर-लाभकारी संस्था में क़ानूनों का उल्लंघन हुआ है.
2008 के बाद से ट्रंप ने फ़ाउंडेशन को कोई व्यक्तिगत फ़ंड नहीं दिया. फ़ाउंडेशन के बैंक अकाउंट पर सिर्फ़ राष्ट्रपति ट्रंप के हस्ताक्षर चलते हैं और अनुदान संबंधि हर फ़ैसला वो ही लेते हैं.
पेश दस्तावेज़ो में ट्रंप के लोवा राज्य में हुए एक इवेंट का ख़ासतौर पर ज़िक्र किया गया है. जनवरी 2016 में उन्होंने रिपब्लिकन उम्मीदवार के साथ टीवी डिबेट में हिस्सा लेने के बजाए पूर्व सैन्य कर्मियों के लिए पैसा जुटाने के लिए लोवा में इवेंट किया था.
इस इवेंट में ट्रंप फ़ाउंडेशन को 2.8 मीलियन डॉलर का डोनेशन मिला था. याचिका में आरोप लगाया गया है कि जनता के लिए इकट्ठा किए गए इस पैसे का इस्तेमाल ट्रंप के चुनाव प्रचार में किया गया.
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याचिका में ये भी आरोप लगाया गया है कि ट्रंप के मार-आ लागो रिसोर्ट के ख़िलाफ़ क़ानूनी दावे को सेटल करने के लिए फ़ाउंडेशन ने एक लाख डॉलर दिए थे.
वहीं, उनके एक गोल्फ़ क्लब के दावे को सेटल करने के लिए फ़ाउंडेशन ने 158 हज़ार डॉलर दिए थे.
और ट्रंप के एक गोल्फ़ क्लब के लिए ख़रीदी गई 10 हज़ार डॉलर की पेंटिंग का पेमेंट भी फ़ाउंडेशन ने किया था.
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