G7 कॉन्फ्रेंस में भाग लेने गये दो भारतीय प्रतिनिधि कोरोना पॉजिटिव, पूरी टीम क्वांरटाइन, विदेशमंत्री भी हैं साथ
जी-7 मीटिंग में हिस्सा लेने गये दो भारतीय प्रतिनिधि कोरोना वायरस संक्रमित पाए गये हैं। जिसके बाद भारतीय प्रतिनिधियों ने खुद को आइसोलेट कर लिया है।
लंदन, मई 05: लंदन में जी-7 विदेशमंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने गये भारतीय प्रतिनिधियों के दल को क्वारंटाइन होना पड़ा है। भारतीय प्रतिनिधियों की टीम के दो सदस्य कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गये हैं, जिसके बाद भारतीय प्रतिनिधियों की पूरी टीम ने खुद को आइसोलेट कर लिया है। 7 सदस्यीय भारतीय टीम जी-7 कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने लंदन गई है, जिसमें 2 सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाए गये हैं। इस टीम में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी शामिल हैं।
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2 भारतीय अधिकारी कोरोना पॉजिटिव
ब्रिटेन सरकार ने कहा है कि कोविड-19 टेस्ट के दौरान दो भारतीय अधिकारी कोविड-19 संक्रमित पाए गये हैं, जिसके बाद पूरी भारतीय टीम ने खुद को सेल्फ आइसोलेट कर लिया है। ब्रिटेन की सरकार ने कहा है कि जी-7 कॉन्फ्रेंस को लेकर काफी कड़ी जांच हो रही है और इस सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले प्रतिनिधियों का हर दिन कोविड-19 टेस्ट किया जाता है। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर का कोविड-19 टेस्ट निगेटिव आया है।
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ब्रिटिश गृहमंत्री से मिले एस. जयशंकर
स्काई न्यूज रिपोर्टर जो पाइक ने ट्वीट करते हुए कहा है कि भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर का कोविड निगेटिव हैं और उन्होंने मंगलवार को ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल से मुलाकात की है। अब स्काई न्यूज रिपोर्टर जो पाइक ने कहा है कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल वर्चुअली इस मीटिंग में शामिल होगा। आपको बता दें कि भारत जी-7 का स्थायी सदस्य नहीं है लेकिन भारत को पिछले कई सालों से जी-7 की मीटिंग में आमंत्रित किया जाता है। जी-7 के सदस्यों ने कई बार भारत को इस जी-7 में शामिल करने की वकालत की है। वहीं, ब्रिटेन स्थित भारतीय दूतावास ने अभी तक दो भारतीय प्रतिनिधियों के कोविड-19 पॉजिटिव होने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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G7 पर भारत का रूख
आने वाले सालों में भारत अपनी इकॉनोमी को बढ़ाकर 5 ट्रिलियन डॉलर करना चाहता है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra modi) ने देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। फिलहाल भारत की अर्थव्यवस्था का आकार 3 ट्रिलियन डॉलर के करीब है। हालांकि, पिछले साल कोरोना वायरस की वजह से लगाए गये लॉकडाउन ने भारतीय अर्थव्यवस्था को बहुत बड़ा झटका दिया है, बावजूद इसके भारत का लक्ष्य बदला नही है। अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए भारत भी G7 ग्रुप में शामिल होना चाहता है, ताकि भारतीय उद्योगों को यूरोपीय बाजार में रियायत के साथ ही आधुनिक टेक्नोलॉजी मिल सके।
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