मंगल पर पृथ्वी से पहुंचा 'कचरा'! 50 साल में 7,000 किलो से अधिक वेस्ट, साइंटिस्ट्स ने बताई बड़ी वजह
नई दिल्ली, 26 सितंबर। मंगल ग्रह पर जीवन की तलाश में स्पेस एजेंसियों ने पिछले 50 वर्षों में कई अंतरिक्ष मिशन को अंजाम दिया। वर्तमान में नासा के रोवर मिशन से बड़ी उम्मीदें हैं। इससे पहले के दशकों में स्पेस मिशनों के दौरान मंगल ग्रह पर पहुंचे कचरे और मलबे को लेकर वर्जीनिया विश्वविद्यालय में एक रिसर्च किया गया। जिसमें पता चला है कि अब तक लाल ग्रह पर 7 हजार किलो से अधिक कचरा और मलबा धरती से पहुंच चुका है। वैज्ञानिकों का मानना है कि मंगल पर मलबे की उपस्थित वर्तमान और भविष्य में अंतरिक्ष मिशन के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
50 साल में मंगल पर पहुंचा 7.2 टन कचरा
मंगल ग्रह पर पृथ्वी से लगभग 7.2 टन कचरा और मलबा मंगल पर पहुंच चुका है। 'द कन्वर्सेशन' में छपे एक लेख के अनुसार, वेस्ट वर्जीनिया विश्वविद्यालय में रोबोटिक्स में पोस्टडॉक्टरल रिसर्च फेलो कैग्री किलिक ने ये बात अपने रिसर्च में कही है। ताजा रिसर्च के अनुसार, लाल ग्रह पर करीब 15,000 पाउंड यानी 7200 किलो कचरा पहुंच चुका है। शोध में कहा गया कि मंगल पर ये कचरा पिछले 5 दशकों के दौरान पहुंचा है।
अंतरिक्ष मिशन हैं मुख्य कारण
मंगल पर अब तक जो कचरा पहुंचा है वो अंतरिक्षयान के हार्डवेयर, निष्क्रिय और दुर्घटनाग्रस्त अंतरिक्ष यानों का है। मंगल ग्रह पर अंतरिक्ष मिशन के लिए एक मॉड्यूल की आवश्यकता होती है जो अंतरिक्ष यान की सुरक्षा करता है। मॉड्यूल में एक हीट शील्ड शामिल है जब ग्रह के वायुमंडल से गुजरता है और एक पैराशूट और लैंडिंग हार्डवेयर का प्रयोग होता है ताकि यह धीरे से ग्रह की सतर पर उतर सके। अंतरिक्ष यान के ग्रह पर उतरते ही मॉड्यूल टुकड़ों में हो जाता है। रिसर्च फेलो कैग्री किलिक के शोध के अनुसार, मंगल की सतह पर कचरे का मुख्य कारण निष्क्रिय अंतरिक्ष यान का मलबा है।
मंगल पर सक्रिय अंतरिक्षयान
मंगल पर मौजूदा समय में नौ अंतरिक्ष यान हैं। जिनमें मार्स 3 लैंडर, मार्स 6 लैंडर, वाइकिंग 1 लैंडर, वाइकिंग 2 लैंडर, सोजॉर्नर रोवर, पूर्व में खोया हुआ बीगल 2 लैंडर, फीनिक्स लैंडर, स्पिरिट रोवर और अपॉर्चुनिटी रोवर शामिल हैं। इनमें से अधिकांश अंतरिक्ष यान ठीक हैं। कुछ यानों में टूट-फूट के कारण कचरा हुआ है। मंगल पर खोए हुए, दुर्घटनाग्रस्त या फिर निष्क्रिय स्पेस मिशन के यानों से मलबा अधिक हुआ है। बड़ी मात्रा में इनके अवशेष वहां पड़े हैं। पिछले दिनों दो अंतरिक्ष यान मंगल की सतह पर क्रैश लैंडिंग का शिकार हुए थे। इस बड़ी मात्रा में कचरे उपस्थिति को वैज्ञानिकों का मानना है कि ये भविष्य के मिशनों के लिए भी खतरा हो सकता है।
लाल ग्रह पर एकत्र मलबा का ब्यौरा
वर्जीनिया यूनिवर्सिटी के रिसर्च फेलो कैगरी किलिक के अनुसार, वर्तमान में मंगल की सतह पर कम से कम 15,000 पाउंड यानी करीब 7.2 टन कचरा है। जो मंगल ग्रह पर भेजे गए अंतरिक्ष यान का कुल द्रव्यमान 22,000 पाउंड यानी 9979 किलोग्राम का है। जिसमें से 6,306 पाउंड (2,860 किलोग्राम) द्रव्यमान अंतरिक्ष यान का है जो वर्तमान में कार्य कर रहा है।
मंगल पर मिशन क्यों?
नासा के मंगल पर चलाए जा रहे मिशन रोवर ने मंगल पर 12 खास नमूने एकत्र किए हैं, जिनसे अंतर्राष्ट्रीय स्पेस एजेंसी नासा की उम्मीदें का काफी बढ़ गई हैं। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का कहना है कि 'मार्स सैंपल रिटर्न' मंगल को लेकर चलाए जा रहे मिशन की श्रंखला है। इस दौरान रोवर द्वारा एकत्र किए गए नमूनों को 2030 के दशक में पृथ्वी पर लाया जाएगा। 15 सितंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नासा के प्रमुख थॉमस जुर्बुचेन ने कहा, " मंगल पर तलछटी क्षेत्र में रोवर जो नमूने ले रहा है, वो अहम है। हमें उम्मीद है कि मंगल पर हम अपने मिशन में कामयाब होंगे।" वहीं अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को मंगल ग्रह से जुड़े ऐसे कई तथ्य हाथ लगे हैं, जिनसे मंगल ग्रह पर जीवन की उम्मीद की जा रही है। नासा के मिशन रोवर ने इस दिशा में काफी प्रयास किए हैं।
Pics: अंतरिक्ष में दिखा फैंटम गैलेक्सी का 'दिल'! NASA को मिले स्पेस की दुनिया के अहम रहस्य