उमर खालिद कौन था जिसकी मौत का TTP ने लिया बदला, मस्जिद में घुसकर सैकड़ों पुलिसकर्मियों को मारा
उमर खालिद के भाई मुकर्रम ने कहा कि यह मेरे भाई की अगस्त में अफगानिस्तान में की गई हत्या का बदला है। बीते साल ISI ने उमर खालिद की अफगानिस्तान में घुसकर हत्या कर दी थी।
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकियों ने एक मस्जिद के अंदर बड़े आत्मघाती बम हमले को अंजाम दिया है। इस हमले में अब तक 32 लोगों के मरने की खबर है। वहीं 150 से अधिक लोग घायल हैं। मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। मरने वालों में काफी बड़ी तादाद में पुलिसकर्मी शामिल हैं। इस बीच आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान ने ली है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा दावा किया जा रहा है कि टीटीपी ने अपने कमांडर उमर खालिद खुरासानी की मौत का बदला लेने के लिए इस घटना को अंजाम दिया है। पाकिस्तानी सेना ने टीटीपी कमांडर उमर खालिद की पिछले साल अगस्त में हत्या कर दी थी।
मस्जिद के भीतर थे 250 से अधिक लोग
खबरों के मुताबिक यह मस्जिद पेशावर के पुलिसलाइन से सटकर थी। अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि मरने वालों में कई पुलिस अधिकारी हैं जो दोपहर की नमाज के लिए मस्जिद में इकट्ठा हुए थे। हमले के दौरान लगभग 260 लोग मस्जिद के अंदर थे। एक चश्मदीद ने स्थानीय समाचार चैनल जियो टीवी को बताया कि नमाज चल ही रही थी तभी विस्फोट हुआ। यह विस्फोट इतना भीषण था कि 2 मंजिला मस्जिद ढह गई।
आगे की पंक्ति में बैठा था हमलावर
टीटीपी ने पेशावर के जिस इलाके में यह हमला किया है, उसे बहुत ही सुरक्षित माना जाता रहा है। इस इलाके के आसपास पुलिस सचिवालय और अन्य सरकारी प्रतिष्ठान हैं। बताया जा रहा है कि आत्मघाती बम हमलावर मस्जिद के दौरान आगे की पंक्ति में बैठा हुआ था। जब बड़ी तादाद में नमाजी मस्जिद में जमा हुए तो उसने खुद को उड़ा दिया। 38 वर्षीय पुलिस अधिकारी मीना गुल ने कहा कि जब बम गिरा तो वह मस्जिद के अंदर थे। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि वह कैसे बाल-बाल बच गए।
शाहबाज शरीफ ने की निंदा
आपको बता दें कि प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, जिसे पाकिस्तान तालिबान के रूप में जाना जाता है, ने अतीत में ऐसी कई घटनाओं को अंजाम दिया है और सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाते हुए कई आत्मघाती हमले किए हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि आतंकी पाकिस्तान की रक्षा करने वाले लोगों को निशाना बनाकर देश में डर पैदा करना चाहते हैं। शहबाज शरीफ ने कहा कि इस हमले का इस्लाम से कोई ताल्लुक नहीं है।
उमर खालिद की हत्या का बदला!
वहीं, कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि मारे गए टीटीपी कमांडर उमर खालिद खुरासानी के भाई ने इसे खुरासानी की हत्या का बदला बताया है। उमर खालिद के भाई मुकर्रम ने कहा कि यह मेरे भाई की अगस्त में अफगानिस्तान में की गई हत्या का बदला है। मुकर्रम टीटीपी नेतृत्व में काउंसिल मेंबर है और मोहम्मद झोब डिविजन का शैडो गवर्नर है। बीते साल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने उमर खालिद की अफगानिस्तान के अंदर घुसकर हत्या कर दी थी। उमर खालिद का असली नाम अब्दुल वली मोहम्मद था।
अमेरिका ने भी रखा था इनाम
पाकिस्तान तहरीक-ए-तालिबान (TTP) का संस्थापक कमांडर उमर खालिद खुरासानी उर्फ अब्दुल वली मोहम्मद अफगानिस्ताान में मौजूद था। ब्लास्ट के वक्त खुरासानी कार में सफर कर रहा था। अमेरिका ने खुरासानी पर 30 लाख डॉलर का इनाम रखा था। खुरासानी पाकिस्तान सरकार के साथ बातचीत का समर्थक नहीं था। उमर खालिद की हत्या के बाद पाकिस्तान में बवाल मच गया। टीटीपी ने संघर्ष विराम तोड़कर अचानक हमले तेज कर दिए और पाकिस्तान की सरकार को परेशान कर दिया। सितंबर के बाद से टीटीपी अब तक पाकिस्तान में 150 से अधिक हमलों को अंजाम दे चुका है।
पाकिस्तान के पेशावर मस्जिद में भीषण धमाका, अब तक 32 की मौत, लगभग 150 घायल
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