अमेरिका के वरिष्ठ वैज्ञानिक का बयान, भारत की वैक्सीन ने दुनिया को महामारी से बचाया
न्यूयॉर्क। भारत ने अपनी कोरोना वैक्सीन दुनिया के कई देशों तक पहुंचाई है। पहले वायरस से बचाव और फिर उसके इलाज के लिए भारत ने जो कदम उठाए हैं, उनकी अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना होने लगी है। एक अमेरिकी साइंटिस्ट ने कहा है कि भारत ने प्रमुख वैश्विक संस्थानों की मदद से वैक्सीन के वितरण का जो कार्यक्रम शुरू किया है, वो वाकई काबिल ए तारीफ है। अमेरिकी वैज्ञानिक ने कहा है कि भारत के प्रयासों ने इस घातक वायरस से दुनिया के कई देशों को बचाने का काम किया है और ये बात हमें भूलनी नहीं चाहिए।
भारत के टीके को कम करके ना आंका जाए- अमेरिकी साइंटिस्ट
अमेरिका के ह्यूस्टन में आयोजित एक वेबिनार में नेशनल स्कूल ऑफ ट्रोफिकल मेडिसिन के डीन डॉक्टर पीटर होतेज ने कहा है कि कोरोना महामारी में भारत को दुनिया की फार्मेसी कहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के डॉक्टरों के पास अपने फील्ड में विशाल अनुभव है और ये देश दुनिया के सबसे बड़े दवा निर्माताओं में से एक है। पीटर होटज ने कहा कि दो mRNA टीके दुनिया के निम्न और मध्यम आय वाले देशों को कोरोना से नहीं बचा सकते, लेकिन भारत के टीकों में वो दम है। भारत के टीकों ने 'दुनिया को बचाने' का काम किया है और इसके योगदान को कम करके नहीं आंका जाना चाहिए। वेबिनार ''कोविड-19 : वैक्सीनेशन एंड पोटेंशियल रिटर्न टू नॉर्मल्सी - इफ एंड व्हेन'' में डॉ. होटेज ने कहा कि कोविड-19 के टीके का विकास वायरस से लड़ने में दुनिया को ''भारत का तोहफा'' है।