अमेरिका: जस्टिस डिपार्टमेंट में तीसरे सबसे बड़े पद पहुंची भारतीय मूल की महिला वनिता गुप्ता
भारतीय मूल की अमेरिकी वनिता गुप्ता को जस्टिस डिपार्टमेंट का एसोसिएट अटॉर्नी जनरल बनाया गया है
वॉशिंगटन, अप्रैल 24: अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों का डंका लगातार बज रहा है और अब भारत का नाम रोशन किया है वनिता गुप्ता ने। जिन्हें अमेरिका का एसोसिएट अटॉर्नी जनरल चुना गया है। अमेरिका में इतने बड़े पद पर पहुंचने वाली वो पहली अश्वेत महिला हैं। माना जाता है कि वनिता गुप्ता का चुनाव अमेरिका के पुलिस विभाग में नस्लभेद के खिलाफ लड़ गई लड़ाई को देखते हुए किया गया है। अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट का तीसरा सबसे बड़ा पद है, जिसपर भारतीय मूल की किसी महिला ने अपनी जगह बनाई है।
भारतीय मूल की महिला का डंका
अमेरिका में जस्टिस डिपार्टमेंट का तीसरा सबसे बड़ा पद होता है एसोसिएट अटॉर्नी जनरल। जिसके लिए वनिता गुप्ता का चुनाव किया गया है। इस पद पर रहते हुए वनिता गुप्ता नागरिकों के अधिकारों को लेकर काम करेंगी। हालांकि, वनिता गुप्ता का चुनाव आसान नहीं रहा और सीनेट में उनके नाम पर आखिरी वक्त तक फैसला नहीं हो पाया था। वोटिंग के दौरान अमेरिकी सीनेट काफी ज्यादा विभाजित नजर आया। अमेरिकी सीनेट में वनिता गुप्ता के नाम पर वोटिंग के दौरान 100 सीटों वाली अमेरिकन सीनेट में वनिता गुप्ता के पक्ष में जहां 51 मत पड़े वहीं विरोध में 49 सीनेटर्स ने वोट डाला। रिपब्लिकन पार्टी की लिसा मुर्कोव्स्की ने वनिता गुप्ता के चुनाव में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाया और उनके पक्ष में वोट डाला। लिसा मुर्कोव्स्की ने वनिता गुप्ता को वोट देने के बाद कहा कि उनका मानना है कि वनिता गुप्ता अन्याय का मुकाबला करने में सक्षम हैं।
वनिता गुप्ता को जानिए
45 साल की वनिता गुप्ता ने येल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है और फिर 2001 में न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। 2006 में उन्होंने अमेरिकन सिविल लिबर्टिज यूनियन को ज्वाइन किया, जिसमें काम करते वक्त उन्होंने माइग्रेंट बच्चों के लिए काफी काम किया। वहीं, उन्होंने एसीएलयू के स्मार्ट जस्टिस कैम्पेन में भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2014 में जो बाइडेन प्रशासन में वनिता गुप्ता को एसिस्टेंट एटॉर्नी जनरल फॉर सिविल राइट्स डिविजन के पद पर चुना गया। जिसपर वो 2017 तक काबिज रहीं।
जो बाइडेन ने किया था समर्थन
वनिता गुप्ता के नाम पर मतदान होने से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि वनिता गुप्ता अपने काम में माहिर और सम्मानित भारतीय मूल की महिला हैं और उन्हें मैंने न्याय विभाग के लिए नामित किया है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि वनिता गुप्ता ने अपना पूरा जीवन नस्लीय असमानता और न्याय की लड़ाई में लगाया है और वो इस पद के लिए बिल्कुल सही उम्मीदवार हैं। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि 'मैंने अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट के लिए दो अहम नामों को नामांकित किया है, जिनके नाम हैं वनिता गुप्ता और क्रिस्टेन क्लार्क। दोनों बेहद सम्मानित और बेहद कुशल वकील हैं और दोनों ने नस्लीय असमानता के खिलाफ लड़ते हुए अपना जीवन बिताया है।'
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