इमरान सरकार के खिलाफ विद्रोह! पाकिस्तानी दूतावास ने कहा, नहीं मिल रही सैलरी, स्कूल ने बच्चों को निकाला
सर्बिया स्थिति पाकिस्तानी दूतावास ने इमरान खान सरकार के खिलाफ सीधा-सीधा मोर्चा खोल दिया है और पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से इमरान सरकार की जमकर आलोचना की है।
सर्बिया/इस्लामाबाद, दिसंबर 03: दिवालिया घोषित होने के कगार पर पहुंचे पाकिस्तान में भीषण बवाल मच गया है और इमरान खान सरकार के खिलाफ पाकिस्तानी दूतावास ने ही मोर्चा खोल दिया है। जिससे पूरी दुनिया में पाकिस्तान की कंगाली के चर्चे हो रहे हैं। सर्बिया स्थिति पाकिस्तानी दूतावास ने कहा है कि, अधिकारियों को तीन महीने से सैलरी नहीं मिल रही है, जिसकी वजह से बच्चों को स्कूल ने बाहर निकाल दिया है।
सर्बिया स्थिति दूतावास ने खोला मोर्चा
सर्बिया स्थिति पाकिस्तानी दूतावास ने इमरान खान सरकार के खिलाफ सीधा-सीधा मोर्चा खोल दिया है और पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा है कि, अधिकारियों को तीन महीने से इमरान खान सरकार सैलरी नहीं दे रही है, जिसकी वजह से घर चलाने के पैसे नहीं बचे हैं और अब स्थिति ये है कि स्कूल ने बच्चों को बाहर निकाल दिया है। 'पाकिस्तान एंबेसी ऑफ सर्बिया' के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया गया है, जिसमें देश में भयानक स्तर पर पहुंच चुकी महंगाई का जिक्र किया गया है और कहा गया है कि, इमरान खान के शासनकाल में देश में महंगाई चरम पर पहुंच गई है।
अपनी ही सरकार के खिलाफ दूतावास
सर्बिया स्थिति पाकिस्तानी दूतावास ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, ''महंगाई ने सभी पुराने रिकॉर्ड्स को तोड़ दिए हैं। हम इमरान खान से पूछना चाहते हैं कि, आखिर आप कब तक हमारे खामोश रहने और आपके लिए बिना सैलरी के काम करते रहने का इंतजार करेंगे। हमें तीन महीने से सैलरी नहीं मिली है और हमारे बच्चों को जबरदस्ती स्कूल ने बाहर निकाल दिया है, क्योंकि हम स्कूल को अपने बच्चों की फीस नहीं दे पाए हैं।'' इस ट्वीट के साथ सर्बिया स्थिति पाकिस्तानी दूतावास ने इमरान खान को टैग भी किया है और उनके 'नया पाकिस्तान' के दावे का भी जिक्र किया है। सर्बिया स्थिति पाकिस्तानी दूतावास ने अपने ट्वीट में उस मशहूर वीडियो को भी अपलोड किया है, जिसमें महंगाई को निशाना बनाते हुए इमरान खान का 'आपने घबराना नहीं है' का मजाक उड़ाया गया है।
''हमारे पास दूसरा विकल्प नहीं''
सर्बिया स्थिति पाकिस्तानी दूतावास ने एक और ट्वीट करते हुए लिखा है कि, ''हमें बहुत खेद है, लेकिन हमारे पास कोई और विकल्प नहीं बचा है''। दूतावास के आधिकार ट्वीटर हैंडल के जरिए 3 दिसंबर को सुबह 11 बजकर 26 मिनट पर पोस्ट किया गया है। पाकिस्तानी दूतावास के इस ट्वीट के बाद पूरे पाकिस्तान में सियासी खलबली मच गई है। क्योंकि, देश के इतिहास में ये पहली बार हुआ है, जब दूतावास ने सीधे तौर पर अपनी ही सरकार पर सैलरी नहीं देने का आरोप लगाया हो और अपनी ही सरकार को भला बुरा कहा हो।
ट्वीट के पीछे आईएसआई का हाथ?
सर्बिया स्थिति पाकिस्तानी दूतावास का ये ट्वीट काफी ज्यादा वायरल हो रहा है और पूरी दुनिया में इमरान सरकार की किरकिरी हो रही है। वहीं, करीब 4 घंटे गुजर जाने के बाद पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने बयान देते हुए कहा है कि, पाकिस्तानी दूतावास का ट्वीटर हैंडल हैक कर लिया गया था। लेकिन, पाकिस्तानी दूतावास की ये दलील लोगों के गले नहीं उतर रही है और कई लोगों ने कहा है कि, पाकिस्तान सरकार को तीन महीने की सैलरी स्टेटमेंट दिखानी चाहिए कि अधिकारियों को सैलरी दी गई है या नहीं। वहीं, कई लोगों का कहना है कि, हो सकता है कि इस ट्वीट के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ हो और हो सकता है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख नये आईएसआई प्रमुख के जरिए इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से हटाने की कोशिश कर रहे हों। क्योंकि, दूतावास का अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलना किसी को पच नहीं रहा है।
देश चलाने में इमरान खान नाकाम?
आपको बता दें कि, पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने पिछले महीने स्वीकार किया था कि उनके पास देश चलाने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं है। उन्होंने कहा था कि, ''हमारी सबसे बड़ी समस्या यह है कि हमारे पास अपने देश को चलाने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं है जिसके कारण हमें कर्ज लेना पड़ता है''। इमरान खान ने फेडरल ब्यूरो ऑफ रेवेन्यू के ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम (टीटीएस) के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के 'कंगाल' होने की बात कबूल की थी।
नाकाम देश बन चुका है पाकिस्तान?
आपको बता दें कि, पाकिस्तान कई तरह की समस्याओं से जूझ रहा है। अर्थव्यवस्था की बदहाल स्थिति से लेकर देश में बढ़ती खाद्य महंगाई, विपक्ष की राजनीतिक लामबंदी से लेकर सरकार की गिरती साख तक, इमरान खान प्रशासन के सामने अभूतपूर्व संकट खड़ा हो गया है। आसमान छूती खाद्य मुद्रास्फीति इस्लामाबाद की गंभीर समस्याओं में से एक है। अपनी वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण, बढ़ती खाद्य मुद्रास्फीति पर नियंत्रण रखने के लिए सरकार के पास बहुत कम नियंत्रण और संसाधन हैं। वहीं, इमरान खान की पाकिस्तानी आर्मी से भी अनबन है और उनकी विदेश नीति भी पूरी तरह से फेल साबित हो रही है, लिहाजा देश में अब असंतोष बढ़ता जा रहा है और अब ये सारी बातें सतह पर आ चुकी हैं।
पाकिस्तान में भयानक महंगाई दर
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस सप्ताह की शुरुआत में पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला है कि पाकिस्तान में मुद्रास्फीति 9.2 प्रतिशत से बढ़कर 11.5 प्रतिशत हो गई है, जो पिछले 20 महीनों में अक्टूबर में ईंधन की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि से प्रभावित सबसे अधिक वृद्धि है। डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रूपया बुरी तरह से नीचे गिरता जा रहा है, जिससे देश में महंगाई काफी ज्यादा बढ़ चुकी है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) द्वारा मापी गई मुद्रास्फीति 20 महीनों में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
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