
भारत की G-20 अध्यक्षता मिली तो खुश हुए बाइडेन, कहा- अपने मित्र मोदी का समर्थन करने को लेकर उत्सुक हूं

भारत ने गुरुवार को औपचारिक रूप से इंडोनेशिया से G-20 समूह की अध्यक्षता ग्रहण कर ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की G-20 अध्यक्षता को संरक्षण, सद्भाव और उम्मीद की अध्यक्षता बनाने के लिए एकजुट होने और मानव-केंद्रित वैश्वीकरण के एक नए प्रतिमान को स्वरुप देने के लिए साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया। अब इसको लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन का बयान भी सामने आया है। जो बाइडेन ने कहा कि वह G-20 की अध्यक्षता के दौरान अपने मित्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करने के लिए उत्सुक हैं।
पीएम मोदी का समर्थन करने को उत्सुकः बाइडेन
जो बाइडेन ने कहा, "भारत, अमेरिका का एक मजबूत भागीदार है और भारत की G-20 अध्यक्षता के दौरान अपने मित्र पीएम मोदी का समर्थन करने के लिए उत्सुक हूं। हम साथ मिलकर जलवायु, ऊर्जा और खाद्य संकट जैसी साझा चुनौतियों से निपटते हुए सतत और समावेशी विकास को आगे बढ़ाएंगे।" बाइडेन ने पीएम मोदी के किए ट्विट को रिट्वीट करते हुए जलवायु, ऊर्जा और खाद्य संकट जैसी साझा चुनौतियों से निपटते हुए सतत और समावेशी विकास को आगे बढ़ाने की बात कही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत "एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य" के विषय से प्रेरित होकर एकता को बढ़ावा देने के लिए काम करेगा और आतंक, जलवायु परिवर्तन, महामारी को सबसे बड़ी चुनौतियों के तौर पर सूचीबद्ध करेगा जिनका एक साथ मिलकर बेहतर तरीके से मुकाबला किया जा सकता है। पीएम मोदी ने कहा, 'भारत की G-20 प्राथमिकताओं को न केवल हमारे G-20 भागीदारों, बल्कि दुनिया के दक्षिणी हिस्से के हमारे साथी देशों के परामर्श से आकार दिया जाएगा, जिनकी आवाज अक्सर अनसुनी कर दी जाती है।"
India is a strong partner of the United States, and I look forward to supporting my friend Prime Minister Modi during India’s G20 presidency.
Together we will advance sustainable and inclusive growth while tackling shared challenges like the climate, energy, and food crises. https://t.co/EsTK9XdsCp pic.twitter.com/dTpBdiTJM0
— President Biden (@POTUS) December 2, 2022
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का G-20 एजेंडा समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्रवाई उन्मुख और निर्णायक होगा। उन्होंने कहा, 'मेरा दृढ़ विश्वास है कि अभी और आगे बढ़ने तथा समग्र रूप से मानवता को लाभान्वित करने के लिए एक मौलिक मानसिकता के बदलाव को उत्प्रेरित करने का सबसे अच्छा समय है।' प्रधानमंत्री ने कहा कि 'किसी का फायदा, किसी का नुकसान' वाली पुरानी मानसिकता में फंसे रहने का समय चला गया है, जिसके कारण अभाव और संघर्ष दोनों देखने को मिले थे।