अमेरिकी इंडियंस को छप्पड़ फाड़ मदद, जो बाइडेन सरकार ने दिए 42 हजार करोड़ रुपये
अमेरिका में जो बाइडेन प्रशासन ने अमेरिकी इंडियन्स और नेटिव अमेरिकन ट्राइब्स के लिए छप्पड़ फाड़ मदद का ऐलान किया है। अमेरिकी इंडियन्स के लिए 6 बिलियन डॉलर तो ट्राइब्स के लिए 31 बिलियन डॉलर मदद का ऐलान किया गया है।
वाशिंगटन: जो बाइडेन प्रशासन ने अमेरिका में रहने वाले इंडियन्स और नेटिव अमेरिकन ट्राइब्स के लिए छप्पड़ फाड़ मदद का ऐलान किया है। अमेरिकी इकोनॉमी में जान फूंकने के लिए हाल ही में 1.9 ट्रिलियन डॉलर के राहत पैकेज को मंजूरी मिली है। इस राहत पैकेज में इंडियन हेल्थ सिस्टम को 6 बिलियन डॉलर यानि 600 करोड़ डॉलर यानि 42 हजार करोड़ रुपये की सहायता मिली है। इंडियन हेल्थ सिस्टम यानी IHS एक एजेंसी है जो डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेज के साथ मिलकर काम करती है।
42 हजार करोड़ की मदद
अमेरिकी फेडरल गवर्नमेंट ने 567 के करीब अमेरिकन इंडियन और अलास्का नेटिव ट्राइब्स की पहचान की है। इन लोगों को IHS के तहत मेडिकल का विशेष लाभ मिलता है। इसके गठन का मकसद यह था कि अमेरिकन इंडियन और अलास्का नेटिव की हेल्थ कंडिशन को बेहतर किया जा सके। इंडियन हेल्थ सिस्टम को मिले 42 हजार करोड़ रुपयों में से वैक्सिनेशन, टेस्टिंग, ट्रेसिंग, मिटिगेशन और वर्कफोर्स एक्सपेंस शामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक 2 बिलियन डॉलर थर्ड पार्टी बिलिंग रिबंर्समेंट के लिए रखा गया है वहीं 420 मिलियन डॉलर मेन्टल हेल्थ के लिए दिया गया है। अमेरिकन रेस्क्यू एक्ट में से 84 मिलियन डॉलर अर्बन हेल्थ केयर को मिलेगा जबकि 20 मिलियन डॉलर स्वास्थ्य केन्द्रो को दिया जाएगा।
जनजातीय आबादी को लाभ
अमेरिका में जनजातियों को 31 बिलियन डॉलर का मदद दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने माना है कि अमेरिकन अश्वेतों और जनजातीय निवासियों के ऊपर कोरोना वायरस का खतरनाक असर पड़ा है, लिहाजा उन्हें मदद की जरूरत है। बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, अमेरिका के मूल और जनजातीय निवासियों को फौरन मदद की जरूरत थी, लिहाजा उनके लिए 31 बिलियन डॉलर का पैकेज दिया गया है।
इंडियन हेल्थ सर्विस को 6 बिलियन डॉलर
रिपोर्ट के मुताबिक इंडियन हेल्थ सर्विस को मिले 6 बिलियन डॉलर में से 2.3 बिलियन डॉलर वैक्सीन, टेस्टिंग और ट्रेसिंग पर खर्च होंगे तो 2 बिलियन डॉलर लोगों को इंश्योरेंस के तौर पर दिए जाएंगे। वहीं 600 मिलियन डॉलर हेल्थ फैसिलिटी को बढ़ाने के लिए खर्च किए जाएंगे। वहीं, 500 मिलियन डॉलर क्लिनिकल हेल्थ सर्विस पर खर्च होंगे। वहीं 420 मिलियन डॉलर मेन्टल हेल्थ के लिए दिया जाएगा तो 140 मिलियन डॉलर हेल्थ और टेलीहेल्थ सेक्टर में फैसिलिटी बढ़ाने के लिए खर्च किए जाएंगे। वहीं, 84 मिलियन डॉलर का खर्च अर्बन इंडियन हेल्थ प्रोग्राम पर खर्च किए जाएंगे। वहीं, 10 मिलियन डॉलर का खर्च पीने योग्य पानी वितरण पर खर्च किए जाएंगे।
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