Thai cave resuce: थाइलैंड ने अदा किया भारत का भी शुक्रिया, 9 दिन बाद गुफा में सुरक्षित मिले बच्चे
थाइलैंड की एक गुफा में नौ दिन से गायब 12 बच्चे और टीचर आखिरकार दो जुलाई को सुरक्षित मिल गए। इस घटना के बाद भारत में थाइलैंड के राजदूत चुटिंटॉर्न गोंग्साक्डी ने मदद की पेशकश के लिए भारत का शुक्रिया अदा किया है।
बैंकॉक। थाइलैंड की एक गुफा में नौ दिन से गायब 12 बच्चे और टीचर आखिरकार दो जुलाई को सुरक्षित मिल गए। इस घटना के बाद भारत में थाइलैंड के राजदूत चुटिंटॉर्न गोंग्साक्डी ने मदद की पेशकश के लिए भारत का शुक्रिया अदा किया है। भारत ने थाइलैंड को रेस्क्यू और 12 बच्चों को गुफा से बाहर निकालने के लिए तकनीकी मदद देने की पेशकश की थी। भारत की ओर से थाइलैंड में राजदूत भगवंत सिंह बिश्नोई के जरिए मदद की पेशकश की गई थी। थाइलैंड में भारी बारिश के चलते नौ दिन से 12 लड़के और उनकी फुटबॉल टीम के कोच गुफा में ही फंस गए थे। इस गुफा में पानी भर गया था।
भारतीय दूतावास ने लिखी थी चिट्ठी
दो जुलाई को बैंकॉक में भारतीय दूतावास की ओर से थाइलैंड के विदेश मंत्रालय को चिट्ठी लिखी गई थी। इस चिट्ठी में उन्हें बताया गया था कि भारत टेक्निकल एक्सपरटीज की मदद की पेशकश करता है ताकि इन 12 लड़कों और उनके कोच को चियांग राई सिटी में स्थित इस गुफा से बचाया जा सके जो पूरी तरह से पानी में डूबी है। भारत की ओर से यह भी कहा गया था कि जो रेस्क्यू जारी है उसमें भी भारत की ओर से मदद दी जा सकती है। भारत की ओर से एक भारतीय कंपनी किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड की ओर से मदद देने का प्रस्ताव किया गया था जिसकी एक यूनिट थाइलैंड में भी है।
भारतीय कंपनी की ओर से मदद की पेशकश
भारत की ओर से थाई विदेश मंत्रालय को लिखा गया था कि कंपनी थाइलैंड की सरकार के साथ काम कर चुकी है। बिश्नोई ने कहा था कि कंपनी थाइलैंड में कई प्रोजेक्ट्स में भी शामिल रही है जैसे कि बैंकॉक मेट्रोपोलिटन एडमिनिस्ट्रेशन-खलोंग बांग सू ड्रेनेज प्रोजेक्ट और बुंग बोराफेट के वॉटर रिर्सोसेज डिपार्टमेंट के साथ काम कर चुकी है। इसके अलावा साल 2011 में बैंकॉक में आई बाढ़ में भी इसी कंपनी ने बाढ़ का पानी बाहर निकालने में मदद की थी।
ब्रिटिश डाइवर्स ने तलाशा टीम को
गुफा में फंसे 12 बच्चों और उनके कोच को ब्रिटिश डाइवर्स ने खोजा है। जो फुटेज सामने आ रही हैं उनसे लग रहा है कि लड़के काफी कमजोर हैं और गुफ में काफी गहरे तक कीचड़ में फंसे थे। सेना की ओर से कहा गया है कि अब इन लड़कों को उनकी रक्षा के डाइविंग की शिक्षा दी जाएगी। इसके साथ ही फुटबॉलर्स को यह भी सिखाया जाएगा कि बाढ़ के पानी में कैसे तैर कर जान बचाई जा सकती है। मेडिकल टीमें फिलहाल अब इन लड़कों के स्वास्थ्य पर नजर रखेंगी। बताया जा रहा है कि यह ग्रुप 300 से 400 मीटर तक जमीन के अंदर फंसा था।