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ईरान में बदलेगा हिजाब कानून? महिलाओं के गुस्से से डरी सरकार, होगी पुराने कानून की समीक्षा

राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने कहा था कि ईरान की गणतंत्रात्मक और इस्लामी नींव संवैधानिक रूप से मजबूत है, लेकिन संविधान को लागू करने के तरीके लचीले हो सकते हैं।

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Iran reviewing hijab law
Image_ PTI

ईरान में कुर्द मूल की 22 वर्षीय युवती महसा अमिनी की हिजाब विवाद में हिरासत में हुई मौत के बाद शुरू हुए आंदोलन में अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। इस हिजाब विरोधी आंदोलन की गूंज न सिर्फ ईरान बल्कि दुनिया के हर देश तक पहुंच चुकी है। सरकार के इस आंदोलन को दबाने की हर कोशिश अब तक नाकाम साबित हुई है। ऐसे में अब ईरान हिजाब कानून पर झुकती नजर आती दिखाई दे रही है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरान की सरकार ने दशकों पुराने शरिया कानून में बदलाव का मन बना लिया है।

अटॉर्नी जनरल ने की पुष्टि

अटॉर्नी जनरल ने की पुष्टि

ईरान के अटॉर्नी जनरल मोहम्मद जफर मोंताजेरी ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा कि संसद औऱ न्यायपालिका दोनों ही इस मामले का हल निकालने के लिए कार्य कर रही हैं। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया है कि इस कानून में क्या संशोधन किया जा सकता है। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि समीक्षा दल ने बुधवार को संसद के सांस्कृतिक आयोग से मुलाकात की थी, अब एक या दो सप्ताह में इसके परिणाम के बारे में पता चल जाएगा। इससे पहले शनिवार को राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने कहा था कि ईरान की गणतंत्रात्मक और इस्लामी नींव संवैधानिक रूप से मजबूत है, लेकिन संविधान को लागू करने के तरीके लचीले हो सकते हैं।

चार दशकों से ईरान में लागू है हिजाब कानून

चार दशकों से ईरान में लागू है हिजाब कानून

बता दें कि ईरान में इस्लामिक क्रांति के चार साल बाद अप्रैल 1983 से ही महिलाओँ के लिए हिजाब पहनना जरूरी है। इसके बाद से बीते चार दशकों से यह देश में एक संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है। ईरान एक रूढ़िवादी देश है। कानून में संशोधन भी कहीं न कहीं रूढ़िवादियों पर निर्भर करता है। रूढ़िवादी धड़ा हिजाब को अनिवार्य बनाने के पक्ष में रहा है वहीं दूसरी तरफ प्रगतीशील जमात हैं जो कि इसे दकियानूसी सोच बताते हैं और इसे व्यक्तिगत पसंद पर छोड़ना चाहते हैं।

महिसी अमिनी की मौत के बाद तेज हुआ आंदोलन

महिसी अमिनी की मौत के बाद तेज हुआ आंदोलन

महसा अमिनी की मौत के बाद अब दूसरा धड़ा हिजाब कानून में बदलाव को लेकर बेहद उग्र हो चुका है और लगातार प्रदर्शन कर रहा है। इसके खिलाफ महिला हों या पुरुष घरों से निकलकर सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने अपने सिर को ढंकना छोड़ दिया है, वहीं कई महिलाओं ने इस कानून के विरोध में अपने बाल तक काट डाले और हिजाब जला डाला है। प्रदर्शकारियों महिलाओं में महसा अमिनी की मौत को लेकर गुस्सा इतना ज्यादा था कि उन्होंने मौलवियों के सिर से पगड़ी तक उतार फेंकी।

अब तक 14,000 लोगों की गिरफ्तारी

अब तक 14,000 लोगों की गिरफ्तारी

ईरान इस्लामिक रिवोलूशनरी गार्ड कॉर्स के एक जनरल ने कहा है कि महसा अमीनी की मौत के बाद अब तक 300 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। वहीं कुछ मानवाधिकार संगठनों का दावा है इससे कहीं अधिक है। ईरान के शीर्ष सुरक्षा निकाय, सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने मारे गए लोगों का आंकड़ा 200 से अधिक बताया है, जबकि ओस्लो स्थित गैर-सरकारी संगठन ईरान ह्यूमन राइट्स के मुताबिक अब तक इस प्रदर्शन में कम से कम 448 लोग मारे जा चुके हैं। बीते हफ्ते यूएन राइट्स चीफ का कहना था कि ईरान में विरोध प्रदर्शन में बच्चों और महिलाओँ समेत 14 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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English summary
Iran ebrahim raisi government reviewing old mandatory hijab law amid protests
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