पेशावर ब्लास्ट: पाक PM ने पार्टी कार्यकर्ताओं से की अपील, कहा-घायलों को बचाने के लिए ब्लड डोनेट करें
पेशावर ब्लास्ट में घायलों को बचाने के लिए पाक पीएम ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से ब्लड डोनेट करने की अपील की है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार को अपनी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (N) के कार्यकर्ताओं को पेशावर की एक मस्जिद में हुए विस्फोट में घायल लोगों की जान बचाने के लिए रक्तदान करने का निर्देश दिया। पीएम ने कहा "मैं मुस्लिम लीग (N) के कार्यकर्ताओं को निर्देश देता हूं कि वे आत्मघाती हमले में घायल लोगों की जान बचाने के लिए रक्तदान करें। यह अपील विशेष रूप से 'ओ-नेगेटिव' रक्त वाले लोगों, छात्रों और पार्टी कार्यकर्ताओं की जाती है। लेडी रीडिंग अस्पताल, पेशावर पहुंचें और कीमती मानव जीवन को बचाने में योगदान दें",
इससे पहले शरीफ ने अधिकारियों को घायलों का समुचित इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। साथ ही उन्होंने हमले में शामिल लोगों के खिलाफ 'कड़ी कार्रवाई' करने का भी संकल्प लिया। आपको बता दें कि पाकिस्तान के पेशावर पुलिस मुख्यालय के अंदर एक मस्जिद में विस्फोट होने से कम से कम 46 लोगों की जान चली गई और लगभग 150 घायल हो गए।
कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मरने वालों में ज्यादातर पुलिस अधिकारी थे। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बम रखने वाला परिसर में कैसे घुसा? वहीं, हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के कमांडर सरबकाफ मोहम्मद ने ली है। बता दें कि पिछले साल नवंबर के बाद से TTP द्वारा सरकारी बलों के साथ संघर्ष विराम समाप्त करने के बाद पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में वृद्धि देखी गई है। आतंकवादी समूह अफगान तालिबान के करीब है, जो 2021 में सत्ता पर कब्जा करने के बाद अब अफगानिस्तान पर शासन कर रहे हैं, जब जमीन से घिरे देश से अमेरिकी सैनिकों की वापसी हुई थी।
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इधर, हमले को लेकर मलाला युजूफजई ने दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि पेशावर पुलिस लाइन में एक मस्जिद पर हुए हमले में इतने सारे लोगों की जान जाने या घायल होने से मैं टूट गई हूं और हतप्रभ हूं। मैं सरकार और सुरक्षा बलों से सभी रूपों में आतंकवाद से लड़ने और प्रत्येक नागरिक की रक्षा करने का आग्रह करता हूं। मेरी प्रार्थना पीड़ित परिवारों के साथ है।"
आपको बता दें कि मलाला सिर्फ 15 साल की थी जब 2012 में लड़कियों की शिक्षा के लिए उनके अभियान को लेकर पाकिस्तानी तालिबान ने उनके सिर में गोली मार दी थी। जिससे वह बुरी तरह घायल हो गईं थीं। जिसके बाद उन्हें ब्रिटेन ले जाया गया जहां उनकी जान बची। इस घटना के बावजदू भी मलाला लड़कियों की शिक्षा के लिए लगातार लड़ रही हैं।
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