Tejas Fighter Jet: मलेशिया की पहली पसंद बना भारत का तेजस, चीन, रूस के विमानों को पछाड़ बना नंबर-1
मलेशिया अपने जहाजी बेड़े में तेजस विमान को शामिल करने जा रहा है। इसके लिए भारत के तेजस ने चीन, रूस, दक्षिण कोरिया के लड़ाकू विमानों को पीछे छोड़ा है। तेजस विमान की खरीद को लेकर दोनों देशों के बीच वार्ता हो रही है।
नई दिल्ली, 03 जुलाईः भारत का हल्का लड़ाकू विमान तेजस मलेशिया की पहली पसंद बन कर उभरा है। मलेशिया अपने पुराने लड़ाकू विमानों के बेड़े को बदलने पर विचार कर रहा है। जानकारी के मुताबिक मलेशिया अपने जहाजी बेड़े में तेजस विमान को शामिल करने जा रहा है। इसके लिए भारत के तेजस ने चीन, रूस, दक्षिण कोरिया के लड़ाकू विमानों को पीछे छोड़ा है। तेजस विमान की खरीद को लेकर दोनों देशों के बीच वार्ता हो रही है।
चीन, रूस और कोरिया के विमान को पछाड़ा
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर माधवन ने रविवार को एक इंटरव्यू में बताया है कि भारत के लड़ाकू विमान तेजस ने चीन के जेएफ-17 विमान, दक्षिण कोरिया के एफए-50 और रूस के मिग-35 के साथ-साथ याक-130 को पीछे छोड़कर पहली पोजिशन हासिल की है। मलेशिया ने भारतीय विमान को पसंद किया है। मलेशिया के फाइटर जेट प्रोग्राम के लिए भारत में बने स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस को चुना गया है।
भारत और मलेशिया के बीच हुई डील
भारत और मलेशिया के बीच इस फाइटर जेट की डील को लेकर बातचीत चल रही है। जानकारी के मुताबिक बहुत जल्द इस डील के पूरा होने की उम्मीद है। LCA Tejas की डील में भारत मलेशिया को MRO यानी कि मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल का ऑफर भी दे रहा है। यानी मलेशिया में ही एक फैसिलिटी बनाई जाएगी जहां भारतीय इंजीनियर तेजस समेत रूसी सुखोई Su-30 फाइटर जेट की मरम्मत भी करेंगे।
सबसे तेज तेजस
तेजस लड़ाकू विमान बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर आर. माधवन ने कहा कि मैं इस बात को लेकर बेहद खुश हूं और आत्मविश्वास से भरा हुआ हूं कि हम ये डील करने जा रहे हैं। हमारा तेजस अपने प्रतियोगियों से कई मामलों में बेहतर है। उन्होंने कहा कि भले ही चीन का JF-17 फाइटर जेट सस्ता है लेकिन वह तेजस Mk-1A वैरिएंट की मुकाबले कहीं भी नहीं ठहरता है। हमारा तेजस कोरिया और चीन के फाइटर जेट्स से कई गुना बेहतर, तेज, घातक और अत्याधुनिक है।
हर कसौटी पर खड़ा उतरा तेजस
माधवन ने इस सौदे के बारे में कहा कि हकीकत में भारत अकेला ऐसा देश हैं जिसने उनकी जरूरत की हर चीज को कवर किया है। इसके साथ ही हमने उनकी बजट आवश्यकताओं को भी ध्यान में रखा है। उन्होंने कहा कि कोई भी उन्हें इतनी तेजी से अपग्रेड की पेशकश नहीं करेगा जितनी हम पेशकश करेंगे। उनके पास तेजस मार्क 2 में एक विकल्प उपलब्ध होगा और वे एएमसीए के बारे में भी सोच सकते हैं।
भारतीय सेना की ताकत में होगा इजाफा
आर. माधवन ने इसके साथ ही एक और जानकारी देते हुए कहा कि अगले साल से भारतीय वायुसेना की ताकत में और इजाफा होने वाला है। अगले साल से देश में मल्टीरोल कॉम्बैट फाइटर जेट तेजस मार्क-2 बनना शुरू हो जाएगा। इसके बाद इसके हाई स्पीड ट्रायल्स होंगे। उन्होंने कहा कि साल 2025 तक हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड तेजस मार्क-2 का उत्पादन शुरू कर देगा। तेजस के इस अपग्रेडेड वर्जन में अधिक ईंधन, अधिक रेंज, अधिक वजन उठाने की क्षमता, अधिक इंजन पावर और सुपीरियर नेट सेंट्रिक वॉरफेयर सिस्टम होगा। अधिक वजन और रेंज की वजह से यह मार्क-1ए से बेहतर साबित होगा।
5वीं पीढ़ी के विमान हो रहे तैयार
इसके साथ ही नेक्स्ट जेनरेशन मल्टी रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट प्रोजेक्ट के बारे में आर. माधवन ने बताया कि इसमें निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी शामिल करने की योजना है। भारत पांचवीं पीढ़ी के मध्यम वजन वाले डीप पेनेट्रेशन फाइटर जेट बना रहा है। इस प्रोजेक्ट में करीब 5 बिलियन डॉलर्स का खर्च आएगा। उन्होंने कहा कि पांचवीं पीढ़ी के मध्यम वजन वाले डीप पेनेट्रेशन फाइटर जेट का प्रोटोटाइप साल 2026 तक बन जाएगा। इसका उत्पादन साल 2030 में शुरू होगा। इस प्रोजेक्ट में फिलहाल रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी डीआरडीओ काम कर रहा है। जब एक बार उनकी तरफ से चीजें अंतिम रूप ले लेंगी तब हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड उसपर काम करना शुरू करेगा।
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