बुलेट ट्रेन: कल से शुरू होगा मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर काम, जानिए 6 बातें
अहमदाबाद। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे दो दिन के दौरे के लिए भारत पंहुच गए हैं, जंहा वे पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन की आधारशिला रखेंगे। भारत में 14 सिंतबर से बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर पहली बार काम शुरू होगा। इस प्रोजेक्ट को कामयाब बनाने के लिए जापान ने भारत का साथ दिया है। शिंजो आबे सरकार ने भारत में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए 90,000 करोड़ रुपये का लोन दिया है। भारत जब अपनी 75वीं आजादी (15 अगस्त, 2022) सेलिब्रेट करेगा उसी दिन अहमदाबाद से मुंबई तक पहली बार बुलेट ट्रेन दौड़ती हुई दिखेगी। आइए हम आपको बताते हैं, कैसी होगी भविष्य की बुलेट ट्रेन और आने वाले 5 सालों में इस प्रोजेक्ट से क्या-क्या पड़ेगा प्रभाव।
कितनी तेज है बुलेट ट्रेन?
भारत में जो बुलेट ट्रेन टेक्नोलॉजी 2022 में शुरू होगी, जापान उसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अपने देश में करीब 15 साल पहले कर चुका है। जापान में इस ट्रेन का नाम शिंकासेन है, जब पहली बार इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया तब इसकी स्पीड 210kmph थी। आज शिंकासेन की स्पीड 320kmph है। 2002 तक यह दुनिया की सबसे तेज ट्रेन थी, उसके बाद चीन ने माग्लेव ट्रेन दौड़ाई जिसकी स्पीड 431kmph थी।
किस-किस को मिलेगी बुलेट ट्रेन?
भारत में बुलेट ट्रेन सबसे पहले मुंबई-अहमदाबाद के बीच दौड़ेगी, इसके बाद दिल्ली-कोलकाता, दिल्ली-मुंबई, मुंबई-चेन्नई, दिल्ली-चंडीगढ़, मुंबई-नागपुर, दिल्ली-नागपुर जैसे बड़े रूट को छूएगी। रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई से अहमदाबाद से शुरू होने वाली योजना में 11 स्टेशन प्रस्तावित हैं।
कितना आएगा खर्च?
इस 1.8 लाख वाले बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के एक टिकट की कीमत आज के AC टिकट की तुलना में ज्यादा होगी। हालांकि, इसके टिकट के बारे में कोई फाइनल चर्चा नहीं हुई है, लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो बुलेट ट्रेन में सफर करने के लिए एक टिकट की कीमत 3,000-5,000 के बीच हो सकती है।
क्या हम खुद बना सकते हैं यह बुलेट ट्रेन?
बिल्कुल संभव है। यहां तक कि इंडियन रेलवे आने वाले टाइम में मेक इन इंडिया के तहत इस बुलेट ट्रेन का निर्माण कर सकती है। हाल ही में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि जापन भारत को इसकी टेक्नोलॉजी देने के लिए तैयार है।
कितनी सुरक्षित है बुलेट ट्रेन
अगर जापान के शिंकासेन की बात की जाए तो 1964 से लेकर अब तक एक बार भी एक्सीडेंट का शिकार नहीं हुई है। इस ट्रेन के अंदर ही सेफ्टी सिस्टम है, जो इसके एक्सीडेंट के चांसेज को कम करती है। यहां तक कि कोई छोटा मोटा भूकंप भी इस ट्रेन को डैमेज नहीं कर सकती। इसमें एडवांस सिस्टम लगे हैं, जिसकी वजह से भूकंप आने पर ट्रेन ऑटोमेटिक रुक जाएगी।