अगले हफ्ते जोहान्सिबर्ग में होगी पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग की मुलाकात, ट्रंप और ट्रेड वॉर पर होगी चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अगले हफ्ते फिर से एक मुलाकात साउथ अफ्रीका के जोहान्सिबर्ग में होगी। दोनों नेता यहां पर ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मिलेंगे और इस बार अमेरिकी ट्रेड वॉर और अमेरिका की ट्रेड पॉलिसीज पर चर्चा करेंगे।
बीजिंग। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अगले हफ्ते फिर से एक मुलाकात साउथ अफ्रीका के जोहान्सिबर्ग में होगी। दोनों नेता यहां पर ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मिलेंगे और इस बार अमेरिकी ट्रेड वॉर और अमेरिका की ट्रेड पॉलिसीज पर चर्चा करेंगे। चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है। आपको बता दें कि जहां एक तरफ चीन और अमेरिका ट्रेड वॉर में इस समय आमने-सामने हैं तो भारत पर भी अमेरिका ने दबाव बनाना शुरू कर दिया है। भारत ने पिछले माह ऐलान किया गया था कि वह अमेरिका से आने वाले 30 प्रोडक्ट्स पर टैरिफ बढ़ा देगा। भारत की ओर से यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस फैसले के बाद उठाया गया था जिसमें उन्होंने भारतीय स्टील और एल्युमिनियम पर और ज्यादा टैक्स लगाने की बात कही थी।
वन-टू-वन मीटिंग
चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि राष्ट्रपति जिनपिंग और पीएम मोदी जोहान्सिबर्ग में वन-टू-वन वार्ता करेंगे। ब्रिक्स समिट 25 जुलाई से शुरू होगा और तीन दिनों तक चलेगा। यहां पर ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, 'राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स समिट के लिए रवाना होंगे। इस समिट से इतर राष्ट्रपति शी भारत और दूसरे देश के नेताओं के साथ द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे। उनकी मीटिंग से जुड़ी जरूरी जानकारियों पर भी विचार चल रहा है।'
तीन माह में तीसरी मीटिंग
पीएम मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच तीन माह के अंदर यह तीसरी मुलाकात होगी। दोनों नेता इससे पहले मई में शंघाई को-ऑपरेशन समिट (एससीओ) समिट के दौरान मिले थे और उससे पहले अप्रैल माह में चीन के वुहान में मोदी और जिनपिंग की मुलाकात हुई थी। माना जा रहा है कि इस बार जब ये दोनों मिलेंगे तो एससीओ और वुहान समिट के दौरान जो समझौते हुए थे, उन पर भी संज्ञान लेंगे। जब हुआ से पूछा गया कि क्या पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच यूएस ट्रेड वॉर पर भी चर्चा होगी तो उनका जवाब था कि दोनों नेता अंतरराष्ट्रीय माहौल के अलावा ब्रिक्स सहयोग और आपसी हितों से जुड़े कुछ और मुद्दों पर चर्चा करेंगे। जहां तक अमेरिकी व्यापार संरक्षणवाद की बात है तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय में इसे लेकर पहले से ही चिंताएं व्याप्त हैं।
ट्रेड वॉर पर कर सकते हैं चर्चा
हुआ ने कहा कि चीन और भारत दोनों बहुपक्षीय और वर्ल्ड इकोनॉमि में फ्री ट्रेड का समर्थन किया है। इस मुद्दे पर दोनों के ही समान हित हैं और जिनपिंग और मोदी इस आपसी हित के मुद्दे पर भी अपने विचार साझा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि ब्रिक्स देशों के बीच भी इस पर सर्वसम्मित बनी हुई है। चीन और अमेरिका दोनों ने ही एक दूसरे के प्रोडक्ट्स पर 34 बिलियन डॉलर का कर ठोंका हुआ है। इस कदम की शुरुआत पहले ट्रंप की तरफ से हुई थी जिनके प्रशासन ने चीन पर गलत अभ्यास का आरोप लगाया है। ट्रंप ने यूरोपियन यूनियन से आने वाले उत्पादों पर भी अतिरिक्त कर लगा दिया है और पिछले हफ्ते उन्होंने यूरोपियन यूनियन को अपना दुश्मन करार दिया था।