Covid- 19 से दुनिया में मौत आंकड़ा 3 गुना बढ़ने का अनुमान, 60 लाख लोग प्रभावित
साइंटिफिक जर्नल लैंसेट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड -19 महामारी के कारण मरने वालों की संख्या रिपोर्ट दी गई मौतों की तुलना में तीन गुना अधिक हो सकती है।
नई दिल्ली, 11 मार्च। भारत सरकार और बाल विकास मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार कोविड-19 (Covid 19) महामारी में 142,949 ने अपने माता-पिता में से एक को खो दिया। वहीं हाल ही में साइंटिफिक जर्नल लैंसेट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड -19 महामारी के कारण मरने वालों की संख्या रिपोर्ट दी गई मौतों की तुलना में तीन गुना अधिक हो सकती है। दुनियाभर की आधिकारिक रिपोर्टों में कहा गया है कि वर्ष 2020 में लगभग 60 लाख लोग सीधे तौर पर कोविड -19 के कारण मारे गए हैं। लेकिन नए अध्ययन का अनुमान है कि महामारी का अधिक घातक प्रभाव पड़ा और वास्तविक मृत्यु का आंकड़ा बढ़ सकता है।
24 फरवरी 2022 को साइंटिफिक जर्नल लैंसेट (lancet report) में कोरोना (Covid 19) के दौरान हुई मौतों को लेकर एक शोध प्रकाशित किया गया था। इसमें भारत में 01 मार्च 2020 से 31 अक्टूबर 2021 के बीच देश में अनाथ हुए बच्चों का आंकड़ा 19.15 लाख बताया था। इस पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने पर प्रतिक्रिया दी थी। इस पर टिप्पणी करते हुए कहा की माना जा सकता है कि लैंसेट ने अपने अनुमान का विश्लेषण में सही तरीका अपनाया है। लेकिन यह भारत के विषय में वास्तविकता से दूर है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने इस पर निगरानी के लिए 'बाल स्वराज' नाम का एक पोर्टल बनाया है। जिस पर माता-पिता और संरक्षकों को खोने वाले बच्चों से जुड़े आंकड़ों को साझा किया गया है। लैंसेट की एक रिपोर्ट में यह कहा गया था कि यह अपडेट हो गया है। रिपोर्ट में यह कहा गया है कि 1 जनवरी, 2020 से 31 दिसंबर, 2021 की स्थिति और खराब है। ऐसी मौतों की संख्या 18.2 लाख हो सकती है।
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लैंसेट की एक रिपोर्ट के आधार पर 1 जनवरी, 2020 से 31 दिसंबर, 2021 के लिए खराब हो सकता है। रिपोर्ट के लिए 74 देशों के विभिन्न क्षेत्रों और 266 कम आय और मध्यम आय वाले देशों में 31 स्थानों पर कोरोना के दुष्प्रभाव को लेकर अध्ययन किया गया। इन स्थानों पर कोरोना महामारी के दौरान हुई मौतों का विश्लेषण किया गया। देर से पंजीकरण और गर्मी के प्रकोप से मौतों के आंकड़ों को छोड़कर अन्य मौतों का अध्ययन किया गया। अपेक्षित मृत्यु दर का अनुमान लगाने के लिए छह मॉडलों का उपयोग किया गया था। अंतिम अनुमान इन मॉडलों के एक समूह पर आधारित था। इसमें भारत में कोविड-19 के कारण अतिरिक्त मौतों की संख्या सबसे अधिक (4·07 मिलियन) होने का अनुमान लगाया गया।
साइंटिफिक जर्नल लैंसेट ने सुझाव दिया कि कोरोना महामारी जैसी भविष्य की महामारियों की बेहतर निगरानी करना आवश्यक है। इसके लिए लंबे समय से वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य रणनीति मजबूत करना महत्वपूर्ण है। दुनिया भर में मृत्यु पंजीकरण प्रणाली को भी मजबूत करना चाहिए। इसके अलावा, अध्ययन में कहा गया है कि अतिरिक्त मृत्यु दर के अनुपात में अंतर करने में मदद करने के लिए भविष्य में शोध की आवश्यकता है।
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142,949 बच्चों ने खोए अपने माता-पिता: भारत सरकार
वहीं भारत में केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 10,386 बच्चे अनाथ हो गए। वहीं 492 बच्चे ऐसे मिले जिनके परिजनों ने उन्हें अनाथ छोड़ दिया था। इस तरह देश में कुल 153, 335 बच्चे कोरोना महामारी के चलते बेसहारा हुए हैं। इन बच्चों को माता- पिता या अभिभावक की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई है। कोविड-19 महामारी में अनाथ हुए बच्चों की कुल संख्या 142,949 है।
उड़ीसा
में
सबसे
ज्यादा
बच्चे
अनाथ
भारत
सरकार
के
आंकड़ों
को
अनुसार
उड़ीसा
में
सबसे
अधिक
26,318
बच्चों
ने
अपने
माता-
पिता
या
फिर
संरक्षकों
को
खोया
है।
इस
बाद
महाराष्ट्र
दूसरे
नंबर
पर
है।
जहां
20,429
बच्चे
अपनों
से
दूर
हो
गए।
गुजरात
में
14,934,
तमिलनाडु
में
11,908,
उत्तर
प्रदेश
में
10,317,
आंध्र
प्रदेश
में
8,867,
मध्य
प्रदेश
में
7,662,
पश्चिम
बंगाल
में
6,839,
राजस्थान
में
6,830,
दिल्ली
में
6,757
व
कर्नाटक
में
5,098
बच्चे
अपने
अभिवावकों
से
दूर
हुए।