चेतावनी: अमेरिका ने कहा, भारत में जारी रहेंगे पाक समर्थित आतंकियों की ओर से हमले, बताई हैं 5 वजहें
जम्मू के सुंजवान में आर्मी कैंप पर हुए आतंकी हमले और श्रीनगर में सीआरपीएफ बटालियन पर हुए हमले के बाद अमेरिका की ओर से भारत को चेतावनी दी गई है कि पाकिस्तान की ओर से समर्थित आतंकी संगठनों की ओर से भारत में आतंकी हमलों का सिलसिला जारी रहेगा।
वॉशिंगटन। जम्मू के सुंजवान में आर्मी कैंप पर हुए आतंकी हमले और श्रीनगर में सीआरपीएफ बटालियन पर हुए हमले के बाद अमेरिका की ओर से भारत को चेतावनी दी गई है कि पाकिस्तान की ओर से समर्थित आतंकी संगठनों की ओर से भारत में आतंकी हमलों का सिलसिला जारी रहेगा। अमेरिकी इंटेलीजेंसी एजेंसी के मुताबिक पाकिस्तान के इस कदम से दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव में कमी आने की बजाय इसमें इजाफा होगा। आपको बता दें कि सुंजवान और श्रीनगर में हुए आतंकी हमलों के पीछे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को जिम्मेदार माना जा रहा है। अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसी के चीफ डैन कोट्स की ओर से यह चेतावनी दी गई है।
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कमजोर अर्थव्यवस्था से लेकर अकेलेपन का डर
डैन कोट्स अमेरिका के नेशनल इंटेलीजेंस के डायरेक्टर हैं और उनकी तरफ से यह चेतावनी सीनेट की इंटेलीजेंस पर बनी सेलेक्ट कमेटी के सामने यह चेतावनी दी गई है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से समर्थित आतंकियों को हमेशा यहां पर मौजूद सुरक्षित ठिकानों का फायदा मिलता रहेगा और वह अफगानिस्तान और भारत में आतंकी हमले जारी रखेंगे। कोट्स के मुताबिक भारत की वजह से पाकिस्तान का कद कम होता जा रहा है। इसके अलावा पाक के अपने घरेलू सुरक्षा मुद्दे, उसकी कमजोरियां, खराब अर्थव्यवस्था की वजह से पाकिस्तान हताश और निराश हो चुका है। वहीं, इस्लामाबाद को इंटरनेशनल कम्यूनिटी में अकेला पड़ने का डर भी सता रहा है।
एलओसी पर बढ़ेगी हिंसा
कोट्स ने सीनेट के सामने भारत में पाकिस्तान समर्थित किसी आतंकी संगठन की ओर से अंजाम दी गई साजिश का जिक्र नहीं किया लेकिन कहा कि पाक की हरकतों के बाद भारत के साथ उसके संबंध तनावपूर्ण होंगे। कोट्स की मानें तो इस बात का भी खतरा है कि अगर भारत में बड़ा आतंकी हमला हुआ तो फिर एलओसी पर होने वाली हिंसा को कोई नहीं रोक पाएगा।
अमेरिका के लिए भी खतरा
कोट्स के मुताबिक पाकिस्तान हकीकत में अमेरिकी हितों के लिए खतरा बना रहेगा। उन्होंने कहा कि वह नए परमाणु हथियारों की तैनाती करने के अलावा आतंकियों के साथ अपने संपर्क बनाए रखेगा, कांउटर टेररिज्म पर उसका ढुलमुल रवैया और चीन से बढ़ती उसकी करीबी, अमेरिका के लिए अहितकर साबित होगी। कोट्स ने यह बात अमेरिकी इंटेलीजेंस कम्युनिटी की वर्ल्डवाइड थ्रेट एस्सेमेंट में चल रही सुनवाई के दौरान कही। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान आतंकियों के खिलाफ इस क्षेत्र में अमेरिकी कोशिशों को भी कमजोर करने में लगा हुआ है।
सिर्फ दिखावा करता है पाकिस्तान
उन्होंने कहा कि पाक सेना की ओर से तालिबान और इससे जुड़े आतंकी संगठनों पर जो कार्रवाई हो रही है, वह सिर्फ एक ढोंग है। पाकिस्तान यह दिखाना चाहता है कि वह अमेरिकी अनुरोध को कितनी गंभीरता से लेता है और आतंकियों के खिलाफ प्रभावी कदम उठाने में कितना सक्रिय है। लेकिन अभी तक पाक की ओर से जो भी एक्शन आतंकियों के खिलाफ लिए गए हैं, वे ज्यादा समय तक कारगर नहीं रहने वाले हैं।आपको बता दें कि जनवरी माह में ट्रंप प्रशासन की ओर से पाकिस्तान में मौजूद आठ संगठनों को तालिबान, हक्कानी नेटवर्क और दूसरे आतंकी संगठनों से जुड़े होने की वजह से आतंकी संगठन करार दिया गया था। कोट्स के मुताबिक पाकिस्तान इन संगठनों से अपने संबंधों को खत्म नहीं करेगा जिसकी वजह से अमेरिकी कार्रवाई प्रभावित होगी। लगा हुआ है।
दबाव में सईद को माना है आतंकी
पाकिस्तान
ने
सोमवार
को
मोस्ट
वॉन्टेड
आतंकी
हाफिज
सईद
को
एक
बड़ा
झटका
देते
हुए
उसके
संगठन
जमात-उद-दावा
(जेयूडी)
को
आतंकी
संगठन
घोषित
कर
दिया
है।
पाकिस्तान
के
राष्ट्रपति
ममनून
हुसैन
ने
एक
ऐसे
बिल
पर
साइन
किए
हैं
जिसका
मकसद
यूनाइटेड
नेशंस
सिक्योरिटी
काउंसिल
(यूएनएससी)
की
ओर
से
प्रतिबंधित
आतंकी
संगठनों
जैसे
लश्कर-ए-तैयबा,
अल-कायदा
और
तालिबान
जैसे
संगठनों
पर
लगाम
कसना
है।
इस
लिस्ट
में
जेयूडी
का
नाम
भी
है।
लेकिन
विशेषज्ञ
मान
रहे
हैं
कि
उसका
नया
कदम
इसी
टास्क
फोर्स
की
आंखों
में
धूल
झोंकने
के
लिए
उठाया
गया
है।