इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी का सनसनीखेज ऑडियो वायरल, पाकिस्तान में मचा हंगामा
इमरान खान को सऊदी अरब के प्रिंस सलमान ने महंगी घड़ी गिफ्ट की थी और इमरान खान ने उस घड़ी को बेच दी थी, जो पाकिस्तानी कानून के मुताबिक असंवैधानिक है।
Pakistan News: पाकिस्तान की राजनीति में इमरान खान विवादों के पर्याय बन चुके हैं और उनके खिलाफ चलने वाला तोशाखाना का केस अब और मजबूत हो गया है। इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी का एक ऑडियो वायरल हुआ है, जिसमें वो इमरान खान को गिफ्ट में मिली घड़ी को बेचने की बात कर रही हैं और इस ऑडियो क्लिप के वायरल होने के बाद पाकिस्तान की राजनीति में हंगामा मच गया है। ऑडियो क्लिप में बुशरा बीबी को साफ तौर पर पाकिस्तान के एक करोड़पति व्यापारी से इमरान खान को गिफ्ट में मिली घड़ी बेचने के लिए कहा जा रहा है।
इमरान खान की पत्नी का ऑडियो वायरल
पाकिस्तानी मीडिया में जो ऑडिय क्लिप चल रहा है, उसमें बुशरा बीबी को करोड़पति पाकिस्तानी कारोबारी जुल्फी बुखारी से टेलीफोन पर बात करते हुए सुना जा रहा है। जुल्फी बुखारी एक कारोबारी होने के साथ इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ से भी जुड़े हुए हैं और वो इमरान खान के काफी करीबी माने जाते हैं। जुल्फी व्यापारी पाकिस्ताना फिल्मों को भी प्रोड्यूस करते हैं और वो इमरान खान के स्पेशल असिस्टेंट के रूप में राज्य मंत्री के तौर पर भी काम कर चुके हैं। हालांकि, पिछले साल रावलपिंडी रिंग रोड में घपलेबाजी करने के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। वहीं, जो ऑडियो क्लिप वायरल हो रहा है, उसमें इमरान खान की पत्नी जुल्फी बुखारी से कहती नजर आ रही हैं कि, 'खान साहब की कुछ घड़ियां हैं, उन्होंने कहा है कि आपको भेज दूं और फिर आप कही बेच देंगे।' इसपर जुल्फी बुखारी कहते हैं, 'जी जरूर।' वहीं, इस ऑडियो क्लिप के वायरल होने के बाद पाकिस्तान में हंगामा मच गया है।
घड़ी को लेकर क्या है विवाद ?
दरअसल, पाकिस्तान मूल के दुबई के एक व्यवसायी ने इमरान खान पर पिछले दिनों बड़ा आरोप लगाया था और दावा किया था, कि पाकिस्तान की पिछली सरकार ने सऊदी क्राउन प्रिंस 'मोहम्मद बिन सलमान' द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को दी गई लाखों डॉलर की लग्जरी घड़ी बेच दी थी।इस व्यवसायी के दावे के बाद से ही पाकिस्तान में राजनीतिक विवाद का पारा गर्म है, जो अभी तक जारी है। इस बिजनेसमैन का नाम उमर फारुक जहूर है। उमर फारुक ने दावा किया था, कि उनके पास इस बात के सबूत हैं कि पाकिस्तानी सरकार ने 2019 में ग्रैफ कलाई घड़ी को 20 लाख डॉलर में बेचा था। वहीं, पाकिस्तान के कानून के मुताबिक, प्रधानमंत्री को गिफ्ट में मिले सामान को बेचने का अधिकार नहीं होता है और अगर वो कोई सामान को अपने घर, अपने इस्तेमाल के लिए ले जाना चाहता है, तो उसे 50% मूल्य चुकाना होगा, लेकिन इमरान खान ने ऐसा नहीं किया।
सऊदी प्रिंस ने दी थी ग्रैफ घड़ी
पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' की एक रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी क्राउन प्रिंस 'मोहम्मद बिन सलमान' ने इमरान को "ग्रैफ" की घड़ी भेंट दी थी। यह घड़ी उन उपहारों का हिस्सा थी जिनकी बिक्री से ही इमरान खान की राजनीति विवादों में आ गई। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक बिजनेसमैन 'उमर फारूक' ने दावा किया कि, 2019 में पूर्व मंत्री 'मिर्जा शहजाद अकबर' ने उनसे घड़ी खरीदने के बारे में पूछा था। मिर्जा अकबर की मदद से उमर फारूक इमरान खान की बीवी और उनके करीबी सहयोगी फराह गोगी से दुबई में मिले थे। उमर फारूक ने दावा किया कि बुशरा बीवी को घड़ी बेचने में बेहद दिलचस्पी थी। उन्होंने कहा, वो घड़ी को 4 से 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर में बेचना चाहते थे, लेकिन बातचीत के बाद उमर ने इसे 2 मिलियन अमेरीकी डॉलर में खरीद लिया। इसके साथ ही उमर फारूक ने यह भी दावा किया कि फराह खान के आग्रह पर घड़ी का भुगतान नकद में किया गया था।
तोशाखाना विवाद क्या है?
आपको बता दें कि तोशाखाना कैबिनेट का एक विभाग है, जहां अन्य देशों की सरकारों, राष्ट्रप्रमुखों और विदेशी मेहमानों द्वारा दिए गए महंगे उपहारों को रखा जाता है। नियमों के तहत किसी दूसरे देशों के प्रमुखों या गणमान्य लोगों से मिले उपहारों को तोशाखाना में रखा जाना जरूरी है। 2018 में पाकिस्तान के पीएम बनने के बाद इमरान खान को यूरोपीय और अरब देशों की यात्राओं के दौरान वहां के शासकों से महंगे उपहार मिले थे, जिन्हें इमरान ने तोशाखाना में जमा करा दिया था। लेकिन इमरान खान ने बाद में तोशाखाना से इन्हें सस्ते दामों पर खरीदा और बड़े मुनाफे में बेच दिया। इस पूरी प्रक्रिया को उनकी सरकार ने बकायदा कानूनी अनुमति दी थी।
|
इमरान के चुनाव लड़ने पर लग चुकी है रोक
आपको बता दें कि, ये विवाद इतना बढ़ गया है, कि चुनाव आयोग ने इमरान खान के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है। रिपोर्ट के मुताबिक इनकी बिक्री से इमरान खान को 36 मिलियन पाकिस्तानी रुपए हासिल हुए। यह मामला सामने आने के बाद इसमें काफी विवाद हुआ। जियो न्यूज की एक रिपोर्ट की मुताबिक, इमरान खान ने एक बार कहा था कि ये उनके गिफ्ट है, जो उन्हें निजी तौर पर दिए गए हैं, इसलिए इन पर उनका अधिकार है। खान ने कहा था कि यह उनकी मर्जी है कि वह इन गिफ्ट को अपने पास रखे या नहीं। हालांकि अदालत ने उनकी दलील नहीं सुनी और अक्टूबर 2022 में 'इमरान खान' को चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
जर्मनी में सरकार की तख्तापलट की कोशिश, राजकुमार हुए गिरफ्तार, जानें कौन हैं प्रिंस हेनरिक?