इमरान खान से छीन ली जाएगी अपनी ही पार्टी PTI की कमान, पाकिस्तान चुनाव आयोग का एक्शन शुरू
तोशाखाना मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद इमरान खान को उनकी पार्टी के प्रमुख पद से हटाने को लेकर लाहौर कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
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पाकिस्तान में चुनाव आयोग ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशखाना मामले में अयोग्य ठहराए जाने के बाद उनके पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। डॉन अखबार ने पाकिस्तान चुनाव आयोग के एक शीर्ष अधिकारी के हवाले से खबर दी है कि पूर्व प्रधानमंत्री को इसके लिए नोटिस दिया गया है। इस मामले की सुनवाई 13 दिसंबर को होगी।
इमरान खान पर 5 साल का लगा बैन
इससे पहले पाकिस्तान की सरकार ने भी उनके खिलाफ एनएबी और एफआईए में एक साथ अपील दाखिल करने का निर्णय लिया है। बता दें कि तोशखाना मामले में चुनाव आयोग ने 21 अक्टूबर को बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अयोग्य घोषित कर दिया था और उनके चुनाव लड़ने पर 5 सालों के लिए रोक लगा दी थी।
इमरान खान उपहार बेचने में पाए गए थे दोषी
दरअसल, इमरान खान पर सरकार को विदेशों से मिले उपहारों को बेचकर फंड इकट्ठा करने के मामले में दोषी पाए गए थे। इमरान खान के खिलाफ सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार के पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के सांसद राजा अशरफ ने मुकदमा दायर किया था। सांसद द्वारा दायर याचिका में ये दावा किया था कि इमरान खान ने तोशखाना मामले में बेचे गए गिफ्ट की जानकारी छिपाई थी। इस मामले में इमरान खान के वकील की तरफ से कहा गया था कि सरकार की तरफ से इमरान खान के खिलाफ गलत साक्ष्य और दलीलें पेश की गई।
सस्ते दामों में खरीदा, महंगे दामों पर बेचा
2018 में पाकिस्तान की सत्ता संभालने वाले इमरान खान को आधिकारिक यात्राओं के दौरान अमीर अरब शासकों से महंगे उपहार मिले, जो तोशाखाना में जमा किए गए थे। बाद में उन्होंने उसे रियायती मूल्य पर खरीदा और उसे भारी मुनाफे पर बेच दिया। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ने सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग को बताया था कि राज्य के खजाने से खरीदे गए उपहारों की बिक्री से 21.56 करोड़ रुपये का भुगतान कर लगभग 58 लाख रुपये प्राप्त हुए। उपहारों में, एक महंगी कलाई घड़ी, कफलिंक की एक जोड़ी, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियाँ शामिल थीं।
क्या है तोशेखान?
बता दें, पाकिस्तान के कानून के मुताबिक, किसी विदेशी राज्य के गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी उपहार स्टेट डिपॉजिटरी या तोशाखाना में रखा जाना चाहिए। यदि राज्य का मुखिया उपहार को अपने पास रखना चाहता है तो उसे इसके मूल्य के बराबर राशि का भुगतान करना होगा। सरकारी अधिकारियों को प्राप्त होने वाले किसी भी उपहार की रिपोर्ट करने की आवश्यकता होती है, लेकिन उनके पास एक सीमा होती है जिसके नीचे उन्हें पूरे मूल्य का खुलासा करने की आवश्यकता नहीं होती है। तोशखाना को बड़े उपहार भेजे जाते हैं, हालांकि प्राप्तकर्ता उन्हें 50 प्रतिशत तक की छूट पर वापस खरीदने में सक्षम हो सकता है।
पार्टी चीफ से हटाने को लेकर दायर की गई याचिका
बता दें कि तोशाखाना मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद इमरान खान को उनकी पार्टी के प्रमुख पद से हटाने को लेकर लाहौर कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया है कि इमरान खान को उनके निर्वाचन क्षेत्र से अयोग्य ठहराया जा चुका है और उनके चुनाव लड़ने पर भी रोक लग चुकी है ऐसे में उन्हें पीटीआई प्रमुख के पद से भी हटाया जाना चाहिए और इस संबंध में एक आदेश पारित किया जाना चाहिए। हालांकि पीटीआई के अधिकारियों ने कहा कि कोई भी कानून किसी दोषी को राजनीतिक दल का पदाधिकारी बनने से नहीं रोक सकता है।
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