भारत के साथ साथ चीन, जापान और पाकिस्तान की भी करेंसी क्यों लुढ़क रही है? जानिए वजह
चायना फॉरेन एक्सचेंज ट्रेड सिस्टम के मुताबिक, चीनी मुद्रा रॅन्मिन्बी, जिसे युआन भी कहा जाता है, वो डॉलर के मुकाबले कमजोर हो गया है
नई दिल्ली, मई 11: डॉलर के मुकाबले इस वक्त दुनिया भर के ज्यादातर देशों की करेंसी गिर रही है और एक्सपर्ट्स का अनुमान है, कि कुछ दिनों में डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी का वैल्यू गिरकर 79 के करीब पहुंच जाएगा। लेकिन, सिर्फ भारतीय करेंसी ही नहीं है, जिसका वैल्यू डॉलर के मुकाबले गिर रहा है, बल्कि दुनिया के कई देशों की करेंसी गिर रही है। जिसमें चीन, जापान और पाकिस्तान भी शामिल हैं।
गिर रही है चीन की करेंसी
चायना फॉरेन एक्सचेंज ट्रेड सिस्टम के मुताबिक, चीनी मुद्रा रॅन्मिन्बी, जिसे युआन भी कहा जाता है, वो डॉलर के मुकाबले कमजोर हो गया है और एक्सटेंज ट्रेड के मुताबिक बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 156 पिप्स कमजोर होकर चीनी करेंसी का वैल्यू 6.7290 हो गया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, चीन के स्पॉट फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में, प्रत्येक कारोबारी दिन सेन्ट्रल पेरिटी रेट से सिर्फ 2 प्रतिशत ही ऊपर बढ़ने या फिर नीचे गिरने की इजाजत है। यानि, अगर इससे ज्यादा का उछाल आता है, या फिर गिरता है, तो फिर इसे फौरन बंद कर दिया जाता है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले युआन की सेन्ट्रल पेरिटी रेट प्रत्येक कारोबारी दिन इंटरबैंक बाजार के खुलने से पहले बाजार निर्माताओं द्वारा दी जाने वाली कीमतों के भारित औसत पर आधारित है।
सिकुड़ रही है चीन की अर्थव्यवस्था?
एक रिपोर्ट के अनुसार, कोविड 19 ने चीन की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचाया है, इसके साथ ही चीनी अर्थव्यवस्था भी सिकुड़ने लगी है। वहीं, चीन में बेरोजगारों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है, वहीं जनसंख्या का नहीं बढ़ना चीन के लिए सबसे बड़ी दिक्कत है। चीन के रेनमिन विश्वविद्यालय में चाइना इंस्टीट्यूट फॉर एम्प्लॉयमेंट रिसर्च (CIER) और जॉब सर्च वेबसाइट झाओपिन द्वारा किए गए एक हालिया सर्वे से संकेत मिलता है कि, चीन में नए विश्वविद्यालय के स्नातकों के बीच प्रति आवेदक उपलब्ध नौकरियों की संख्या 2021 की चौथी तिमाही में गिरकर 0.88 हो गई। वहीं, चीन में नौकरियों की संख्या 2019 में 12.79 मिलियन से घटकर 2020 में 12.07 मिलियन हो गई। चीनी राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (NBS) के अनुसार, 2021 में शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 16-24 वर्ष तक की आयु के लोगों के लिए 14.3 प्रतिशत थी।
पाकिस्तानी रुपया का भी हाल बेहाल
वहीं, इंटरबैंक बाजार में मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गया है। एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआती कारोबार में ग्रीनबैक का मूल्य 82 पैसे बढ़ गया और वर्तमान में इंटरबैंक बाजार में 188.35 रुपये पर कारोबार कर रहा है। विदेशी मुद्रा डीलरों के अनुसार, एक्सचेंज रेट भारी दबाव में रही, क्योंकि अमेरिकी डॉलर पाकिस्तानी रुपये के मुकाबले लगातार बढ़त बना रही थी। फॉरेक्स डीलर्स के मुताबिक, पाकिस्तान के ओपन मार्केट में अब एक डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये का वैल्यू गिरकर 189 हो चुका है। वहीं, लगातार दूसरे दिन अमेरिकी डॉलर इंटरबैंक बाजार में 187.53 रुपये पर बंद हुआ। जानकारों के मुताबिक डॉलर में तेजी ने रुपये पर आधारित अर्थव्यवस्था और इसके हितधारकों का भरोसा तोड़ दिया है और उन्होंने कहा कि उदास मैक्रों स्थानीय इकाई पर दबाव बनाना जारी रखेंगे। वहीं, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने देश की सरकार को बताया है कि, अब देश में विदेशी मुद्रा भंडार 328 मिलियन डॉलर गिरकर 10.558 अरब अमरीकी डालर हो गया है और इसे बढ़ाने की जरूरत है।
जापानी करेंसी भी लुढ़की
डॉलर के मुकाबले जापानी करेंसी भी लगातार लुढ़कती जा रही है और सोमवार को एक डॉलर के मुकाबले जापानी करेंसी येन पिछले 20 सालों में सबसे नीचले स्तर पर पहुंच गया और सोमवार को एक डॉलर के मुकाबले जापानी येन का वैल्यू गिरकर 131.34 पर पहुंच गया। जापानी करेंसी में भारी गिरावट के लिए बैंक ऑफ जापान ने वैश्विक हालातों को बड़ी वजह करार दिया है। वहीं, जापान के वित्तमंत्री शुनिची सुजुकी ने कहा कि, डॉलर के मुकाबले जापानी करेंसी का यूं लुढ़कना अवांछनीय है। सुजुकी ने मंगलवार को एक ब्रीफिंग में कहा, "स्थिरता महत्वपूर्ण है और हाल ही में देखी गई लगातार और तेज बदलाव अवांछनीय हैं'। इसके साथ ही उन्होंने जापानी करेंसी के तेजी से गिरने को लेकर मौखिक चेतावनी भी जारी की है। उन्होंने कहा कि, जापान तेजी से कमजोर होते येन के जवाब में किसी भी कार्रवाई में संयुक्त राज्य अमेरिका और सात समूह (जी 7) देशों के साथ निकटता से संवाद करेगा।
लगातार गिरता भारतीय रुपया
वहीं, भारत की आधिकारिक मुद्रा रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 51 पैसे गिरकर 77.41 रुपये के सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया है। इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज में, रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 77.17 पर खुला, फिर 77.42 तक लुढ़क गया। आपको बता दें कि, भारतीय रुपया मार्च में 76.98 के पिछले रिकॉर्ड निचले स्तर से फिसल गया है। शुक्रवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 55 पैसे टूटकर 76.90 पर बंद हुआ था। रुपये के मूल्य में गिरावट के पीछे का कारण जोखिमपूर्ण संपत्तियों की मांग को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है और यह भी कि विदेशी निवेशक घरेलू शेयरों को डंप करना जारी रखते हैं।