चीन से तनाव के बीच PM मोदी ने रूसी राष्ट्रपति से टेलीफोन पर की बात, पुतिन से यूक्रेन पर भी चर्चा
PMO ने कहा, ‘यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के संदर्भ में, पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ अपनी बातचीत में संवाद और कूटनीति को आगे बढ़ाने के अपने आह्वान को दोहराया है।’
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से एक बार फिर टेलीफोन पर बातचीत की है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने पीएम मोदी और पुतिन के बीच बातचीत को लेकर बयान जारी किया है। PMO ने कहा, 'यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के संदर्भ में, पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ अपनी बातचीत में संवाद और कूटनीति को आगे बढ़ाने के अपने आह्वान को दोहराया है।'
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In the context of the ongoing conflict in Ukraine, PM Modi reiterated his call for dialogue and diplomacy as the only way forward, in his conversation with Russian President Putin: PMO https://t.co/anAIVfWeDx
— ANI (@ANI) December 16, 2022
पीएमओ ने आगे कहा, 'समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर अपनी बैठक के बाद, दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के कई पहलुओं की समीक्षा की, जिसमें ऊर्जा सहयोग, व्यापार और निवेश, रक्षा और सुरक्षा सहयोग और अन्य प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं।' इसके साथ ही पीएम मोदी ने बातचीत के दौरान राष्ट्रपति पुतिन को जी-20 की भारत की मौजूदा अध्यक्षता के बारे में जानकारी दी और इसकी प्रमुख प्राथमिकताओं पर प्रकाश डाला। पीएमओ ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन की भारत की अध्यक्षता के दौरान दोनों देशों के एक साथ काम करने की भी उम्मीद की। इसके साथ ही दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के साथ नियमित संपर्क में रहने पर भी सहमति जताई।'
भारत ने बातचीत पर दिया जोर
आपको बता दें कि दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत ऐसे समय में हुई हैं जब भारत और चीन के संबंध बेहद तनाव पूर्ण हैं। हाल ही में चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प की खबरें आई हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने SCO समिट में रूसी राष्ट्रपति पुतिन से बातचीत की थी और कहा था कि यह समय युद्ध का नहीं है। रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला कर दिया था, जिसकी पूरी निंदा में निंदा हुई। भारत इस मसले पर तटस्थ रहा है। रूस पर अमेरिका और यूरोपीय देशों समेत कई देशों ने बैन लगाया है। लेकिन भारत ने यूक्रेन मुद्दे पर बातचीत और कूटनीतिक तरीके से हल निकालने पर जोर दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर यूएन समेत कई मंचों से लगातार बातचीत के जरिए इस मुद्दे के हल की बात करते आए हैं।
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