चमोली हादसा: ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने जताया दुख, कहा- किसी भी मदद के लिए हम तैयार
चमोली हादसा: ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने जताया दुख, कहा- किसी भी मदद के लिए हम तैयार
Uttarakhand Glacier burst (Chamoli): उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन इलाके में रविवार को ग्लेशियर फटने से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचा। चमोली में ग्लेशियर टूटने से बड़ा हादसा हो गया है। कई लोगों की जान चली गई। अब तक 10 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं। 170 लोगों के फंसने होने की आशंका है। 7 लोगों को एक सुरंग से बचाया भी गया है। राहत और बचाव अभियान बड़े स्तर इलाके में जारी है। भारत में आई इस त्रासदी को लेकर ब्रिटने के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने संवेदना प्रकट करते हुए दुख जताया है। ब्रिटने के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि अगर भारत को किसी भी तरह की मदद चाहिए तो हम उसके लिए तैयार हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन ने कहा है कि कठिन वक्त में हम भारत के साथ हैं।
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ब्रिटेन (UK) के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार को ट्वीट करते हुए लिखा, "मेरे विचार भारत के लोगों और उत्तराखंड में बचावकर्मियों के साथ है, क्योंकि वे ग्लेशियर टूटने से आई विनाशकारी बाढ़ का जवाब देते हैं। मुश्किल की इस घड़ी में यूके भारत के साथ एकजुटता के साथ खड़ा है और किसी भी तरह के मदद और समर्थन की पेशकश करने के लिए तैयार है।''
वहीं ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने संवेदना प्रकट करते हुए कहा, "ऑस्ट्रेलिया अपने एक निकटतम मित्र के इस बेहद कठिन वक्त में उसके साथ खड़ा है।"
वहीं फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने भी ट्वीट कर संवेदना प्रकट की है। उन्होंने कहा है कि फ्रांस पीड़ितों के प्रति गहरी संवेदना जताते हुए भारत के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़ा है।
अमेरिकी विदेश विभाग ने ट्वीट कर कहा, भारत में ग्लेशियर टूटने और भूस्खलन से प्रभावित होने वालों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं हैं। हम इस मुश्किल घड़ी में मृतकों के परिजनों के साथ हैं और घायलों के जल्दी ठीक होने की कामना करते हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने भी उत्तराखंड में आई तबाही पर शोक प्रकट किया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता ने कहा है कि उत्तराखंड में ग्लेशियर के फटने से मची तबाही को लेकर गहरा दुख है। हम पीड़ितों के परिवारों और भारत सरकार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। हम आवश्यकता पड़ने पर उत्तराखंड में चल रहे बचाव कार्य में मदद के लिए भी तैयार हैं।