इंडोनेशिया में 36 हजार लोगों को मारने वाला ज्वालामुखी फिर फूटा, बह रही है आग की नदी
इंडोनेशिया में 10 पहले भूकंप ने तबाही मचाई थी और अब इंडोनेशिया में सबसे बड़ा ज्वालामुखी फूट पड़ा है। ज्वालामुखी फूटने से आग की नदी बह रही है। वहीं, 5 किलोमीटर तक धुएं का गुबार फैला हुआ है
Volcano in Indonesia: YOGYAKARTA: इंडोनेशिया: इंडोनेशिया का सबसे ज्यादा एक्टिव ज्वालामुखी बुधवार को फिर से फूट पड़ा है। ज्वालामुखी से निकले लावे से इलाके में आग की नदी बह रही है। बताया जा रहा है कि ज्वालामुखी का धुंआ करीब 5 हजार फीट यानि करीब 1500 मीटर तक उठ रहा है, जिसकी वजह से इलाके में पूरा आसमान धुएं से ढंक चुका है। इंडोनेशिया सरकार ने ज्वालामुखी फूटने से पहले ही पांच किलोमीटर इलाके को पूरी तरह से खाली करवा लिया था। बताया जा रहा है कि सरकार ने करीब 2 हजार लोगों को सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचा दिया है। इंडोनेशिया में क्राकाटोआ ज्वालामुखी अकसर फूटता रहता है। सबसे भयानक ज्वालामुखी 1883 में फूटा था, जिसमें 36 हजार से ज्यादा लोग जलकर भस्म हो गये थे।
मेरापी पर्वत पर फूटा है ज्वालामुखी
एसोसिएट प्रेस के मुताबिक इंडोनेशिया के मेरापी पर्वत पर ये ज्वालामुखी फूटा है। ये ज्वालामुखी काफी एक्टिव माना जाता है। और नवंबर में ही प्रशासन ने ज्वालामुखी फूटने का अंदाजा लगा लिया था, जिसके बाद से एहतियातन पूरे इलाके को खाली करवा लिया गया था। योग्याकर्ता वोल्केनोलॉजी एंड जियोलॉजिकल हजार्ड मिटिगेशन सेंटर के प्रमुख हनिक हमदिया के मुताबिक, मेरापी पर्वत पर फूटने वाला ये सबसे बड़ा ज्वालामुखी है। इसका लावा किसी नदी की तरह बह रहा है। ज्वालामुखी फूटने का अंदाजा नवंबर में ही लगा लिया गया था, जिसके बाद प्रशासन ने पहले ही राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया था। मैगलंग और स्लीमैन जिले में रहने वाले करीब 2 हजार लोगों को पहले ही पूरे इलाके से दूर ले जाया जा चुका था।
कितना बड़ा है ज्वालामुखी
इंडोनेशिया के मेरापी पर्वत पर अकसर ज्वालामुखी फूटता रहता है। इससे पहले साल 2010 में भीषण ज्वालामुखी फूटा था, जिसमें 347 से ज्यादा लोग लावे में जलकर मर गये थे। ज्वालामुखी फूटने की उस घटना के बाद प्रशासन काफी चौकन्ना रहता है। बताया जा रहा है कि इस बार सतर्कता की वजह से ही लोगों की जान बचाई जा सकी है। मेरापी पर्वत पर इस ज्वालामुखी का आकार 2 हजार 968 मीटर का है। ये ज्वालामुखी काफी भीड़बभाड़ वाले जावा द्वीप के पास है। इंडोनेशिया में वैसे तो दर्जनों ज्वालामुखी हैं, लेकिन इस ज्वालामुखी को काफी ज्यादा एक्टिव माना जाता है।
कभी भूकंप तो कभी ज्वालामुखी
इंडोनेशिया में रहने वाले 270 मिलियन लोग कभी भूकंप, कभी सुनामी तो कभी ज्वालामुखी के कहर से दो-चार होते रहते हैं। इसी साल जनवरी में आये भूकंप की वजह से 100 से ज्यादा लोग मारे गये हैं। अभी तक इंडोनेशिया में भूकंप और सुनामी की वजह से करीब ढाई लाख लोगों की मौत हो चुकी है। इससे पहले इंडोनेशिया में 2004 और 2018 में भी तेज भूकंप आया था। 2018 में आये भीषण भूकंप में करीब 4300 लोगों की मौत हो गई थी। 2018 में आये भूकंप को रिक्टल स्केल पर 7.5 मापा गया था। वहीं, 2004 में इंडोनेशिया ने भूकंप का सबसे बड़ा दर्द झेला था। 2004 में इंडोनेशिया की धरती काफी देर तक भूकंप के तेज झटकों से कांपती रही। 2004 में आये उस भीषण भूकंप में करीब सवा दो लाख लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, लाखों लोग गंभीर घायल भी हुए थे। उस भूकंप का खौफ आज तक लोग भूल नहीं पाएं हैं। 2004 में भूकंप की तीव्रता 9.1 मापी गई थी।
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