Rohingya Crisis: म्यांमार आर्मी ने सिर्फ 5 गांवों में ही सैकड़ों रोहिंग्याओं को मार डाला- रिपोर्ट
यंगून। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने एक हैरान करने वाली रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि म्यांमार आर्मी ने सिस्टेमेटिक ढंग से सैकड़ों रोहिंग्या मुसलमानों की महिलाओं, बच्चों और आदमियों को मार दिया है। म्यांमार के रखाइन प्रांत से लगातार रोहिंग्या मुसलमानों को खदेड़ा जा रहा है। म्यांमार से निकाले जाने के दौरान कई रोहिंग्या मुसलमान लापता और सैकड़ों की मौत हो चुकी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सिर्फ म्यांमार के सिर्फ 5 गावों में ही सैकड़ों रोहिंग्याओं को मार दिया गया है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि म्यांमार सुरक्षा बलों ने सैकड़ों रोहिंग्या मुसलमान को मार दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा बलों ने गांवो में रह रहे रोहिंग्याओं पर अत्याचार किया और उनके घरों को आग के हवाले कर कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया। रिपोर्ट ने यह भी कहा कि ज्यादातर बुजुर्ग, बीमार और अंधे लोग जो भागने में नाकाम हुए उनकी मौत हुई है। मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल है।
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कुछ गांवों में रोहिंग्याओं मुस्लिम महिलाओं के साथ बलात्कार और यौन हिंसाएं भी हुई है। उनके अनुसार, ज्यादातर इस प्रकार के क्राइम को म्यांमार वेस्टर्न कमांड ने अंजाम दिया है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल के मैथ्यू वेल्स जो कई महिनों से म्यांमार और बांग्लादेश बॉर्डर पर ध्यान से इस संकट पर स्टडी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में एक रिपोर्ट जारी होगी, जिसमें व्यक्तिगत रूप से इस संकट को जन्म देने वाले को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इस रिपोर्ट में विशिष्ट कमांडर भी हो सकते हैं। रोहिंग्या संकट को भयनाक मानव त्रासदी बताते हुए वेल्स ने कहा कि म्यांमार के सिर्फ पांच गांवों में सैकड़ों लोगों को मार दिया गया।
म्यांमार में सेना द्वारा किए अत्याचार के बाद अब तक 5,80,000 हजार रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश में शरण ले चुके हैं। म्यांमार से 25 अगस्त से शुरू रोहिंग्याओं का पलायन अभी रुकने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं, दूसरी तरफ सीमा पर बांग्लादेश सेना भी उन्हें आसानी प्रवेश नहीं करने दे रही है।