अमेरिका के भरोसे नहीं रहेगा जापान, चीन-उत्तर कोरिया से लोहा लेने के लिए 863 अरब डॉलर के रक्षा बजट को दी मंजूरी
किशिदा सरकार ने अपने रक्षा खर्च को साल 2027 तक दोगुना करके 2 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य बनाया है। इसे लेकर सरकार की आलोचना भी की जा रही है।
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चीन के साथ युद्ध के खतरे के बीच जापान ने रक्षा क्षेत्र के लिए महाबजट का ऐलान किया है। रक्षा क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए जापानी सरकार ने एक बड़ी रकम झोंक दी है। जापान के पीएम फूमियो किशिदा ने 2023 में रक्षा बजट पर 863 अरब डॉलर खर्च करने का ऐलान किया है। इन पैसों से जापान मिसाइल और फाइटर जेट खरीदेगा।
चीन-उत्तरी कोरिया बढ़ा रहे ताकत
जापान पर पड़ोसी उत्तर कोरिया और चीन से लगातार जंग का खतरा बना हुआ है। इसके साथ ही जापान सरकार अपने सैन्य अड्डों, युद्धपोतों और जंगी जहाजों पर भी भारी मात्रा में पैसा खर्च करने जा रही है। इसके लिए सरकार ने कुछ योजनाओं पर काम करना शुरू कर दिया है। जापान सरकार इसके लिए बांड भी जारी करने जा रही है, जिसे अप्रत्याशित कदम बताया जा रहा है।
भारी कर्जे में है जापान
किशिदा सरकार ने अपने रक्षा खर्च को साल 2027 तक दोगुना करके 2 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य बनाया है। इसे लेकर सरकार की आलोचना भी की जा रही है। बता दें कि जापान अपनी कमजोर अर्थव्यवस्था को लेकर जूझ रहा है। देश पर भारीभरकम कर्जे का पहाड़ लदा हुआ है। ऐसे में किशिदा सरकार इसे लेकर काफी आलोचनाओं का भी सामना कर रही है।
बार-बार मिसाइल टेस्ट कर रहा उत्तरी कोरिया
हालांकि ऐसा नहीं है कि जापान को हर मोर्चे पर निराशा ही मिल रही है। देश की अर्थव्यवस्था के लिए राहत की बात ये है कि उसे रेकॉर्ड टैक्स राजस्व प्राप्त होने जा रहा है। इससे यह मालूम चलता है कि देश में स्थित कंपनियों का मुनाफा बढ़ रहा है जो कि अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है। लेकिन जापान के लिए चिंता की बात ये है कि पड़ोसी देश उत्तरी कोरिया आए दिन कोई न कोई मिसाइल टेस्ट को अंजाम दे रहा है। ऐसे में जापान ने अपना ध्यान रक्षा क्षेत्र में लगा दिया है।
टॉमहॉक क्रूज खरीदेगा जापान
जापान दूसरे विश्वयुद्ध के समय से ही एक रक्षात्मक रवैया अपनाता रहा है लेकिन अब अपने पड़ोसी देश की गतिविधियों से परेशान होकर जापान ने खुद को रक्षा के मोर्चे पर आत्मनिर्भर बनाने का फैसला कर लिया है। कुछ दिनों पहले ऐसी रिपोर्ट आई थी कि किम जोंग-उन ने इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। वहीं, चीन भी अब ताइवान को लेकर सख्त होता जा रहा है। ऐसे में जापान को लगता है कि ताइवान के बाद चीन जापान के द्वीपों पर कब्जा कर सकता है। यूक्रेन की हालत देख जापान खुद को मजबूत करना चाहता है। इसके लिए जापान ने लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियार खरीदने जा रहा है, इस खरीद में अमेरिकी टॉकहॉम क्रूज मिसाइल भी शामिल है।
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