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पुतिन का ईरान दौरा- ईरानी ड्रोन बदलेंगे यूक्रेन युद्ध की दिशा?

रूसी राष्ट्रपति अगले सप्ताह ईरान जा रहे हैं. रूस की ओर से सीधे तौर पर कोई बयान तो नहीं आया है कि लेकिन साफ़ संकेत मिले हैं कि उनकी नज़र वहां से सशस्त्र ड्रोन हासिल करने की है.

By BBC News हिन्दी
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कर्रार ड्रोन
Mohsen Shandiz/Corbis via Getty Images
कर्रार ड्रोन

इस हफ़्ते अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन इसराइल और सऊदी अरब के दौरे पर हैं. अगले सप्ताह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ईरान और तुर्की के दौरे पर जाएंगे.

राजनीतिक टीकाकार कहते हैं ये इस बात का संकेत है कि पश्चिमी एशिया की अहमियत यूक्रेन में जारी युद्ध और अमेरिका की चीन को लेकर चिंताओं के बावजूद किसी मायने में कम नहीं हुई है

ईरान और सऊदी अरब, मध्य-पूर्व की दो बड़ी शक्तियां हैं और इस इलाक़े में अपना सिक्का ज़माने के लिए दोनों देश, दुनिया के शक्तिशाली देशों को अपने पक्ष में लाने की कोशिश करते रहते हैं.

फ़रवरी से यूक्रेन के ख़िलाफ़ जारी भीषण युद्ध के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने दूसरे विदेशी दौरे पर अगले मंगलवार को ईरान की राजधानी तेहरान में होंगे.

इसे एक अहम दौरा माना जा रहा है. तेहरान में वो अपने ईरानी समकक्ष इब्राहिम रईसी और तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन के साथ सीरिया शांति शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे.

सीरिया में ईरान और रूस, राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार का समर्थन करते हैं जबकि तुर्की बशर अल-असद के विरोध में लड़ने वाले सैनिकों का समर्थन करता है.

अगले हफ़्ते बुधवार को पुतिन तुर्की का भी दौरा करेंगे. ब्रिटेन स्थित ईरानी पत्रकार मेहदी अली यज़दानी कहते हैं कि पुतिन के दौरे का एक अहम एजेंडा ईरान से सशस्त्र ड्रोन ख़रीदना भी है.

शायद यही वजह है कि सोमवार को अमेरिका ने दावा किया कि तेहरान रूस को सैकड़ों ड्रोन भेजने की तैयारी कर रहा है.

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अमेरिका का दावा

बाइडन प्रशासन की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान रूस को जल्द ही सैकड़ों ड्रोन बेचने की तैयारी कर रहा है.

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान ने सोमवार को कहा था, "हमारी जानकारी बताती है कि ईरानी सरकार रूस को कई सौ ड्रोन देने जा रही है. इनमें हथियारों के इस्तेमाल करने में सक्षम ड्रोन भी शामिल हैं. हमे पता चला है कि ईरान इन ड्रोन्स का उपयोग करने के लिए, रूसी सेनाओं को प्रशिक्षित करने की तैयारी भी कर रहा है."

जेक सुलिवन ने यह भी कहा कि ईरान ने यमन सरकार का समर्थन करने वाले हूती बाग़ियों को सऊदी अरब और इसके नेतृत्व वाले गठबंधन के ख़िलाफ़ इसी तरह के ड्रोन दिए थे.

दिलचस्प है कि अमेरिका के इन दावों के एक दिन बाद रूस ने घोषणा की कि राष्ट्रपति पुतिन अगले सप्ताह तेहरान का दौरा करेंगे.

रूस ने ड्रोन के बारे में अमेरिकी दावे की न तो पुष्टि की है और न ही इसे ग़लत बताया है. रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन सीरिया पर बातचीत के लिए अपने ईरानी समकक्ष रईसी के साथ-साथ तुर्की के राष्ट्रपति से भी मुलाक़ात करेंगे.

ईरान और इराक़ पर नज़र रखने वाले एक थिंक टैंक 'अमवाज मीडिया' के अनुसार अमेरिका के दावे में कोई दम नहीं है.

थिंक टैंक के संपादक मुहम्मद अली शाबानी कहते हैं, "ईरान के पास रूस को सौंपने के लिए 100 ड्रोन नहीं हैं. सुलिवन संभावित रूप से ताजिकिस्तान में ईरान द्वारा निर्मित ड्रोन कारख़ाने के बारे में इशारा कर रहे थे. संभव है कि अमेरिका का दावा सऊदी अरब को हथियारों की पूरी तरह से फिर से सप्लाई शुरू करने से ध्यान हटाने की एक कोशिश है."

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पुतिन
Getty Images
पुतिन

रूस की दिलचस्पी

लेकिन ईरानी पत्रकार मेहदी अली यज़दानी के मुताबिक़ रूस ने 2019 से ही ईरानी ड्रोन खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है.

यज़दानी ने बीबीसी हिंदी को बताया, "यूक्रेन में हमलों के बाद अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए. ईरान के ड्रोन रूसी मिसाइलों से कई गुना सस्ते भी हैं और असरदार भी. अगर ईरान ने पहले ही रूस को कुछ ड्रोन भेज दिए हों तो इसमें मुझे आश्चर्य नहीं होगा. वैसे भी ये सौदेबाज़ी खुलेआम नहीं होगी."

विशेषज्ञों का तर्क है कि प्रतिबंधों की स्थिति में रूस की ऐसे हथियारों का उत्पादन करने की क्षमता कम हुई है. रूस यूक्रेन की जंग में मिसाइलों की कमी से जूझ रहा है. ड्रोन तो वैसे रूस भी बनाता है लेकिन प्रतिबंध के कारण उत्पादन ठप है. दूसरी अहम बात ये है कि ईरान के ड्रोन सस्ते हैं.

विशेषज्ञों का कहना है कि नवीनतम ईरानी ड्रोन को विशेष रूप से एयर डिफेंस को नष्ट करने के लिए विकसित किया गया है. बताया जाता है कि ईरान मे बनाए गए ड्रोनों का इस्तेमाल सऊदी अरब के अंदर तेल के ठिकानों पर हमलों के लिए भी किया गया है.

पत्रकार मेहँदी अली यज़दानी कहते हैं, "यमनी विद्रोहियों ने सऊदी अरब में, ईरान निर्मित ड्रोन्स को तेल के बुनियादी ढांचे पर हमला करने के लिए कई बार इस्तेमाल किया. ईरानी सशस्त्र ड्रोन क्रूज या बैलिस्टिक मिसाइल के इस्तेमाल से काफ़ी सस्ते होते हैं."

इसके अलावा इसका इस्तेमाल नौसेना के ठिकानों पर हमले के लिए भी बनाया गया है. यह रूस के लिए विशेष रूप से प्रासंगिक हो सकता है क्योंकि ये यूक्रेन की एयरफोर्स के ठिकानों को नष्ट करने में काम आ सकता है.

जानकार कहते हैं कि 'ब्लैक सी' में यूक्रेन के ठिकानों पर हमलों के लिए भी ईरान के ड्रोन का इस्तेमाल किया जा सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक़ ईरान ने दो तरह के ड्रोन बनाये हैं. एक वो जो अपने मिशन के बाद बेस पर लौट सकते हैं और दूसरे वो छोटे ड्रोन जो हमले के दौरान नष्ट हो जाते हैं. छोटे ड्रोन एक तरह से अपने एकतरफा मिशन के कारण आत्मघाती ड्रोन या 'कामिकाज़ी ड्रोन के रूप में जाने जाते हैं.

इब्राहिम रइसी
Getty Images
इब्राहिम रइसी

ईरान का सियासी फ़ायदा

मेहदी अली यज़दानी का मानना है कि ईरान का रूस को किसी भी तरह के ड्रोन उपलब्ध कराना राजनीतिक तौर से भी ईरान के लिए महत्वपूर्ण है.

उनका तर्क है, "यह एक संभावित महत्वपूर्ण राजनीतिक खिलाड़ी के रूप में तेहरान प्रवेश कर रहा है. ये यूक्रेन के युद्ध में एक महत्वपूर्ण बदलाव का भी संकेत है. तेहरान रूस का उसके मुश्किल समय में साथ दे रहा है और एक ऐसे समय में इसके काम आ रहा है जब प्रतिबंधों ने रूस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. ये याद रखना चाहिए कि अमेरिका और पश्चिमी देशों से दुश्मनी ने दोनों देशों को और नज़दीक कर दिया है."

ईरान पहले ही कह चुका है कि वह यूक्रेन में चल रही जंग के लिए, पूर्वी यूरोप में नेटो के विस्तार को जिम्मेदार ठहराता है. दूसरी तरफ़ यूक्रेन रूस के ख़िलाफ़ चल रहे युद्ध में सशस्त्र ड्रोन का प्रमुख तौर से इस्तेमाल कर रहा है.

अब तक यूक्रेन ने टीबी2 जैसे ड्रोन का व्यापक उपयोग किया है. उदाहरण के तौर पर यूक्रेन ने टीबी2 ड्रोन का उपयोग राजधानी कीएव पर रूसी हमले को नाकाम बनाने जैसे ऑपरेशन में कामयाबी से अंजाम दिया है.

यूक्रेन ने लंबी दूरी के हमलों के लिए, छोटे आत्मघाती ड्रोनों का भी इस्तेमाल किया है. रूस के रोस्तोव क्षेत्र में एक तेल रिफाइनरी पर हमला भी इन हमलों में शामिल है. लेकिन रूस ने अब तक युद्ध में सशस्त्र ड्रोनों का इतना व्यापक इस्तेमाल नहीं किया है. रूसी इस्तेमाल, यूक्रेनी ठिकानों की निगरानी तक ही सीमित रहा है.

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English summary
Putin's Iran Visit - Will Iranian Drones Change the Direction of Ukraine War?
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