2017 से जारी विवाद हुआ खत्म, फीफा वर्ल्डकप के बीच दोहा पहुंचे UAE शेख, कतर अमीर ने एयरपोर्ट पर किया स्वागत
संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की यात्रा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्हें व्यापक रूप से कतर के बहिष्कार का प्रमुख वास्तुकार माना जाता है जो 2017 में शुरू हुआ था।
संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने देश के शासक अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के निमंत्रण पर सोमवार को कतर का औचक दौरा किया। कतर के अधिकारियों ने कहा कि शेख मोहम्मद बिन जायद अल-नाहयान का कतर के अमीर द्वारा हवाई अड्डे पर स्वागत किया गया। इस दौरे पर अमीरात के राष्ट्रपति, शेख शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, शेख तहनून बिन जायद अल नाहयान, उप प्रधान मंत्री और राष्ट्रपति न्यायालय के मंत्री, साथ ही कई अन्य सरकारी अधिकारी भी हैं।
सऊदी-मिस्र के राष्ट्रपति कर चुके हैं दौरा
यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब कतर विश्व कप की मेजबानी कर रहा है और क्षेत्रीय नेता अपने क्षेत्रीय तनावों को दूर करने के लिए एकजुट होते हुए दिख रहे हैं। इससे पहले कतर की यात्रा करने वाले अरब देश के नेताओं में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी भी शामिल हैं। नाहयान की यात्रा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्हें व्यापक रूप से कतर के बहिष्कार का प्रमुख वास्तुकार माना जाता है जो 2017 में शुरू हुआ था।
जनवरी 2021 में कतर पर लगे प्रतिबंध हुए समाप्त
इससे पहले सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और मिस्र ने पिछले साल की शुरुआत यानी कि जनवरी 2021 में कतर पर लगे प्रतिबंधों को चार साल बाद समाप्त कर दिया था। लेकिन दोहा और आबू धाबी के संबंधों में गर्माहट फिर भी दिख नहीं रही थी। हालांकि इस बार कतर में यूएई के राष्ट्रपति के दौरे से ऐसा माना जा रहा है कि ये दोनों देश एकबार फिर से करीब आ सकते हैं। यूएई की आधिकारिक डब्ल्यूएएम समाचार एजेंसी ने कहा, कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी के निमंत्रण पर यात्रा हुई है। उन्होंने कहा कि, यह यात्रा दोनों देशों और उनके लोगों के बीच मौजूदा भाईचारे के संबंधों पर आधारित है।
2017 में खाड़ी देशों ने कतर से संबंध तोड़े
जून 2017 में कई खाड़ी देशों ने कूटनीतिक संबंध खत्म कर कतर को अलग-थलग कर दिया था। राजनयिक संबंध खत्म करने वाले देशों में सउदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, यमन और लीबिया शामिल थे। सऊदी अरब, यूएई, मिस्र और बहरीन ने कतर के लिए हवाई, जमीनी और समुद्री रास्ते तक बंद कर दिए थे। इन देशों ने कतर पर आरोप लगाया कि वो क्षेत्र में कथित इस्लामिक स्टेट और चरमपंथ को बढ़ावा दे रहा है।
खाड़ी देशों की शर्तों के आगे नहीं झुका कतर
आपको बता दें कि कतर पर तमाम तरह की पाबंदियां लगा दी गई थीं। उसके सामने कई शर्तें रखी गई कि वो उनका पालन करे लेकिन कतर ने किसी भी शर्त को मानने से इनकार कर दिया था। कतर को 13 शर्तें मानने के लिए कहा था, जिसमें आतंकी संगठनों के साथ गठजोड़ समाप्त करने से लेकर अल-जजीरा टीवी को बंद करना, तुर्की सैन्य अड्डे का बंद करना, मुस्लिम ब्रदरहुड के साथ रिश्ते को खत्म करना और ईरान के साथ संबंधों को घटाना आदि शामिल था। हालांकि कतर ने किसी भी शर्त को मानने से इनकार कर दिया और वह अपनी जरूरतों का सामान ईरान और तुर्की से आयात करने लगा।
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