हजारों फीट उपर आसमान में इंजन फेल होने के बाद जमीन पर औंधे मुंह गिरा विमान, फिर हो गया 'चमत्कार'
रूस में एक विमान हादसा अविश्वसनीय हकीकत बन गया है। औंधे मुंह जमीन पर गिरने के बाद प्लेन में जो हुआ, वो एक चमत्कार है।
मॉस्को, जुलाई 17: दुनिया में सबसे ज्यादा विमान यात्रा करना अगर कहीं असुरक्षित है तो वो रूस है। रूस में विमान हादसा होना कोई नई बात नहीं है। रूस में अकसर विमान हादसे होते रहते हैं। इसी महीने की शुरूआत में एक यात्री विमान एक पहाड़ से टकराकर एक समुद्र में गिर गया था, जिसमें दर्जनों लोग मारे गये थे। लेकिन इस बार एक आश्चर्यजनक विमान हादसा हुआ है, और पूरी कहानी जानकर अगर आप भी हैरान रह जाएंगे।
आसमान से गायब हुआ विमान
शुक्रवार को रूस के साइबेरिया के ऊपर से एक विमान गुजर रहा था। विमान छोटा था और उसमें सिर्फ 18 यात्री सवार थे। रूस में सड़क मार्ग जटिल होने की वजह से छोटे-छोटे विमान चलाए जाते हैं, ताकि लोग जल्द अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच सके। ये छोटा जहाज भी साइबेरिया के आसमान के ऊपर से गुजर रहा था। लेकिन तभी अचानकर जहाज का अपने कंट्रोल रूम से संपर्क टूट जाता है। पायलट से संपर्क बनाने की पूरी कोशिश की जाती है, लेकिन कोई संपर्क स्थापित नहीं हो पाता है। कुछ ही देर में तहलका मच जाता है कि एक और यात्री विमान एक ही महीने में कहीं हादसे का शिकार तो नहीं हो गया। इसी महीने की शुरूआत में एक और यात्री विमान पहाड़ से टकरा चुका था, लिहाजा कंट्रोल रूम में तैनात कर्मचारियों के हाथ-पांव फूले हुए थे।
सबने माना- हो गया हादसा
कंट्रोल रूम ने फौरन अधिकारियों को खबर दी, कि एक और प्लेन साइबेरिया के आसमान से गायब हो चुका है और उसका कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है। जहाज का नाम Antonov An-28 था। लोगों ने मानना शुरू कर दिया कि हो सकता है ये प्लेन भी हादसे का शिकार हो चुका हो। संभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य को भेजा गया। कई इलाकों में रेस्क्यू टीम को अलर्ट कर दिया गया और प्लेन के मलवे की तलाश शुरू हो गई।
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चमत्कार पर होगा यकीन
18 लोगों को ले जा रहे विमान की तलाश की जा रही थी, तभी पता चलता है कि एक प्लेन एक जंगल जैसे इलाके में गिर गया है। फौरन वहां पर लोग पहुंचते हैं। वहां का नजारा दिल दहलाने वाला था। प्लेन पूरी तरह से टूट चुका था, लेकिन अगले ही पल सब आश्चर्य में पड़ गये कि इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी सभी 18 के 18 लोग जिंदा बच गये। लोगों ने बताया कि प्लेन अपना संतुलन खो चुका था और उसे बहुत मुश्किल से पेड़ों पर टकराया गया। चश्मदीदों ने कहा कि, पेड़ों से टकराता हुआ प्लेन सीधे जमीन से जा टकराया और हार्ड लैंडिंग के वक्त प्लेन पलट गया। प्लेन के आगे का हिस्सा और लैंडिंग गियर पूरी तरह से टूट चुका था। इतना बड़ा प्लेन हादसा होने के बाद भी सभी के सभी यात्रियों का जिंदा बच जाना, किसी चमत्कार से कम नहीं है।
पायलट ने नहीं खोया होश
रूसी समाचार एजेसिंयों के मुताबिक, यात्रियों ने बताया कि इंजिन फेल होने के बाद कंट्रोल रूस से पायलट का संपर्क टूट चुका था और आसमान में हजारों फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा प्लेन बेकाबू हो चुका था। प्लेन में सवार यात्रियों को लगने लगा कि अब उनका बचना नामुमिकन है। रूस का साइबेरिया वो इलाका है, जहां ऊंचे ऊंचे चट्टान और पहाड़ हैं, जिनसे अकसर प्लेनों का टक्कर हो जाता है। इस बार भी यात्रियों को लगने लगा कि अब कुछ पलों के वो मेहमान बचे हैं, लेकिन प्लेन के पायलट ने हिम्मत नहीं खोई। वो प्लेन को संभालने में और काबू करने में लगा रहा। जब पायलट को लगने लगा कि अब वो प्लेन को कंट्रोन नहीं कर सकता है, तो उसने प्लेन की हार्ड लैंडिंग कराने की सोची और पायलट ने पेड़ों से प्लेन को टकराया दिया और फिर प्लेन एक धमाके के साथ जमीन से जा टकराया।
विमान हादसों के लिए कुख्यात है रूस
रूस में ये कोई पहली बार विमान हादसा नहीं हुआ है, बल्कि विमान हादसों के लिए रूस सालों से कुख्यात रहा है। रूस में विमानों की सुरक्षा को लेकर कोई विशेष सावधानी नहीं बरती जाती है। पिछले साल दक्षिणी सूडान के जुबा हवाई अड्डे से उड़ान भरने के दौरान एक साउथवेस्ट एविएशन An-26 टर्बोप्रॉप विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। वहीं, सितंबर 2020 में यूक्रेन के पूर्व चुगायेव प्रांत में लैंड करने जा रहा एक एएन-26 विमान जमीन पर गिर गया था, जिसमें 28 लोगों में से 22 की मौत हो गई थी। वहीं, 2019 में फ्लैग कैरियर एयरलाइंस एअरोफ़्लोत का विमान सुखोई सुपरजेट दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिससे मॉस्को एयरपोर्ट के रनवे पर आग लग गई थी। इस हादसे में 41 लोगों की मौत हो गई थी। फरवरी 2018 में भी सेराटोव एयरलाइंस का एएन-148 विमान टेकऑफ़ के तुरंत बाद मास्को के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें विमान में सवार सभी 71 लोगों की मौत हो गई थी।
रूस में ही विमान का डिजाइन
इस महीने दुर्घटनाग्रस्त हुए दोनों विमानों का डिजाइन और निर्माण रूस में ही किया गया था। ये विमान दो इंजन वाला टर्बोप्रॉप विमान था, जिसका इस्तेमाल नागरिक और सैन्य परिवहन दोनों के लिए किया जाता था। इसे 1969 और 1986 के बीच सोवियत संघ में डिजाइन और निर्मित किया गया था।
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