किम जोंग उन का इस ज्वालामुखी से क्या नाता है?
उत्तर कोरिया में सर्वोच्च नेता बनना सबके बस की बात नहीं है क्योंकि इसके लिए आपको एक ख़ास वंश से आना होगा जिसे तथाकथित बेकडू वंश कहा जाता है.
आधिकारिक रूप से, किम जोंग-उन इसी बेकडू वंश से आते हैं.
ऐसा माना जाता है कि ये वंश चीन और उत्तर कोरिया के बीच एक जाग्रत ज्वालामुखी से जुड़ा हुआ है. उत्तर कोरिया के पिछले तीन सर्वोच्च शासक इसी वंश से आए हैं.
उत्तर कोरिया में सर्वोच्च नेता बनना सबके बस की बात नहीं है क्योंकि इसके लिए आपको एक ख़ास वंश से आना होगा जिसे तथाकथित बेकडू वंश कहा जाता है.
आधिकारिक रूप से, किम जोंग-उन इसी बेकडू वंश से आते हैं.
ऐसा माना जाता है कि ये वंश चीन और उत्तर कोरिया के बीच एक जाग्रत ज्वालामुखी से जुड़ा हुआ है. उत्तर कोरिया के पिछले तीन सर्वोच्च शासक इसी वंश से आए हैं.
उत्तर कोरिया का पवित्र ज्वालामुखी
इस ज्वालामुखी क्षेत्र को उत्तर कोरिया से लेकर दक्षिण कोरिया में पवित्र स्थान माना जाता रहा है.
इसके साथ ही दोनों देशों के लिए इस जगह का आध्यात्मिक महत्व है.
इसके आध्यात्मिक महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बीते शुक्रवार जब उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग-उन और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन के बीच एक ऐतिहासिक मुलाकात हुई तब इस ज्वालामुखी का ज़िक्र किया गया.
दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन ने किम जोंग-उन से इस पवित्र जगह पर जाने की इच्छा जताई. वहीं, किम जोंग-उन ने कहा कि "मैं खराब रास्ते को लेकर बेहद शर्मिंदा हूं."
उत्तर कोरियाई नेता की ओर से ये स्वीकार करना काफी दुर्लभ था.
भौगौलिक रूप से भी अहम है बेकडू
चीन में चंगबाई के नाम से चर्चित इस पर्वत की ऊंचाई 2,744 मीटर है जो इसे इस प्रायद्वीप का सबसे ऊंचा पर्वत बनाता है.
ये पर्वत भौगोलिक रूप से भी काफी अहम है. कुछ साल पहले वैज्ञानिकों ने इस ज्वालामुखी में होने वाले विस्फोटों का आकलन करने के लिए जांच की थी.
उत्तर कोरियाई नेतृत्व पर नज़र रखने वाली संस्था के निदेशक माइकल मेडन बताते हैं, "ऐसा माना जाता है कि ये वो जगह है जहां से सभी कोरियाई लोगों की उत्पत्ति हुई है जो इसे एक ऐतिहासिक जगह बनाता है."
बेकडू पर्वत उत्तर कोरियाई (डीपीआरके) के कोट ऑफ़ आर्म्स और राष्ट्रगान के पहले पैराग्राफ़ में भी नज़र आता है.
मेडन बताते हैं कि किम जोंग-उन और उनके परिवार का इस पर्वत से जोड़ा जाने की वजह ये है कि ये पर्वत एक तरह की राष्ट्रीय पहचान है.
कौन थीं किम जोंग-उन की लड़ाकू दादी?.
बेकडू का 'किम' कनेक्शन
इस ज्वालामुखी का पहला रिश्ता किम जोंग-उन के दादा यानी किम इल सुंग से शुरू होता है जिन्होंने उत्तर कोरिया में साम्यवादी राष्ट्र की स्थापना की थी.
मेडन ये संबंध स्थापित करते हुए कहते हैं कि किम इल सुंग ने बेकडू पर्वतों में ही जापानी साम्राज्यवादी ताकतों के ख़िलाफ़ गुरिल्ला युद्ध किया था. ये तब की बात है जब कोरिया पर जापान का कब्जा हुआ करता था.
यहीं से इस मिथक की शुरुआत हुई और इसके बाद किम जोंग-इल के समय में ये भ्रम बढ़ाया गया.
किम जोंग-इल की आधिकारिक आत्मकथा "डियर लीडर" में उनके बेकडू पर्वत में स्थित कोरियाई कैंप में पैदा होने की बात दर्ज है.
लेकिन ज़्यादातर पश्चिमी और दक्षिण कोरियाई विशेषज्ञ इस पर विश्वास नहीं करते हैं.
उत्तर कोरिया के बाहर ये माना जाता है कि किम जोंग इल का जन्म साइबेरिया में सोवियत मिलिट्री बेस में हुआ था जहां से किम इल सुंग ने निर्वासित जीवन जी रहे कोरियाई लोगों का नेतृत्व किया था.
किम जोंग उन इस ट्रेन से ही क्यों सफ़र करते हैं?
लेकिन किम से कितना जुड़ा है बेकडू पर्वत
मेडन बताते हैं कि किम जोंग उन ने साल 2011 में अपने पिता के बाद उत्तर कोरिया की कमान संभाली थी लेकिन तब से कुछ चीजें बदल चुकी हैं.
इसमें कोई सवाल नहीं है कि किम जोंग-उन उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता हैं लेकिन उनके पिता और दादा के साथ जो पर्सनालिटी कल्ट हुआ करता था वो उनके आसपास उतनी आक्रामकता से नहीं गढ़ा गया है."
"प्योंगयोंग की हर इमारत में दीवारों पर किम इल सुंग और किम जोंग इल की तस्वीरें हैं लेकिन किम जोंग उन की आधिकारिक तस्वीरें नहीं हैं."
हालांकि, ये दावा किया जाता है कि आखिरी किम भी वीरों के उसी वंश से आए हैं जो कि बेकडू पर्वत से निकली है.
मेडन बताते हैं कि आधिकारिक रूप से माउंट बेकडू का जिक्र नहीं है, लेकिन किम इल सुंग और किम जोंग इल के दूसरे परिवारों का जिक्र है.
डियर लीडर कहे जाने वाले किम जोंग-इल के किम जोंग उन की मां को योंग-हे के अलावा दूसरी पत्नियां से भी बच्चे थे.
क्या यह किम जोंग-उन युग की शुरुआत है?
साल 2017 में मलेशिया के कुआलालांपुर के एयरपोर्ट पर नर्व गैस एजेंट से मारे जाने वाले किम जोंग-नैम ऐसे ही बच्चों में शामिल थे.
मेडन कहते हैं कि बेकडू की किसी जगह से नाता जोड़ने से ज़्यादा अहम ये है कि किम जोंग-उन को उत्तर कोरिया के पूर्व नेताओं किम इल सुंग और किम जोंग-इल का वैधानिक उत्तराधिकारी माना जाए.
जबकि किम जोंग से बड़ी एक बहन किम सुल सोंग भी है .
हालांकि, किम जोंग-उन ने इस बात की पुष्टि की है कि वह चुने हुए वंश के सदस्य हैं.
हालांकि, उत्तर कोरिया में उनके प्रति सम्मान का भाव उनके पूर्वजों को मिलने वाले सम्मान तक नहीं पहुंचा है.
यही नहीं उन्हें उत्तर कोरियाई नेताओं की तिकड़ी में शामिल नहीं किया गया है.
इस तिकड़ी को बेकडू के तीन जनरल कहा जाता है जिनमें किम इल सुंग और उनकी पत्नी किम जोंग सुक और बेटा किम जोंग इल शामिल हैं.
हालांकि, मेडन बताते हैं कि किम जोंग उन को उत्तर कोरिया के बाहर तीसरा नया जनरल बताया जा रहा है.
चीन और उत्तर कोरिया के बीच इस पर्वत पर सीमा को लेकर विवाद हुआ था लेकिन साल 1962 में दोनों के बीच समझौते के बाद अब ये जगह एक टूरिस्ट स्पॉट में बदल चुकी है.
महिला जिसके साथ हंसता, गाता, रोता है उत्तर कोरिया
आधिकारिक उत्तर कोरियाई मीडिया में किम जोंग-उन ने बेकडू पर्वत पर खड़े होकर तस्वीरें भी खिंचवाई हैं और ऐसा उन्होंने साल 2013 और 2017 में किया.