हिंद महासागर में बार बार जहाज भेज रहा है चीन, जानिए भारत के नेवी चीफ ने क्या दिया जवाब?
हिंद महासागर में पिछले कुछ महीनों से चीन ने अपनी गतविधियां काफी तेज कर दी हैं। दो महीने पहले भी चीन ने श्रीलंका के हंबनटोटा पोर्ट पर अपना रिसर्च जहाज भेजा था, जिसपर शक है, कि वो भारत की जासूसी करने आया था।
China in Indian Ocean: हिंद महासागर में बढ़ती चीनी गतिविधियों के बीत भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने शनिवार को कहा है कि, भारतीय नौसेना हिंद महासागर के सभी घटनाक्रमों पर कड़ी नजर रख रही है, जिसमें चीनी नौसेना के जहाजों की आवाजाही भी शामिल है, जो इस क्षेत्र में ऑपरेट हो रहे हैं। हिंद महासागर में चीनी गतिविधियां बढ़ने के बाद भारत और चीन के बीच के संबंध एक बार फिर से तनावपूर्ण होने की संभावना है और इंडियन नेवी की तरफ से कहा गया है, कि वो चीनी नेवी पर पूरी तरह से नजर रख रहा है।
भारतीय नेवी चीफ ने क्या कहा?
भारतीय नौसेना के प्रमुख आर हरि कुमार ने शनिवार को कहा कि, "बहुत सारे चीनी जहाज हैं, जो हिंद महासागर क्षेत्र में ऑपरेट हो रहे हैं। हमारे पास करीब 4 से 6 पीएलए नौसेना के जहाज होने की खबर है और कुछ जहाज रिसर्च का काम भी कर रहे हैं। बड़ी संख्या में चीनी मछली पकड़ने के जहाज भी हिंद महासागर क्षेत्र में ऑपरेट होते हैं और हम सभी पर नजर रखते हैं।" उन्होंने कहा कि, "सभी घटनाक्रमों पर हमारी कड़ी नजर है।" उन्होंने कहा कि, हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में लगभग 60 अन्य अतिरिक्त क्षेत्रीय बल हमेशा मौजूद रहते हैं। वहीं, आगे कहा कि, "हम जानते हैं कि यह एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जहां बड़ी मात्रा में व्यापार होता है और जहां से पारगमन की सुविधाएं मिलती हैं, ऊर्जा प्रवाह होता है। लिहाजा, हमारा काम यह देखना है कि समुद्री क्षेत्र में भारत के हितों की रक्षा हो।"
चीनी जासूसी जहाज के बाद सतर्कता बढ़ी
भारतीय नेवी चीफ की ये टिप्पणियां हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी जासूसी जहाजों को देखे जाने के बाद आई हैं। भारतीय सेना कथित तौर पर उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही है। नौसेना प्रमुख ने कहा कि, विश्वसनीय प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखना किसी भी सशस्त्र बल, खासकर नौसेना का काम है। वहीं, उन्होंने कहा कि, "प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए हमें फौरन और काफी कम समय में तैयार होने की जरूरत है और उन रास्तों में जाने की आवश्यकता है।" एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि, नौसेना समुद्री क्षेत्र में भारत के राष्ट्रीय हितों की "प्रोटेक्ट, प्रीजर्व एंड प्रमोट" के लिए हमेशा तैयार है। उन्होंने कहा कि, "इसे प्राप्त करने के लिए हम हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहते हैं और हमारे पास एक विश्वसनीय और एकजुट प्रणाली है।।"
'भारत अपनी रक्षा के लिए आत्म निर्भर'
वहीं, रूस-यूक्रेन युद्ध जैसी हाल की वैश्विक घटनाओं का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि, भारत अपनी रक्षा जरूरतों के लिए दुनिया पर निर्भर नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि, सरकार ने नौसेना को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काफी काम किया है और इस बाबत हमें सरकार से बहुत स्पष्ट दिशा-निर्देश मिले हुए हैं। वहीं, उन्होंने आत्मनिर्भर भारत पर जोर देते हुए कहा कि, भारतीय नौसेना साल 2047 तक आत्मनिर्भर बन जाएगी।