तालिबान की धमकियों से घबराया पाकिस्तान, अफगानिस्तान में एयरस्ट्राइक करने से किया इनकार
तालिबान ने धमकी दी है, कि पाकिस्तान अफगानिस्तान की धरती पर किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई के बारे में नहीं सोचे, नहीं तो दोनों देशों के बीच के संबंध काफी खराब हो जाएंगे।
Pakistan Denies Airstrike in Afghanistan: तालिबान की सख्त धमकियों के बाद पाकिस्तान ने इन खबरों का खंडन किया है, कि उसकी वायु सेना ने अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के ठिकानों को निशाना बनाया। पाकिस्तानी नेता पिछले एक महीने से लगातार तालिबान को धमकियां दे रहे थे, कि पाकिस्तानी सेना अफगानिस्तान में घुसकर आतंकियों को निशाना बनाएगी, लेकिन तालिबान की एक ही धमकी ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया।
एयरस्ट्राइक से पाकिस्तान का इनकार
इस्लामाबाद ने कहा है, कि अफगानिस्तान के अंदर पाकिस्तान वायु सेना ने कोई भी एक्शन नहीं लिया है और पाकिस्तान ने ऐसी खबरों को बेबुनियाद बताया है, जिसमें कहा गया था, कि पाकिस्तानी वायुसेना ने अफगानिस्तान में एयरस्ट्राइक किया है। अफगान अखबार हश्त-ए-सुभ दैनिक ने सूत्रों के हवाले से कहा है, कि पाकिस्तान ने कल नंगरहार प्रांत के गुश्ता जिले के आसपास के क्षेत्र में सलाला पड़ोस में बमबारी की थी। जिसके बाद पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने अखबार की रिपोर्ट को "पूरी तरह निराधार और दुर्भावनापूर्ण" करार दिया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा है, कि सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल किए जा रहे हैं, वो पुराने वीडियो हैं और वो एयरस्ट्राइक के नहीं, बल्कि सैन्य अभ्यास के हैं।
अफगान पत्रकारों पर फोड़ा ठीकरा
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स में इस फर्जी खबर के लिए अफगानिस्तान के पत्रकारों कों जिम्मेदार ठहराया गया है और कहा गया है, कि अफगान पत्रकारों ने अपने व्हाट्सएप ग्रुपों में इस फर्जी खबर को व्यापक तौर पर शेयर किया है, जिसमें दावा किया गया था, कि हवाई हमलों में कई पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए हैं। हालांकि, पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों के साथ-साथ अफगानिस्तान में टीटीपी के उग्रवादियों ने भी हवाई हमले की खबरों का खंडन किया। आपको बता दें कि, पिछले साल 28 नवंबर को टीटीपी ने पाकिस्तान सरकार के साथ चल रहे युद्धविराम को खत्म करने का ऐलान किया था और कहा था, कि उसका संगठन पूरे पाकिस्तान में हमले करेगा। जिसके बाद से पिछले कुछ महीनों के दौरान पाकिस्तान ने विशेष रूप से खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकवादी घटनाओं में तेजी से वृद्धि देखी है।
पाकिस्तान में सौ से ज्यादा हमले
प्रतिबंधित संगठन टीटीपी ने पिछले एक साल में पाकिस्तान के ऊपर 100 से ज्यादा हमलें किए हैं, जिसमें 300 से ज्यादा पाकिस्तानी सेना के जवान मारे गये हैं। इनमें से ज्यादातर हमले पिछले साल अगस्त के बाद हुए हैं, जब सरकार के साथ उनकी शांति वार्ता बेनतीजा साबित हुई। इन हमलों के बाद पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने तालिबान को सीधे तौर पर टीटीपी को रोकने की धमकी दी थी और पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा था, कि पाकिस्तान अफगानिस्तान के अंदर टीटीपी के ठिकानों को निशाना बनाएगा। पाकिस्तान के मंत्री ने कहा था, कि "जब ये समस्याएं उत्पन्न होती हैं, तो हम सबसे पहले अपने इस्लामिक भाई राष्ट्र अफगानिस्तान से इन ठिकानों को खत्म करने और इन व्यक्तियों को हमें सौंपने के लिए कहते हैं, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है, तो इस्लामाबाद इन ठिकानों को निशाना बनाएगा।"
तालिबान ने दी थी डायरेक्ट धमकी
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा था कि, "अफगानिस्तान का इस्लामी अमीरात, पाकिस्तान सहित अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है और इस लक्ष्य को हासिल करने के सभी तरीकों में विश्वास करता है।" बयान में मुजाहिद ने कहा कि, "यह खेदजनक है कि पाकिस्तानी अधिकारी अफगानिस्तान के बारे में 'गलत बयान' दे रहे हैं"। उन्होंने कहा कि, 'इस्लामिक अमीरात' पूरी कोशिश कर रहा है, कि पाकिस्तान या किसी अन्य देश के खिलाफ अफगानिस्तान की सरजमीं का इस्तेमाल न किया जाए। उन्होंने कहा कि, "हम इस लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन पाकिस्तानी पक्ष की भी जिम्मेदारी है, कि वह स्थिति को हल करे, आधारहीन बातचीत और उत्तेजक विचारों से बचें, क्योंकि ऐसी बातचीत और अविश्वास किसी भी पक्ष के हित में नहीं है।"
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