बाइडन के यूक्रेन दौरे से भड़का रूस, रद्द की अमेरिका के साथ एकलौती परमाणु संधि
रूस ने अमेरिका के साथ एकलौती परमाणु संधि को भी सस्पेंड कर दिया है। इस संधि को 'न्यू स्टार्ट न्यूक्लियर ट्रीटी' के नाम से जाना जाता था।
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रूस ने अमेरिका के साथ एकलौती परमाणु संधि को भी सस्पेंड कर दिया है। इस संधि को 'न्यू स्टार्ट न्यूक्लियर ट्रीटी' के नाम से जाना जाता था। पुतिन ने कहा कि अगर अमेरिका परमाणु हथियार परीक्षण करता है, तो रूस भी ऐसा करने के लिए तैयार है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने मंगलवार को कहा कि रूस, अमेरिका के साथ बची इकलौती परमाणु संधि को भी सस्पेंड कर रहा है जो दोनों पक्षों के सामरिक परमाणु हथियारों को सीमित करने को लेकर है।
2011 में लागू हुई थी संधि
पुतिन ने यूक्रेन में युद्ध के करीब एक वर्ष बाद रूसी संसद में अपने अहम भाषण के बाद सांसदों से कहा, " मुझे आज यह घोषणा करने के लिए मजबूर होना पड़ा है कि सामरिक हथियार संधि में रूस अपनी भागीदारी को निलंबित कर रहा है।" आपको बता दें कि न्यू स्टार्ट न्यूक्लियर ट्रीटी पर प्राग में वर्ष 2010 में दस्तखत किए गए थे और यह इसके अगले वर्ष 2011 में लागू हुई थी। रूस-अमेरिका के साथ यही इकलौती परमाणु संधि बची थी। इसे भी अब सस्पेंड कर दिया गया है।
साल 2026 तक का था करार
यह संधि दोनों पक्षों के सामरिक परमाणु हथियारों को सीमित करने को लेकर की गई थी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के पदभार ग्रहण करने के ठीक बाद 2021 में पांच साल के लिए बढ़ा दी गई। यह संधि संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस द्वारा तैनात किए जा सकने वाले रणनीतिक परमाणु हथियारों की संख्या को सीमित करती है। इसके जरिए भूमि और पनडुब्बी आधारित मिसाइलों और बमवर्षकों की तैनाती को सीमित किया जाता है।
US-रूस के पास 90 फीसदी परमाणु हथियार
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के पास दुनिया में परमाणु हथियारों का सबसे बड़ा जखीरा है। विशेषज्ञों के मुताबिक रूस के पास करीब 6,000 हथियार परमाणु भंडार हैं। रूस और अमेरिका के पास, कुल मिलाकर दुनिया के लगभग नब्बे फीसदी परमाणु हथियार हैं जो दुनिया को कई बार नष्ट करने के लिए पर्याप्त हैं।