भारत दौरे पर आए UN महासभा अध्यक्ष अबदुल्ला शाहिद बोले, शांतिप्रिय लोकतंत्रों के लिए गर्व का स्त्रोत है भारत
नई दिल्ली, 29 अगस्तः संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष और मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने सोमवार को वैश्विक निकाय में भारत द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया। उन्होंने भारत को न केवल दक्षिण एशिया, बल्कि सभी शांतिप्रिय लोकतंत्रों के लिए 'गर्व का स्त्रोत' बताया। अब्दुल्ला शाहिद ने कोरोनाकाल में भारत द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए रेखांकित किया कि भारत दुनिया की फार्मेसी साबित हुआ है और इसने दुनिया के कई देशों को सुदूर हिस्सों में सहायता प्रदान की है।
तस्वीर- एएनआई
दो दिवसीय भारत दौरे पर पहुंचे शाहिद ने सोमवार को विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशकर के साथ बातचीत की। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र में सहयोग समेत कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई। संयुक्त राष्ट्र महासभा प्रमुख ने इससे पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी मुलाकात। उपराष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के रूप में उनके अनुकरणीय नेतृत्व के लिए बधाई दी। विदेश मंत्रालय ने कहा, महासभा के अध्यक्ष ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) सहित संयुक्त राष्ट्र में भार द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया, जहां उन्होंने इसे न केवल दक्षिण एशिया के लिए बल्कि सभी शांतिप्रिय लोकतंत्र के लिए गर्व का स्त्रोत करार दिया।
यूएन के शासन में सुधार जरूरी
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद 28 से 29 अगस्त तक भारत के दौरे पर हैं। यहां वह अपने कार्यालय के तीन सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल के साथ आए हुए हैं। इस दौरान अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के शासन में सुधार जरूरी हो चुका है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की निर्णय लेने वाली संरचनाएं आज की दुनिया को प्रतिबिंबित करना चाहिए। सुरक्षा परिषद को वर्तमान विश्व व्यवस्था की भूराजनीति को प्रतिबिंबित करना चाहिए।
भारत के दौरे पर आए मालदीव के विदेश मंत्री ने एएनआई को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए आईजी और अंतर-सरकारी बातचीत की प्रक्रिया 14 साल से चल रही है। उन्होंने बार-बार अपने कार्यकाल के दौरान, सदस्य राज्यों से इस प्रक्रिया को तेज करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद को दुनिया की वर्तमान भू-राजनीति के प्रति चिंतनशील होना होगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो इससे सुरक्षा परिषद की विश्वसनीयता प्रभावित होगी।
अगले महीने खत्म होगा कार्यकाल
मालदीव के विदेशमंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि मालदीव-भारत संबंध उन्होंने अपने द्विपक्षीय इतिहास में सबसे अधिक देखा है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी, राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह के लिए मालदीव में थे। बाद में राष्ट्रपति भी दिल्ली पहुंचे। बतादें कि महासभा के 76वें सत्र के अध्यक्ष के तौर पर शाहिद का एक साल का कार्यकाल अगले महीने खत्म होगा।
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