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Navy SEAL कमांडो की बदनाम ट्रेनिंग की खौफनाक कहानी, जानिए कैसे खून के गरारे कर मर जाते हैं जवान

अमेरिकी नेवी सील कमांडों के लिए इस साल 210 छात्रों ने दाखिला लिया था, लेकिन हेल वीक यानि ट्रेनिंग के तीसरे हफ्ते, तक 189 छात्रों ने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया।

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वॉशिंगटन, अगस्त 30: 24 साल के काइल मुलेन में हमेशा ड्राइव करने की प्राकृतिक प्रतिभा थी, जिसने उसकी सफलता को आसान बना दिया, लेकिन जब तक उन्होंने नेवी सील के लिए प्रयास नहीं किया। 24 साल के काइल मुलेन जनवरी महीने में कैलिफोर्निया तट पर सर्वश्रेष्ठ नेवी सील कमांडो बनने के इरादे से पहुंचे, लेकिन उन्हें तब तक नहीं पता था, कि उनकी जिंदगी के साथ क्या होने वाला है। काइल मुलेन हाईस्कूल में एक बेहतरीन छात्र होने के अलावा फुटबॉल टीम के कप्तान और स्टेट चैंपियन थे। लेकिन, ट्रेनिंग के तीसरे ही हफ्ते भारी शारीरिक और मानसिक परेशानी, नींद की कमी और हाइपोथर्मिया के लगातार स्ट्रोक की वजह से 6 फीट 4 इंच का ये जवान मर चुका था और इसके साथ ही अमेरिकी नेवी सील की एक और बदनाम और खौफनाक कहानी सामने आ गई, जो दिल दहलाने वाला है। काइल मुलेन के फेफड़े में खून भर चुका था, क्योंकि उसकी खांसी थमने का नाम नहीं ले रही थी और उसके पास के लोगों का कहना था, कि उसकी स्थिति ऐसी थी, मानो वो खून के गरारे कर रहा है।

189 लोगों ने छोड़ दी नौकरी

189 लोगों ने छोड़ दी नौकरी

अमेरिकी नेवी सील कमांडों के लिए इस साल 210 छात्रों ने दाखिला लिया था, लेकिन हेल वीक यानि ट्रेनिंग के तीसरे हफ्ते, तक 189 छात्रों ने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया, जिनमें ज्यादातर गंभीर रूप से चोटिल हो गये थे। लेकिन, काइल मुलेन उन लोगों में से थे, जो खून थूककर भी हार नहीं मान रहे थे और ना ही सील कमांडों के ट्रेनर ने और ना ही डॉक्टरों ने ही उन्हें रोकने की कोशिश की। फिर खून थूकते हुए काइल मुलेन की मौत हो गई। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जब काइल मुलेन हेल वीक के अंत में ठंडे समुद्र से बाहर निकले, तो SEAL के लीडर्स ने उनसे हाथ मिलाया, उन्हें खाने के लिए एक पिज्जा दिया और उन्हें कुछ देर आराम करने के लिए कहा। जिसके बाद काइल मुलेन अपने बैरक में गये और फर्श पर लेट गये और फिर उनके दिल ने धड़कना बंद कर दिया और उनकी मौत हो गई। उसी दोपहर एक और ट्रेनिंग ले रहे छात्र को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा, जिसकी जान काफी मुश्किल से बची।

बेहद खौफनाक सील ट्रेनिंग

बेहद खौफनाक सील ट्रेनिंग

SEAL टीमों को दशकों से बाहरी लोगों और खुद सील के ही अधिकारियों की तरफ से आलोचना का सामना करना पड़ा है। सील कमांडो का चयन पाठ्यक्रम, जिसे बेसिक अंडरवाटर डिमोलिशन / सील प्रशिक्षण, या BUD/S के रूप में जाना जाता है, वो बहुत कठिन, बहुत क्रूर और बहुत बार मौत का कारण बन जाता है, अकसर ट्रेनिंग के वक्त जवानों की हड्डियां टूट जाती हैं और फिर वो खतरनाक संक्रमण के शिकार हो जाते हैं या फिर उनकी डूबने से मौत हो जाती है। 1953 से अब तक कम से कम 11 लोगों की डूबने से मौत हो चुकी है। हालांकि, इसके समर्थन में आए अधिकारियों की दलील होती है, कि काफी लंबे वक् से सील की टीमें दुनिया की सबसे खतरनाक मिशनों को अंजाम देती आई हैं, जिनमें भीषण आतंकियों से मुकाबला हो या फिर ओसामा बिन लादेन को मारना, लिहाजा सील को ऐसे जवान चाहिए, जो निडर हो और जो किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए हर वक्त तैयार हों। उन्हें तैयार करने के लिए यह महत्वपूर्ण है। बीयूडी/एस के बिना कोई सील नहीं हो सकती है। हालांकि, निजी तौर पर बातचीत के दौरान सील ट्रेनर्स मौत के दम तक ट्रेनिंग की बात करते हैं।

ट्रेनिंग से जाती जानें

ट्रेनिंग से जाती जानें

सील कमांडो ट्रेनिंग के दौरान कई घंटों तक पानी में रखा जाता है, जो पानी काफी खराब होता है, लिहाजा जवान कई तरह के संक्रमण का शिकार हो जाते हैं। मुलेन की मौत की मेडिकल वजह बैक्टीरियल निमोनिया बताया गया, लेकिन परिवार ने ट्रेनिंग कोर्स को जिम्मेदार बताया है।, जिसमें बिना रेस्ट दिए और थकान की परवाह किए बगैर हर दिन कई घंटों की खतरनाक ट्रेनिंग शामिल होती है और ट्रेनर को इस बात से भी फर्क नहीं पड़ता, कि कोई जवान घायल है। वहीं, सील ट्रेनिंग सेंटर में तैनात डॉक्टर अब ऐसे जवानों को देखने के आदि हो चुके हैं, लिहाजा वो भी ज्यादातर वक्त उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं करते हैं। हेल वीक हो जाने के बाद कभी कभार डॉक्टर्स उन्हें देखने के लिए आते हैं। मृतक मुलेन की मां कहती है, "उन्होंने उसे मार डाला।" रेजिना मुलेन, जो एक रजिस्टर्ड नर्स हैं, उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि, "वे कहते हैं कि यह प्रशिक्षण है, लेकिन यह यातना है। और फिर उन्होंने उसे उचित चिकित्सा देखभाल भी नहीं दी। वे इन लोगों के साथ युद्धबंदियों की तरह व्यवहार करते हैं, या उससे भी बदतर।"

सोच से ज्यादा जटिलता

सोच से ज्यादा जटिलता

मुलेन की मृत्यु ने उन पुराने सवालों को फिर से जीवित कर दिया है, जो सालों से उठते रहे हैं, लेकिन जिन्हें दरकिनार किया जाता रहा है, लेकिनये नये सवाल भी जल्द ही जटिलता की बोझ में दब जाएंगे। जब नौसेना ने मुलेन का सामान इकट्ठा किया, तो उन्होंने उसकी कार में सीरिंज और अपनी क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं को देखा। बीयूडी/एस के प्रभारी कप्तान ने तुरंत एक जांच का आदेश दिया और जल्द ही लगभग 40 उम्मीदवारों ने उन दवाओं का पॉजिटिव टेस्ट दिया, जो नौसेना के नियमों के उल्लंघन है स्टेरॉयड या अन्य दवाओं का उपयोग करना वर्जित है। हालांकि, नौसेना ने अभी तक उसकी मौतको ड्रग्स से नहीं जोड़ा है, लेकिन ज्यादातर जवान अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए ड्रग्स का इस्तेमाल करने लगते हैं। नौसेना के एक प्रवक्ता ने मुलेन की मौत पर या व्यापक नशीली दवाओं के उपयोग के आरोपों पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि, रिपोर्ट जारी होने से पहले ऐसा कहना और करना अनुचित होगा और मुलेन के परिवार को जांच रिपोर्ट आने के बाद इसकी जानकारी दी जाएगी।

कोर्स में शामिल हो चुका है ड्रग्स

कोर्स में शामिल हो चुका है ड्रग्स

बीयूडी/एस ट्रेनिंग में ड्रग्स काफी गहराई तक पहुंच चुका है। हालांकि, बिना जांच किए इस नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता है, कि ड्रग्स कितना अंदर तक पहुंच चुका है, लेकिन एक दर्जन से ज्यादा वर्तमान और पूर्व जवानों ने ट्रेनिंग के दौरान ड्रग्स कल्चर को सही माना है। जवानों का कहना है कि, ट्रेनिंग में ड्रग्स का इस्तेमाल पिछले कई दशक से जारी है और एक तरह से ये ट्रेनिंग कोर्स का हिस्सा हो चुका है। SEAL अधिकारियों का कहना है कि, उनके पास इस ड्रग्स इस्तेमाल को खत्म करने के लिए कोई जांच कार्यक्रम चलाने का कोई अधिकार नहीं है। हालांकि, अब उन्होंने औपचारिक रूप से जून में सभी उम्मीदवारों का परीक्षण शुरू करने के लिए नौसेना से इजाजत मांगी है, लेकिन अभी भी वो प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं और तब तक ड्रग्स का इस्तेमाल जारी है। वहीं, ट्रेनिंग के दौरान सुरक्षा में सुधार और ज्यादा छात्र ट्रेनिंग पास करें, इसके लिए वर्षों से कई बदलाव किए गये हैं, लेकिन नौसेना ने बीयूडी/एस को आसान बनाने की कितनी भी कोशिश की हो, लेकिन, ऐसा लगता है कि यह और भी कठिन होता जा रहा है। 1980 के दशक में लगभग 40% उम्मीदवारों ने स्नातक किया। जबकि, पिछले 25 सालों में ये औसत गिरकर 26% हो गया है। 2021 में यह सिर्फ 14% था और इस साल मुलेन की कक्षा में सिर्फ 10% से कम जवान ही बचे हैं।

मुलेन का दूसरा प्रयास

मुलेन का दूसरा प्रयास

जब मुलेन ने जनवरी में बीयूडी/एस शुरू किया, तो यह उनका दूसरा प्रयास था। उनका पहला प्रयास अगस्त 2021 में था, और उन्होंने तैयारी के लिए एक वर्ष से अधिक समय दौड़ने, तैरने और भार उठाने में बिताया था। लेकिन, उनकी सारी तैयारी एक दिन तक ही चल सकी। प्रशिक्षक बीयूडी / एस के पहले तीन हफ्तों को एट्रिशन चरण कहते हैं, जिसमें दंड देने वाला व्यायाम कहते हैं, जिसमें ठंडा पानी और उत्पीड़न का मतलब ताकत, सहनशक्ति और मानसिक दृढ़ता की कमी वाले किसी भी व्यक्ति को बाहर हटाना है और ट्रेनर्स को "टर्ड" कहते हैं। मुलेन की मां ने कहा कि, जवानों को बिना किसी ब्रेक के गर्म रेत पर दौड़या जाता है, रेंगने के लिए कहा जाता है, बैठने और पुशअप्स करने के लिए कहा जाता है, जो कई घंटों तक चलता रहा। दोपहर के वक्त 170 पाउंड वजन वाले inflatable नावों को अपने सिर पर ले जाना पड़ता है और यही करते वक्त मुलेन की मौत हो गई। मुलेन की मां ने कहा कि, उसने एंबुलेंस से फोन किया था और कहा था कि, उसे पूरे दिन एक बूंद पानी भी नहीं दिया गया और फिर वो गिर गया। जब वो गिर गया, तो एक अधिकारी ने उसे लातें मारी और उठने के लिए कहा, लेकिन जब वो नहीं उठा, तो फिर डॉक्टरों को बुलाया गया और उस वक्त उसके शरीर का तापमान 104 डिग्री मापा गया, जिसके बाद उसे हीटस्ट्रोक के साथ अस्पताल भेज दिया।

काफी सख्त बनाने की कोशिश

काफी सख्त बनाने की कोशिश

बेंजामिन मिलिगन, जो एक पूर्व सील रह चुके हैं, उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स से कहा कि, SEALs ऐसे ऑपरेटर चाहते हैं जो दुश्मन के खिलाफ लाभ हासिल करने के लिए अपरंपरागत तरीके खोज सकें। उन्होंने कहा कि, वो एक ऐसे युद्ध में शामिल होते हैं, जो काफी गंदा होता है और जो गंदा खेलना जानते हैं, वही उस युद्ध में नतीजा हासिल कर सकते हैं, क्योंकि युद्ध एक गंदा खेल है। SEALs में अक्सर सुनी जाने वाली अनौपचारिक कहावत है कि, "यदि आप धोखा नहीं दे रहे हैं, तो आप कोशिश नहीं कर रहे हैं।" बीयूडी/एस के दौरान, उन्होंने कहा कि, "दुश्मन" को आउटफॉक्स किया जाना ही कोर्स है। उन्होंने कहा कि, "कोई भी सब कुछ नहीं कर सकता जो प्रशिक्षक पूछते हैं, इसलिए आपको सीखना होगा, कि कैसे उसे प्राप्त करने के लिए धोखा देना है।" उन्होंने कहा कि, "हर कोई जानता है कि ऐसा होता है। मुद्दा यह सीखना है कि कैसे आप पकड़े नहीं जाते।"

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English summary
The horror story of US Navy SEAL training, where only 14 percent of children dare to pass the training.
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