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तेजी से विश्वयुद्ध की तरफ बढ़ रही दुनिया? रूसी सीमा के पास NATO शुरू करेगा युद्धाभ्यास, US की धमकी

यूक्रेन युद्ध के बीच नाटो ने रूस की सीमा के पास भीषण युद्धाभ्यास करने का फैसला लिया है, जिसके बाद रूस का भड़कना तय है।

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कीव/नॉर्वे, मार्च 12: नाटो में शामिल होने की यूक्रेन की जिद ने ही रूसी राष्ट्रपति पुतिन के गुस्से को भड़काया है और यूक्रेन पर रूस ने इसीलिए हमला किया है। लेकिन, ऐसा लग रहा है, कि युद्ध के बीच नाटो बार बार रूस को भड़काने की कोशिश कर रहा है। आज यूक्रेन युद्ध का 17वां दिन है और रिपोर्ट के मुताबिक, नाटो की सेना अब रूस की सीमा के पास भीषण युद्धाभ्यास करने जा रहा है। ऐसे में सवाल ये है, कि क्या बहुत जल्द विश्वयुद्ध की आग में दुनिया जल सकती है?

रूसी सीमा पर नाटो का युद्धाभ्यास

रूसी सीमा पर नाटो का युद्धाभ्यास

उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सैनिक और उसके सहयोगी सोमवार से नॉर्वे में एक प्रशिक्षण अभ्यास शुरू करेंगे। अपने स्वयं के बचाव में आने के उद्देश्य से, नाटो देशों के सैनिकों का अभ्यास रूस की सीमा से कुछ सौ किलोमीटर दूर आयोजित किया जाएगा, जिसने यूक्रेन में अपने आक्रमण को और भी विस्तार किया है और वर्तमान में रूस की सेना तेजी से कीव की तरफ बढ़ रही है। शुक्रवार को, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि, वह तीसरे विश्व युद्ध के प्वाइंट तक नाटो देशों की एक एक इंच जमीन की रक्षा करेंगे, लेकिन वह यूक्रेन में रूस से लड़कर एक व्यापक संघर्ष को शुरू करने की जोखिम फिलहाल उठाना नहीं चाहते हैं। इसके साथ ही अमेरिका ने एक बार फिर से यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की उस अपील को ठुकरा दिया है, जिसमें उन्होंने यूक्रेवी आकाश को नो-फ्लाई ज़ोन स्थापित करने की मांग की थी, लेकिन सवाल ये है, कि जब पहले ही दुनिया भारी तनाव में है, तो फिर रूस को उकसाने के लिए नाटो सैन्य अभ्यास क्यों कर रहा है?

किस तरह का होगा युद्धाभ्यास?

किस तरह का होगा युद्धाभ्यास?

नॉर्वे के रक्षामंत्री ऑड रोजर एनोक्सेन ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि, "यह अभ्यास नॉर्वे और उसके सहयोगियों की सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हम नॉर्वे के सहयोगी सुदृढीकरण का अभ्यास करेंगे।" इस युद्धाभ्यास में 27 देशों के करीब 30,000 सैनिक, 200 विमान और 50 जहाज हिस्सा लेंगे और इस युद्धाभ्यास को 'कोल्ड रिस्पॉंस 2022' कहा गया है और ये युद्धाभ्यास इस साल नाटो सैनिकों का सबसे बड़ा अभ्यास है।

रूस से लगती है नॉर्वे की सीमा

रूस से लगती है नॉर्वे की सीमा

नॉर्वे काफी पहले से नाटो का सदस्य है और रूस और नॉर्वे की सीमा रेखा आपस में मिलती है और नॉर्वे इस युद्धाभ्यास को करने के लिए काफी उत्सुक है और वह नाटो के चार्टर के अनुच्छेद 5 के अनुरूप, अपनी धरती पर मित्र देशों के सुदृढीकरण का प्रबंधन करेगा, जिसके लिए सदस्य राज्यों को हमले के तहत किसी अन्य सदस्य राज्य की सहायता के लिए आने की आवश्यकता होती है। वहीं, रूस के अन्य पड़ोसी देश, स्वीडन और फिनलैंड, जो आधिकारिक तौर पर नाटो के सदस्य नहीं हैं, लेकिन करीबी साझेदार जरूर हैं, वो भी इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने वाले हैं और माना जा रहा है कि, स्वीडन और फिनलैंड के इस कदम से रूस भड़क सकता है। इस युद्धाभ्यास का समापन 1 अप्रैल को होगा, लेकिन इस बीच रूस ने नॉर्वे का यह प्रस्ताव ठुकरा दिया है, जिसमें नॉर्वे ने इस युद्धाभ्यास में पर्यवेक्षकों को भेजने का प्रस्ताव दिया था। नॉर्वे में रूसी दूतावास ने कहा कि, "रूस की सीमाओं के पास नाटो की सैन्य क्षमताओं का कोई भी निर्माण क्षेत्र में सुरक्षा को मजबूत करने में मदद नहीं करता है।" वहीं, पिछले हफ्ते, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि वह अब अपने देश के लिए नाटो सदस्यता के लिए दबाव नहीं डाल रहे हैं।

बाइडेन की विश्वयुद्ध की चेतावनी

बाइडेन की विश्वयुद्ध की चेतावनी

यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सनसनीखेज बयान दिया है। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि, विश्वयुद्ध को रोकने के लिए किसी भी देश ने यूक्रेन में सैनिकों को भेजने से परहेज किया है। बाइडेन ने एक बार फिर कहा है कि, हम रूस से सीधे तौर पर उलझना नहीं चाहते हैं, क्योंकि इससे विश्वयुद्ध होने का खतरा है। वहीं, जो बाइडेन ने कहा कि, हम एक एक इंच नाटो की जमीन बचाने की कोशिश करेंगे, लेकिन हम यूक्रेन में रूस के खिलाफ हमला नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि, 'यूक्रेन युद्ध में अगर नाटो की सेना शामिल होती है तो तीसरा विश्वयुद्ध शुरू हो जाएगा, जिसे रोकने के लिए हमें प्रयास करना चाहिए।'

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English summary
In the midst of the Ukraine war, NATO has decided to conduct fierce maneuvers near the Russian border, after which Russia is set to flare up.
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