जासूस चीन पर इंडिया करेगा आर्थिक स्ट्राइक, Huawei और ZTE CORP पर प्रतिबंध की तैयारी, अरबों का होगा नुकसान
चीन की दो बड़ी कंपनियों Huawei और ZTE CORP पर भारत सरकार प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है। The Indian government is preparing to impose sanctions on two major Chinese companies, Huawei and ZTE CORP.
नई दिल्ली: पूरी दुनिया से बौद्धिक संपदाओं की चोरी करने वाले चीन पर भारत सरकार एक और बड़ा आर्थिक स्ट्राइक करने जा रही है। साइबर स्ट्राइक के जरिए डाक्यूमेंट्स की चोरी में लगे चीन के खिलाफ भारत सरकार ने बड़ी कार्रवाई करने का मन बनाया है। चीन की दो बड़ी कंपनियों Huawei और ZTE CORP पर भारत सरकार प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है।
हुवावे और जेडटीई पर बैन की तैयारी
भारत सरकार चीन के सैकड़ों मोबाइल एप्लीकेशंस पर पहले ही प्रतिबंध लगा चुकी है लेकिन ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब दो कंपनियों पर भारत सरकार प्रतिबंध लगाएगी। भारत सरकार इस साल जून तक दोनों कंपनियों पर भारत में व्यापार करने पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर सकती है। माना जा रहा है कि इन कंपनियों पर भारत में जासूसी करने का शक है, लिहाजा भारत सरकार कोई भी खतरा मोल लेना नहीं चाहती है। इसके साथ ही भारत सरकार का लक्ष्य मेक इन इंडिया पर भी ज्यादा है, लिहाजा इन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाकर भारत सरकार का उद्येश्य घरेलू कंपनियों को बढ़ावा देना भी माना जा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार ने हुवावे और जेडटीई पर प्रतिबंध लगाने का मन बना लिया है और जून तक इसकी घोषणा कर दी जाएगी।
ब्लैकलिस्ट कंपनियों की लिस्ट होगी जारी
माना जा रहा है कि भारत सरकार चीन की बड़ी कंपनियों को लेकर कई बड़े और सख्त फैसले ले सकती है। हुवावे और जेडटीई के अलावा भी कई और कंपनियों को भारत सरकार ब्लैकलिस्ट में डाल सकती है। इससे पहले अमेरिका ने भी चीन की कई बड़ी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट में डाल दिया था। अमेरिका का भी कहना था चीनी कंपनियां व्यापार की आड़ में चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के लिए जासूसी का काम करती है। भारत के दूरसंचार विभाग के अधिकारियों ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को नाम ना छापने की शर्त पर कहा है कि 15 जून के बाद मोबाइल कैरियर कंपनी सिर्फ सरकार द्वारा जारी कंपनियों की लिस्ट में शामिल कंपनियों से ही उपकरण खरीद सकती है। भारत सरकार बकायदा लिस्ट जारी कर कई कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है। भारत सरकार के अधिकारियों का कहना है कि अगर कोई कंपनी जासूसी करती है, तो हम आर्थिक लाभ को प्राथमिकता नहीं देंगे। यदि भारत सरकार चीनी कंपनियों को ब्लैक लिस्ट में डालती है तो गलवान घाटी झड़प के बाद चीन के खिलाफ उठाया गया ये सबसे बड़ा कदम होगा।
चीनी कंपनियों पर जासूसी का आरोप
चीनी कंपनियों पर सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विश्व के हर हिस्से में जासूसी करने और तकनीकों की चोरी करने के आरोप लगे हैं। इसके साथ ही अब कई चीनी कंपनियां चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी के लिए जासूसी का काम भी करती हैं। अमेरिका ने जासूसी के आरोप में चीन की एक तेल कंपनी पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। और हुवावे और जेडटीई पर भी भारत में जासूसी करने के आरोप लगे हैं, जिसके बाद माना जा रहा है कि भारत सरकार इन कंपनियों को बैन कर देगी। इससे पहले भारत सरकार ने चीन की सौ से ज्यादा मोबाइल एप्स को ब्लैकलिस्ट में डाल दिया था। बैन होने के बाद टिकटॉक ने पिछले महीने आखिरकार भारत से अपना कारोबार समेट लिया है। आपको बता दें कि एयरटेल और वोडाफोन हुवावे गियर का इस्तेमाल करते हैं। और माना जा रहा है कि अगर भारत सरकार इन कंपनियों पर प्रतिबंध का ऐलान करती हैं तो लागत में इजाफा हो सकता है।
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