म्यांमार में मिलिट्री राज: इंटरनेट बंद, सोशल मीडिया Log out, गांधीगिरी के रास्ते ‘आजादी’ की मांग
म्यांमार में सेना ने इंटरनेट बंद कर दिया है साथ की सोशल मीडिया पर भी पाबंदी लगाई गई है। सेना ने ऑस्ट्रेलियन इकोनॉमिस्ट को भी हिरासत में लिया गया है।
Myanmar Coup: म्यांमार में मिलिट्री को सरकार का तख्तापलट किए करीब एक हफ्ते का वक्त बीत चुका है लेकिन नेताओं को रिहा करने की जगह पाबंदियों और बढ़ाई जा रही हैं। म्यांमार में इंटरनेट बंद करने के साथ ट्विटर और इंस्टाग्राम बंद कर दिए गये हैं। पूरे देश में मिलिट्री शासन के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन जारी है और इनके बीच खबर ये भी है कि म्यांमार की सबसे बड़ी नेता आंग सान सू की के चीफ इकोनॉमिस्ट और ऑस्ट्रेलियन नागरिक Sean Turnell को भी हिरासत में लिया गया है। Sean Turnell पहले ऐसे विदेशी डिप्लोमेट हैं, जिन्हें हिरासत में लिया गया है।
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मिलिट्री रूल के खिलाफ प्रदर्शन
मिलिट्री रूल के खिलाफ म्यांमार में कई जगहों पर लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। और लोगों के प्रदर्शन को कुचलने के लिए सेना ने इंटरनेट के साथ साथ सोशल मीडिया पर भी पाबंदी लगाने का एलान कर दिया। देश के सबसे बड़े शहर यंगून में लोगों ने थालियां बजाकर सेना शासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। नेट ब्लॉक्स इंटरनेट ऑब्जर्वेट्री के मुताबिक इंटरनेट की स्पीड घटाकर 16 प्रतिशत तक कर दिया गया है। जो बेहद कम स्पीड होता है। मिलिट्री शासन के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन जारी है। लोग सैनिक शासन हाय हाय के नारे लगा रहे हैं। कई लोग कह रहे हैं कि तानाशाही शासन हारेगा और लोकतंत्र की जीत होगी। वहीं, प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए हर जगह सेना के जवान खड़े हैं। शहरों के मुख्य सड़कों को बैरिकेड करके रोक दिया गया है। शनिवार को फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों ने भी सैनिक शासन के खिलाफ रैलियां निकालकर प्रदर्शन किया। वहीं, कई स्कूलो में छात्र भी रैली निकालकर नेता आंग सान सू की को रिहा करने की मांग कर रहे हैं।
सेना के खिलाफ गांधीगिरी
बताया जा रहा कि बस चलाने वाले ड्राइवर भी अनोखे अंदाज में मिलिट्री शासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। बस चालक तेज आवाज में हॉर्न बजाकर मिलिट्री रूल खत्म करने की मांग कर रहे हैं। सड़क पर उतरे प्रदर्शनकारी गांधीगिरी का रास्ता अख्तियार किए हुए हैं। सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे पुलिसकर्मियों को गुलाब का फूल और पानी का बोतल देकर जनताराज को समर्थन करने की मांग कर रहे हैं। कुछ इलाकों को अगर छोड़ दिया जाए तो बाकी पूरे देश में शांतिपूर्ण प्रदर्शन ही चल रहा है। हालांकि कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिए जाने की भी खबर है।
हिरासत में ऑस्ट्रेलियन इकोनॉमिस्ट
म्यांमार की प्रसिद्ध नेता आंग सान सू की इकोनॉमिक एडवाइजर Sean Turnell को भी हिरासत में लिया गया है। उन्होंने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए कहा कि उन्हें भी हिरासत में रखा गया है। हालांकि उन्हें हिरासत में क्यों लिया गया है इस बात की जानकारी उन्हें नहीं दी गई है। Sean Turnell ने ये भी कहा कि उनके साथ मिलिट्री के अधिकारी सही तरीके से पेश आ रहे हैं और वो बिल्कुल ठीक हैं। रॉयटर्स से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर उन्हें हिरासत में लिया गया है तो उनके खिलाफ कोई ना कोई चार्ज जरूर लगाया जाएगा मगर उन्होंने ऐसी कोई गलती नहीं की है।
म्यांमार में सत्ता पर मिलिट्री के आने के बाद किसी विदेशी डेलीगेट को हिरासत में लिए जाने का ये पहला मामला है। प्रोफेसर शॉन टर्नल म्यांमार के कैपिटल नैपिडो में साल 2017 से रह रहे हैं और वो म्यांमार डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर के तौर पर काम कर रहे थे।
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