मुस्लिम देश कर रहे थे बहिष्कार की मांग, UAE ने इजरायल से कर लिया बहुत बड़ा समझौता
इजरायल और यूएई ने व्यापारिक संबंधों को मजबूती देने के लिए एक बड़ा आर्थिक समझौता साइन किया है
अबू धाबी, जून 01: इजरायल और फिलिस्तीन को लेकर जहां विवाद अभी भी बरकरार है और दुनिया के कई मुस्लिम देश जहां इजरायल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, वहीं संयुक्त अरब अमीरात ने मुस्लिम देशों को बहुत बड़ा झटका दिया है। एक तरफ जहां मुस्लिम देश इजरायल को बहिष्कार करने की मांग कर रहे थे वहीं दूसरी तरफ यूएई ने इजरायल के साथ बहुत बड़ा समझौता कर बता दिया है कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे अब गुटबाजी के आधार पर तय नहीं किए जा सकते हैं। इजरायल को लेकर जब पिछले महीने मुस्लिम देशों के संगठन की बैठक हुई थी, तभी मुस्लिमों देशों के बीच आपस में गुटबाजी देखने को मिली थी लेकिन अब यूएई ने जो कदम उठाया है, उसके बाद एक बार फिर से मुस्लिमों देशों के बीच का मतभेद बुरी तरह से सामने आ सकता है।
इजरायल-यूएई में समझौता
इजरायल और यूएई ने व्यापारिक संबंधों को मजबूती देने के लिए टैक्स को लेकर एक बहुत बड़ा समझौता साइन किया है। पिछले साल ही इजरायल को यूएई ने मान्यता दी थी और अब दोनों देश आपसी संबंधों को नये स्तर पर ले जाने के लिए अलग अलग समझौते कर रहे हैं। पिछले साल यूएई ने बताया था कि वो डबल टैक्सेसन से बचने के लिए इजरायल के साथ शुरूआती समझौते को अंजाम दे चुका है और अब दोनों देशों के इस करार को मंजूरी दे दी गई है। एक जून 2022 से दोनों देशों के बीच टैक्स को लेकर हुआ ये समझौता कारगर हो जाएगा। देखा जाए तो पिछले साल जब डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता में इजरायल को यूएई, बहरीन और मोरक्को जैसे देशों ने मान्यता दे दी थी, उसके बाद यह पहला मौका जब किसी मुस्लिम देश ने इजरायल के साथ व्यापारिक संबंध बनाने के लिए इतना बड़ा करार किया हो। वहीं, रिपोर्ट ये भी है कि यूएई के बाद अब बहरीन और मोरक्को भी टैक्स को लेकर इजरायल से समझौते की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
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टैक्स समझौते से लाभ
इजरायल और यूएई ना सिर्फ व्यापारिक संबंधों को बढ़ा रहे हैं, बल्कि दोनों देशों की जनता भी एक दूसरे के करीब आ रही है। वहीं, इजरायल और यूएई के बीच हुए इस समझौते के मुताबिक टैक्स रियायत, डिविडेंट और रॉयल्टी सीमा तय की गई है। समझौता होने के बाद इजरायल के विदेश मंत्री गैबी अशकेनाज़ी ने कहा कि 'इस समझौते से इजरायल और यूएई के बीच निवेश और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।' आपको बता दें कि पिछले साल इजरायल और यूएई के बीच एक सामान्य डील को अंजाम दिया गया था और उस डील के तहत इजरायल और यूएई के बैंकों और दूसरी कंपनियों के बीच कई समझौते हुए थे।
दूसरे मुस्लिम देशों से तकरार बढ़ा
एक तरफ जहां इजरायल और यूएई काफी करीब आ रहे हैं, वहीं दूसरे मुस्लिम देशों के साथ इजरायल का तकरार बढ़ता जा रहा है। हालिया फिलिस्तीन-इजरायल टकराव के बाद 57 देशों के इस्लामिक संगठन यानि ओआईसी की बैठक के दौरान मुस्लिम देश आपस में भिड़ गये थे और एक दूसरे पर जमकर आरोप लगाए थे। खासकर ईरान और तुर्की के विदेश मंत्रियों ने इशारे इशारे में सऊदी अरब और यूएई पर निशाना साधा था।