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जमाल ख़ाशोज्जी पर शह-मात के खेल में सऊदी पर यूं भारी पड़ा तुर्की

जमाल ख़ाशोज्जी सऊदी अरब के नागरिक थे, लेकिन वे लंबे समय से अमरीका में रह रहे थे. ख़ाशोज्जी को सऊदी की शाही सरकार का बड़ा आलोचक माना जाता था.

वे अमरीका में वॉशिंगटन पोस्ट के लिए कॉलम लिखते थे.

ख़ाशोज्जी की गुमशुदगी के चौथे दिन यानी दो अक्टूबर को ही तुर्की के अधिकारियों ने एक यह बात सभी के सामने रख दी थी कि दूतावास में प्रवेश करने के कुछ वक़्त बाद ही खाशोज्जी की हत्या कर दी गई.

By BBC News हिन्दी
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सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोवान
Getty Images
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोवान

दो हफ़्तों के लगातार इनकार बाद आख़िरकार सऊदी अरब ने यह मान ही लिया कि पत्रकार जमाल ख़ाशोज्जी की हत्या हुई है. सऊदी ने कहा कि यह हत्या तुर्की में इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास के भीतर ही हुई है.

इससे पहले तुर्की लगातार यह बात कहता आ रहा था कि ख़ाशोज्जी की हत्या दूतावास में हो गई है, लेकिन सऊदी इस बात से इनकार कर रहा था. सऊदी का कहना था कि ख़ाशोज्जी अपना निजी काम पूरा करने के बाद दूतावास से बाहर चले गए थे.

ख़ाशोज्जी की गुमशुदगी का वक़्त गुजरने के साथ दुनिया के तमाम बड़े देश सऊदी पर जांच के लिए दबाव बनाने लगे थे, हालांकि सऊदी पर सबसे अधिक दबाव तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोवान ने बनाया.

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AFP
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तुर्की ने कैसे बनाया दबाव?

तुर्की के मीडिया में इस हत्याकांड से जुड़ी जानकारियां प्रसारित होने लगी थीं. अर्दोवान ने खुलेआम इस मामले में सऊदी के नेताओं को फटकार लगाई थी और उन पर जांच में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया.

तुर्की के ये तरीक़े काम करने लगे और सऊदी को आख़िरकार यह मानना पड़ा कि ख़ाशोज्जी की मौत दूतावास के भीतर के संघर्ष के बाद हुई है.

इस मामले में सऊदी ने 18 लोगों को हिरासत में लिया है साथ ही कई उच्च अधिकारियों को उनके पदों से बर्खास्त कर दिया है.

तुर्की के जांचकर्ताओं ने कुछ दिन पहले ही यह बता दिया था कि ख़ाशोज्जी की हत्या दूतावास के भीतर हुई है और उनकी लाश को कहीं दफ़ना दिया गया है.

इसके बाद अमरीकी अधिकारियों ने कहा था कि तुर्की के पास अपने इस दावे से जुड़े वीडियो और ऑडियो सबूत हैं जो यह साबित करते हैं कि पत्रकार ख़ाशोज्जी से दूतावास के भीतर पूछताछ की गई और इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई. उनके शरीर को अलग-अलग हिस्सों में काट दिया गया था.

वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट बताती है कि सीआईए के अधिकारियों ने इन ऑडियो क्लिप्स को सुना और उसके बाद सऊदी के अधिकारियों से कहा कि अगर ये सबूत सही साबित होते हैं तो सऊदी के क्राउन प्रिंस की बात पर विश्वास करना मुश्किल हो जाएगा.

तमाम सबूतों के बाद भी जब सऊदी ख़ाशोज्जी की हत्या की बात को मानने से इनकार करता रहा तो तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोगलु ने सऊदी को चेतावनी दी कि वह अपनी पूरी जांच दुनिया के सामने सार्वजनिक कर देंगे.

जमाल खाशोज्जी
Reuters
जमाल खाशोज्जी

अर्दोवान और प्रिंस सलमान के बीच तकरार

सऊदी का ख़ाशोज्जी की हत्या की बात को स्वीकारना एक तरह से तुर्की के सामने उसकी हार के रूप में प्रदर्शित हुआ है.

जानकारों के मुताबिक अर्दोवान को इस जीत का स्पष्ट फ़ायदा मिलेगा. दोनों ही देश मध्य पूर्व में अपना-अपना प्रभाव जमाना चाहते हैं. इसके अलावा तुर्की का क़तर को समर्थन करना भी सऊदी को रास नहीं आता.

दरअसल ऐसा भी माना जाता है कि अर्दोवान के दिल में प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के प्रति कुछ अधिक कड़वाहट है.

इसकी वजह इसी साल प्रिंस सलमान के उस बयान को माना जाता है जिसमें उन्होंने तुर्की को मध्य पूर्व में 'बुराई के त्रिकोण' में शामिल बताया था. उन्होंने इसमें ईरान, स्थानीय इस्लामिक समूह और तुर्की को शामिल किया था.

ख़ाशोज्जी मामले की जांच के दौरान सऊदी अधिकारियों के नाम सामने आने के बाद अर्दोवान को एक बेहतरीन मौक़ा मिल गया कि वह प्रिंस सलमान को नीचा दिखा सकें और साथ ही साथ सऊदी और अमरीका के बीच भी कुछ खटास पैदा कर सकें.

जानकार मानते हैं कि अर्दोवान इस जीत के ज़रिए तुर्की के लिए कुछ और फ़ायदा उठाना चाहते हैं. इसमें सीरिया से लगी तुर्की की सीमा पर सऊदी दख़ल को रोकना शामिल है.

इसके साथ-साथ अर्दोवान के लिए भी ख़ाशोज्जी का मामला निजी राहत लेकर आया है, क्योंकि वो अपने देश में ही लगातार गिरती अर्थव्यवस्था और ख़राब होती विदेश नीति के चलते आलोचकों के निशाने पर हैं.

सलमान और अर्दोवान
Getty Images
सलमान और अर्दोवान

तुर्की की अर्थव्यवस्था और यह मौक़ा

जमाल ख़ाशोज्जी सऊदी अरब के नागरिक थे, लेकिन वे लंबे समय से अमरीका में रह रहे थे. ख़ाशोज्जी को सऊदी की शाही सरकार का बड़ा आलोचक माना जाता था.

वे अमरीका में वॉशिंगटन पोस्ट के लिए कॉलम लिखते थे.

ख़ाशोज्जी की गुमशुदगी के चौथे दिन यानी दो अक्टूबर को ही तुर्की के अधिकारियों ने एक यह बात सभी के सामने रख दी थी कि दूतावास में प्रवेश करने के कुछ वक़्त बाद ही खाशोज्जी की हत्या कर दी गई.

ख़ाशोज्जी जल्द ही शादी करने वाले थे और दूतावास में वे इसी से जुड़े कुछ दस्तावेज लेने पहुंचे थे.

तुर्की के जांचकर्ताओं ने दावा किया था कि 15 लोगों की एक टीम को रियाद से इस्तांबुल भेजा गया, जो ख़ाशोज्जी मिटा दे.

हालांकि शुरुआत में अमरीका या अन्य देशों ने तुर्की की इस जांच रिपोर्ट पर अधिक भरोसा नहीं किया, लेकिन तुर्की लगातार अपनी बात पर कायम रहा, जिससे अमरीका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो को रियाद जाना ही पड़ा.

अर्दोआन
AFP
अर्दोआन

वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट बताती है कि अर्दोवान लगातार सऊदी सरकार के साथ सहयोग के लिए खर्च होने वाली राशी को बढ़ाने का दबाव बना रहे हैं.

इसके बाद अमरीका ने कोशिश की कि सऊदी ख़ाशोज्जी की हत्या की बात को स्वीकार कर ले, लेकिन इसकी ज़िम्मेदारी क्राउन प्रिंस सलमान के ऊपर ना आए.

अमरीका के विदेश विभाग में पूर्व तुर्की विशेषज्ञ जोशुआ वॉकर ने कहा है कि तुर्की ने इस हत्याकांड से जुड़ी जानकारियां धीरे-धीरे सामने रखीं जिससे वह समझौते की रक़म को बढ़ा सके.

तुर्की की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है और क़तर के साथ दोस्ती का भी उसे आर्थिक तौर पर अधिक फ़ायदा मिलता नहीं दिख रहा.

इसी साल मई में तुर्की की मुद्रा लीरा इतनी नीचे गिर गई थी कि अर्दोवान को अपने नागरिकों से अपील करनी पड़ी कि वो अपने घरों में रखी विदेशी मुद्रा को देश की मुद्रा में बदल दें. तुक्री के केंद्रीय बैंक ने लगातार लुढ़कती लीरा की कीमत को थामने के लिए ब्याज़ दरों में तीन फ़ीसदी की बढ़ोतरी कर दी थी.

हालांकि अर्दोवान ने अभी तक तो इस तरह की कोई मांग सामने नहीं रखी है और ना ही सऊदी से किसी तरह के राजनीतिक फ़ायदा का समझौता किया है.

लेकिन पश्चिमी राजदूत इस बात का अंदेशा लगा रहे हैं कि अगर तुर्की ख़ाशोज्जी की हत्या के मामले में शाही परिवार की भूमिका को अलग कर देता है तो सऊदी तुर्की से साथ समझौते के लिए तैयार हो जाएगा.

इस समझौते में क़र्ज़ माफ़ी, कुछ रणनीतिक लेन-देन और अन्य व्यवस्थाएं शामिल हो सकती हैं.

वॉशिंगटन में मौजूद तुर्की के एक विशेषज्ञ सोनर कैगेप्टी कहते हैं कि अर्दोवान एक चतुर नेता हैं, उन्हें संकट जैसे हालात में अपना फ़ायदा निकालना बख़ूबी आता है.

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English summary
Jamaal Khushijjis game on the beat of saudi on Turkey
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